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इजरायलके अराक अटैक के बाद क्या अधूरा रह जाएगा ईरान का परमाणु बम बनाने का सपना ? प्लूटोनियम उत्पादन पर लग सकती है रोक 

इजरायलके अराक अटैक के बाद क्या अधूरा रह जाएगा ईरान का परमाणु बम बनाने का सपना ? प्लूटोनियम उत्पादन पर लग सकती है रोक 

इजराइल लगातार ईरान पर हमले कर रहा है और इन हमलों में सबसे बड़ा निशाना इजराइल के परमाणु ठिकाने हैं। इजराइल ने ईरान के नतांज और फोर्डो जैसे परमाणु ठिकानों पर कई बार हमला किया है। इजराइल को डर है कि ईरान परमाणु बम बनाने के बेहद करीब है और इसी वजह से उसने ईरान पर हमला किया है। अब इसी क्रम में इजराइल ने ईरान के अराक रिएक्टर को निशाना बनाया है, जो एक परमाणु ठिकाना भी है। ऐसे में आइए जानते हैं कि ईरान के परमाणु प्रोजेक्ट के लिए यह कितना अहम है...

अराक रिएक्टर को निशाना बनाया

बता दें कि IDF ने ईरान के अराक क्षेत्र में एक निष्क्रिय परमाणु रिएक्टर पर हमला किया है। देर रात इजराइल ने खुफिया विभाग के सटीक मार्गदर्शन में 40 लड़ाकू विमानों से 100 से ज्यादा गोला-बारूद के साथ तेहरान और ईरान के कई सैन्य ठिकानों पर हमला किया। इन हमलों में ईरान के अराक क्षेत्र में परमाणु रिएक्टर पर हमला किया गया ताकि ईरानी शासन के परमाणु हथियार कार्यक्रम को नुकसान पहुंचाया जा सके। इसमें प्लूटोनियम बनाने वाली कुछ संरचनाएं भी शामिल हैं।

यह रिएक्टर कितना महत्वपूर्ण है

अरक रिएक्टर एक निष्क्रिय परमाणु रिएक्टर है, जो प्लूटोनियम उत्पादन के लिए एक महत्वपूर्ण इकाई है। रिएक्टर एक प्रकार की भट्टी होती है, जिसके माध्यम से किसी रासायनिक या परमाणु प्रतिक्रिया को नियंत्रित किया जाता है। इस रिएक्टर का निर्माण 1997 में शुरू हुआ था, लेकिन अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण इसे पूरा नहीं किया जा सका। रिएक्टर को विशेष रूप से प्लूटोनियम का उत्पादन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो परमाणु हथियार बनाने में महत्वपूर्ण है। इसे प्लूटोनियम का उत्पादन करने के लिए बनाया गया था।

अरक

ईरानी शासन से कहा गया था कि वह इस रिएक्टर को कम प्लूटोनियम उत्पादन क्षमता वाले रिएक्टर में बदल दे, जिसमें परमाणु हथियारों के अधिग्रहण की अनुमति नहीं होगी। आईडीएफ का कहना है कि ये चीजें ईरान के परमाणु हथियार अभियान और इजरायली नागरिकों पर हमलों को बढ़ावा देती हैं। यह एक आधा-अधूरा भारी जल अनुसंधान रिएक्टर है, जिसे खोंडाब के नाम से भी जाना जाता है। इसमें भारी जल रिएक्टर प्लूटोनियम का उत्पादन कर सकते हैं, जिसका उपयोग परमाणु बमों के लिए किया जा सकता है। 2015 के समझौते में, इस रिएक्टर के कोर को हटा दिया गया था और कंक्रीट से भर दिया गया था ताकि यह हथियार-ग्रेड प्लूटोनियम का उत्पादन न करे। अब इसे फिर से शुरू करने की बात चल रही थी।

परमाणु बम में प्लूटोनियम कितना महत्वपूर्ण है?

प्लूटोनियम परमाणु बम में सबसे महत्वपूर्ण इकाई है, क्योंकि यह विखंडन प्रक्रिया का मुख्य ईंधन है। विशेष रूप से, प्लूटोनियम-239 (Pu-239) का उपयोग किया जाता है, जो न्यूट्रॉन बमबारी पर आसानी से विखंडित हो जाता है और भारी मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न करता है।

परमाणु ठिकाने कौन से हैं?

नतांज - ईरान के परमाणु ठिकानों में नतांज सबसे महत्वपूर्ण है। यह तेहरान के दक्षिण में क़ोम शहर के पास पहाड़ों के किनारे पर स्थित है। नतांज में दो प्रमुख संयंत्र हैं, जिनमें ईंधन संवर्धन संयंत्र (FEP), पायलट ईंधन संवर्धन संयंत्र (PFEP) शामिल हैं। FEP भूमिगत बनाया गया है और बड़े पैमाने पर यूरेनियम जोड़ रहा है जबकि PEEP ज़मीन के ऊपर है।

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