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भारत पर 250% टैरिफ लगाने की धमकी क्यों दे रहे हैं ट्रंप? जानिए वो 5 बड़े कारण जिस इंडिया पर बौखलाए US प्रेसिडेंट 

भारत पर 250% टैरिफ लगाने की धमकी क्यों दे रहे हैं ट्रंप? जानिए वो 5 बड़े कारण जिस इंडिया पर बौखलाए US प्रेसिडेंट 

अमेरिका ने भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया है, जिससे कुल शुल्क 50 प्रतिशत हो गया है। भारत से निर्यात होने वाले सामानों पर भारी टैरिफ लगाने से उनकी बिक्री में दिक्कत आ सकती है और जिन देशों ने कम टैरिफ लगाया है, उनके सामान अमेरिकी बाज़ार में पहुँच सकते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर भारी टैरिफ लगाने के पीछे रूस से लगातार तेल आयात को वजह बताया है। रूस और यूक्रेन पिछले साढ़े तीन साल से युद्ध के मैदान में हैं और अमेरिका लगातार रूस से युद्ध रोकने की अपील कर रहा है। युद्ध के चलते अमेरिका समेत कई पश्चिमी देशों ने रूस पर भारी प्रतिबंध लगा दिए हैं। ऐसे में भारत अपनी पुरानी दोस्ती और राष्ट्रीय हित को सर्वोपरि रखते हुए लगातार रूस से तेल आयात कर रहा है। हालाँकि, ट्रंप की भारत से चिढ़ के पीछे सिर्फ़ तेल आयात ही वजह नहीं है, बल्कि कई और वजहें भी हैं।

क्या युद्धविराम का श्रेय न दिए जाने से ट्रंप चिढ़े हुए हैं?

मई में कई दिनों तक भारत और पाकिस्तान के बीच तनातनी रही। पहलगाम हमले के बाद भारत ने पीओके और पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर हमले किए। हालाँकि, चार दिन बाद दोनों देशों के बीच युद्धविराम हो गया, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने युद्धविराम कराने का दावा किया। उन्होंने 30 से ज़्यादा बार कहा है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कराया, लेकिन भारत सरकार ने स्पष्ट किया कि यह भारत और पाकिस्तान के बीच डीजीएमओ स्तर पर हुआ। इसमें किसी तीसरे देश की कोई भूमिका नहीं है। दूसरी ओर, पाकिस्तानी सरकार कई बार युद्धविराम कराने का श्रेय ट्रंप को दे चुकी है। जानकारों के अनुसार, ट्रंप की भारत से चिढ़ की एक वजह यह भी है कि भारत ने उन्हें युद्धविराम का श्रेय नहीं दिया।

भारत ने ट्रंप को नोबेल पुरस्कार देने की मांग नहीं की

ट्रंप लंबे समय से चाहते रहे हैं कि इस साल का नोबेल शांति पुरस्कार उन्हें दिया जाए। इसी वजह से, वह खुद दुनिया भर के युद्धों में कूद पड़ते हैं और उन्हें रोकने का दावा करते हैं। भारत-पाकिस्तान के अलावा, ट्रंप ने इज़राइल-ईरान, इज़राइल-हमास, थाईलैंड-कंबोडिया जैसे युद्धों को रोकने का दावा भी किया है। इज़राइल, कंबोडिया और पाकिस्तान जैसे देशों ने आधिकारिक तौर पर ट्रंप को नोबेल देने की मांग की है, लेकिन भारत ने ऐसा नहीं किया है। भारत ने दो टूक कह दिया है कि ऐसे सवाल व्हाइट हाउस से पूछे जाने चाहिए, भारत से नहीं। ऐसे में ट्रंप का इससे चिढ़ना लाज़मी है।

रूस-यूक्रेन युद्ध को किसी भी कीमत पर नहीं रोक सका

अमेरिका, अन्य पश्चिमी देशों की तरह, शुरू से ही इस युद्ध में यूक्रेन का पक्षधर रहा है। इसी के चलते उसने पहले रूस पर कई कड़े प्रतिबंध लगाए, लेकिन जब उसका भी कोई असर नहीं हुआ, तो उसने यूक्रेन को खुलेआम हथियार और आर्थिक मदद देनी शुरू कर दी। इसके बाद, जब ट्रंप राष्ट्रपति बने, तो उन्होंने इस युद्ध को रोकने की पूरी कोशिश की। कभी उन्होंने यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की से बात की, तो कभी पुतिन को फ़ोन किया। लेकिन उनकी सारी कोशिशें काम नहीं आईं और रूस किसी भी कीमत पर यूक्रेन पर बमबारी करने से पीछे नहीं हटा। ऐसे में अमेरिका को भी भारत का रूस से तेल ख़रीदना बुरा लगा और अब वह भारी टैरिफ लगाकर किसी भी तरह भारत को रूस से तेल ख़रीदने से रोकना चाहता है।

कृषि और डेयरी बाज़ार तक ज़्यादा पहुँच चाहता है अमेरिका

भारत का कृषि और डेयरी बाज़ार बहुत बड़ा है और अमेरिका भी इसका फ़ायदा उठाना चाहता है। भारत और अमेरिका के बीच कई महीनों से ट्रेड डील पर बातचीत चल रही है, लेकिन भारत किसी भी हालत में अमेरिका की कृषि और डेयरी उत्पादों से जुड़ी मांगों को मानने को तैयार नहीं है। अमेरिका भारत से मक्का, सेब, सोयाबीन समेत तमाम चीजों पर टैरिफ कम करने की मांग कर रहा है और अपने डेयरी उत्पादों पर भी डील चाहता है। लेकिन इससे भारत के किसानों को नुकसान हो सकता है और यही वजह है कि भारत सरकार किसी भी कीमत पर समझौता करने के मूड में नहीं है। पीएम मोदी ने गुरुवार को एक बयान के जरिए इसकी झलक दिखाई। ट्रंप का नाम लिए बिना उन्हें जवाब देते हुए पीएम मोदी ने साफ कर दिया कि हमारे लिए किसानों का हित सर्वोच्च प्राथमिकता है और भारत पशुपालकों, मछुआरों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा। यही वजह है कि भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील अटकी हुई है। संभव है कि ट्रंप के भारत पर गुस्से के पीछे एक वजह यह भी हो।

भारत ने रूस से तेल खरीदना बंद नहीं किया
ट्रंप की कई चेतावनियों को नजरअंदाज करते हुए भारत ने अब तक रूस से तेल खरीदना बंद नहीं किया है। ट्रंप का दावा है कि भारत न सिर्फ़ रूस से कम दाम पर तेल आयात कर रहा है, बल्कि दूसरे देशों को ऊँची क़ीमत पर बेचकर अच्छा मुनाफ़ा भी कमा रहा है। इसके लिए ट्रंप ने भारत पर टैरिफ़ के रूप में जुर्माना भी लगाया है। पहले 25% टैरिफ़ लगाया गया और फिर 6 अगस्त को 25% अतिरिक्त टैरिफ़ लगाने का ऐलान किया गया। भारत ने भी तुरंत प्रतिक्रिया दी और साफ़ कर दिया कि भारत राष्ट्रहित में जो भी कदम उठाएँगे, उठाता रहेगा।

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