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वीडियो में देखें अब चीन बोला हमने भारत-पाक संघर्ष रुकवाया, कई लड़ाइयां सुलझाने में निभाई मध्यस्थता की भूमिका

वीडियो में देखें अब चीन बोला हमने भारत-पाक संघर्ष रुकवाया, कई लड़ाइयां सुलझाने में निभाई मध्यस्थता की भूमिका

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बाद अब चीन ने भी यह दावा किया है कि उसने भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए सैन्य तनाव को कम कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। चीन का कहना है कि जब इस साल दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए थे, तब उसने मध्यस्थता कर स्थिति को शांत करने की कोशिश की।

मंगलवार को बीजिंग में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि चीन हमेशा से दुनिया के कई अंतरराष्ट्रीय संघर्षों को सुलझाने में मदद करता रहा है। उन्होंने विशेष रूप से बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के दौरान भी चीन ने सक्रिय भूमिका निभाई। वांग यी ने कहा, "हमारा उद्देश्य क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखना है और हम सभी संबंधित पक्षों के बीच संवाद स्थापित करने में मदद करते हैं।"

चीन के विदेश मंत्रालय ने वांग यी के इस बयान को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा किया, जिससे यह जानकारी विश्व समुदाय तक पहुंची। चीन की इस घोषणा के बाद यह चर्चा तेज हो गई है कि दक्षिण एशिया में भारत-पाकिस्तान संबंधों को लेकर चीन कितनी सक्रिय भूमिका निभा रहा है।

यह घटना उस समय सामने आई है जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भी लगातार दावा कर रहे हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने में मदद की है। ट्रम्प अब तक इस संघर्ष को रुकवाने का क्रेडिट 50 से अधिक बार ले चुके हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि चीन और अमेरिका दोनों के इस तरह के दावे उस क्षेत्र में अपनी प्रभावशाली भूमिका को साबित करने की कोशिश हैं। हालांकि, भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों ने इस संबंध में अलग-अलग बयान जारी किए हैं, और उन्होंने किसी भी विदेशी मध्यस्थता की पुष्टि नहीं की है।

इस बीच, अंतरराष्ट्रीय राजनयिक और सुरक्षा विश्लेषक इस मामले को लेकर सतर्क नजर रख रहे हैं। उनका कहना है कि दक्षिण एशिया में तनावपूर्ण परिस्थितियों में किसी भी बड़ी ताकत द्वारा मध्यस्थता का दावा, क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण हो सकता है। वहीं, दोनों देशों के बीच वास्तविक स्थिति और अंतरराष्ट्रीय पहलू अलग-अलग हो सकते हैं।

चीन का यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के वर्षों में कई बार तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हुई है। दोनों देशों के बीच सीमा पर हुई घटनाओं और सैन्य गतिरोधों के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय लगातार शांति स्थापित करने के उपायों पर ध्यान दे रहा है।

विशेषज्ञों का कहना है कि चीन की इस मध्यस्थता की घोषणा के पीछे न केवल शांति स्थापित करने का संदेश है, बल्कि वैश्विक राजनीति में अपनी स्थिति को मजबूत करने का भी उद्देश्य हो सकता है। दक्षिण एशियाई क्षेत्र की स्थिरता में किसी भी बाहरी शक्ति की भूमिका पर ध्यान रखना अब और महत्वपूर्ण हो गया है।

इस तरह, अमेरिका और चीन दोनों ही भारत-पाकिस्तान संघर्ष को कम कराने में अपनी भूमिका के दावे कर रहे हैं, जिससे क्षेत्रीय राजनीति में नया बहस का विषय पैदा हो गया है।

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