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क्या है अमेरिका का 'समोसा कॉकस', जानिए कैसे ट्रंप हुए इससे मजबूत

अमेरिकी समयानुसार वाशिंगटन में शुक्रवार की शाम राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘वन बिग ब्यूटीफुल बिल’ पर दस्तखत किए, जिससे यह बिल कानून बन गया। व्हाइट हाउस के लॉन पर आज़ादी के जश्न के साथ-साथ राजनीतिक गर्माहट भी महसूस की गई.........
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अमेरिकी समयानुसार वाशिंगटन में शुक्रवार की शाम राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘वन बिग ब्यूटीफुल बिल’ पर दस्तखत किए, जिससे यह बिल कानून बन गया। व्हाइट हाउस के लॉन पर आज़ादी के जश्न के साथ-साथ राजनीतिक गर्माहट भी महसूस की गई, लेकिन देश के विभिन्न हिस्सों में खासकर उन इलाकों में जहां बड़ी संख्या में लोग हेल्थ इंश्योरेंस और सरकारी फूड सपोर्ट पर निर्भर हैं, इस बिल को लेकर गहरी चिंता और विरोध देखने को मिला।

‘समोसा कॉकस’ और बिल का विरोध

इस बिल का सबसे मुखर विरोध भारतीय मूल के छह अमेरिकी सांसदों ने किया है, जिन्हें ‘समोसा कॉकस’ के नाम से जाना जाता है। इसमें शामिल हैं: रो खन्ना, अमी बेरा, प्रमिला जयपाल, राजा कृष्णमूर्ति, सुहास सुब्रमण्यम और श्री थानेदार। ये सांसद इस बिल को ‘नैतिक विफलता’ और ‘गरीबों से धोखा’ करार देते हैं। समोसा कॉकस नाम भारत से जुड़ा है, और ये सांसद आम हितों के लिए जैसे आसान आव्रजन नीतियां और सामाजिक कल्याण के मुद्दे उठाते हैं। राजा कृष्णमूर्ति ने यह शब्द गढ़ा था।

राजा कृष्णमूर्ति, जो 2017 से इलिनॉय के 8वें जिले का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, ने कहा, "मैंने इलिनॉय से वाशिंगटन 14 घंटे की ड्राइव करके सिर्फ इसलिए आना उचित समझा कि इस जालिम बिल के खिलाफ आवाज़ उठाई जा सके। यह कानून करोड़ों लोगों से हेल्थकेयर छीनता है और अमीरों की जेब भरता है।" वहीं, मिशिगन से कांग्रेसमैन श्री थानेदार ने बताया कि उनके इलाके में 47% लोग मेडिकेड और 29% लोग SNAP यानी फूड सपोर्ट पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा, "मेरे लिए इस बिल के खिलाफ वोट देना अब तक का सबसे आसान फैसला था।"

बिल के प्रति चिंताएं और आलोचनाएं

कैलिफोर्निया से सांसद और डॉक्टर अमी बेरा ने कहा, "हमने यूनिवर्सल हेल्थकेयर की दिशा में जो मेहनत की थी, यह बिल उसे पूरी तरह उलट देता है। केवल कैलिफोर्निया में ही लगभग 2 मिलियन लोग इस बिल के प्रभाव में आएंगे।"

अमेरिका के कांग्रेसनल बजट ऑफिस ने चेतावनी दी है कि इस कानून में टैक्स कटौती और प्रो-बिजनेस प्रावधान शामिल हैं, जिनकी वजह से अगले 10 सालों में अमेरिका का बजट घाटा 4.5 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ सकता है। साथ ही, बिल मेडिकेड और SNAP जैसे हेल्थ और फूड सपोर्ट प्रोग्राम्स की फंडिंग में कटौती करता है। इसके अलावा, बिल में एक नया प्रावधान जोड़ा गया है जिसमें विदेशी धन भेजने (रेमिटेंस) पर 1% टैक्स लगाया गया है, जिससे अनुमान है कि करीब 10 बिलियन डॉलर की आमदनी होगी।

ट्रंप का दावा और बिल की खासियत

ट्रंप समर्थक इस बिल को ‘अमेरिका के लिए नया स्वर्ण युग’ बताते हैं। राष्ट्रपति ट्रंप ने इसे ‘उन सभी वादों का प्रतीक’ कहा जिनके साथ उन्होंने चुनाव लड़ा था। इस बिल के जरिए टैक्स में कटौती, बॉर्डर सिक्योरिटी के लिए फंडिंग बढ़ाना, और व्यवसायों को प्रोत्साहित करने जैसे लक्ष्य पूरे किए जाने का दावा किया गया है। पार्टी के समर्थन के साथ बिल को प्रतिनिधि सभा से पारित किया गया और राष्ट्रपति ट्रंप ने शुक्रवार को इसे कानून बनने पर अपने हस्ताक्षर किए। उन्होंने ‘वन बिग ब्यूटीफुल बिल’ की तारीफ करते हुए इसे अमेरिका के ‘नए स्वर्ण युग की शुरुआत’ बताया।

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