दुनिया का सबसे कठोर और अनोखा जीव, जिसकी खौलते पानी में भी नहीं होती मौत
दुनिया भर में लाखों प्रकार के जीव पाए जाते हैं, जिनमें से केवल कुछ ही ऐसे जीव हैं जो सभी परिस्थितियों में जीवित रह सकते हैं। आमतौर पर हर जीव हर प्रकार के मौसम में जीवित नहीं रह सकता। आज हम आपको एक ऐसे ही जीव के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे दुनिया का सबसे कठोर जीव माना जाता है। यह जीव किसी भी स्थिति में जीवित रह सकता है, भले ही आप इसे उबलते पानी में डाल दें। इस जीव का नाम टार्डिग्रेड्स है। आपको बता दें कि टार्डिग्रेड्स नामक यह जीव न केवल उबलते पानी में बल्कि भारी वजन से कुचले जाने के बाद भी जीवित रह सकता है।
इतना ही नहीं इसे अंतरिक्ष से फेंके जाने पर भी नहीं मारा जा सकता। आपको बता दें कि वर्ष 2007 में वैज्ञानिकों ने हजारों टार्डिग्रेड्स को एक सैटेलाइट में डालकर अंतरिक्ष में भेजा था। जब यह अंतरिक्ष यान पृथ्वी पर वापस लौटा तो देखा गया कि टार्डिग्रेड्स जीवित थे। यहां तक कि मादा टार्डिग्रेड ने भी अंडे दिए थे। आपको बता दें कि जब सूखे की समस्या होती है तो टार्डिग्रेड्स के कुछ जीन सक्रिय हो जाते हैं, जो उनकी कोशिकाओं में पानी की जगह ले लेते हैं। फिर वे ऐसे ही रहते हैं और कुछ महीनों या वर्षों के बाद, जब पानी फिर से उपलब्ध होता है, तो वे अपनी कोशिकाओं को फिर से पानी से भर लेते हैं।
इसके अलावा वैज्ञानिकों का कहना है कि इस जीव के अंदर 'पैरामैक्रोबायोटास' नामक जीन पाया जाता है। पैरामाइक्रोबायोटा एक सुरक्षात्मक फ्लोरोसेंट कवच है जो पराबैंगनी विकिरण को रोकता है। यह जीन हानिकारक पराबैंगनी विकिरण को अवशोषित कर लेता है तथा उसे हानिरहित नीली रोशनी के रूप में वापस उत्सर्जित करता है। वहीं, सामान्य जीव इन हानिकारक किरणों के बीच केवल 15 मिनट तक ही जीवित रह सकते हैं।
भारतीय विज्ञान संस्थान के एक जैव रसायनज्ञ ने अपने शोध पत्र में लिखा है, "पैरामैक्रोबायोटस के नमूने UV प्रकाश के अंतर्गत प्राकृतिक प्रतिदीप्ति प्रदर्शित करते हैं, जो UV विकिरण की घातक खुराक से सुरक्षा प्रदान करता है।" शोधकर्ताओं के अनुसार, इस जीव के 'पैरामाइक्रोबायोटा' को निकालकर अन्य जीवों में भी स्थानांतरित किया जा सकता है।