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तुर्किए की दोहरी चाल! पाकिस्तान को S-400 बेच खुद अमेरिका से F-35 की डील चाहता है Turkey, इजरायल में मचा हड़कंप

तुर्किए की दोहरी चाल! पाकिस्तान को S-400 बेच खुद अमेरिका से F-35 की डील चाहता है Turkey, इजरायल में मचा हड़कंप

अमेरिका और इज़राइल के बीच बहुत अच्छे संबंध हैं। इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हाल ही में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम नोबेल पुरस्कार के लिए भेजा है, लेकिन इस बीच ट्रंप मुश्किल में पड़ते दिख रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इज़राइल नहीं चाहता कि अमेरिका अपना लड़ाकू विमान F-35 तुर्की को बेचे। उसने इस पर अपनी नाराज़गी जताई है।दरअसल, तुर्की ने एक बड़ी योजना बनाई है। वह पाकिस्तान को अपना रूसी वायु रक्षा प्रणाली S-400 बेचने की योजना बना रहा है, लेकिन उसके लिए यह आसान नहीं होगा। तुर्की को S-400 बेचने से पहले रूस की अनुमति लेनी होगी। वह अमेरिका का लड़ाकू विमान F-35 बेचकर उसे हासिल करना चाहता है और इज़राइल इसी बात से नाराज़ है।

इज़राइली अधिकारी ने ट्रंप से क्या बात की

'डिफेंस सिक्योरिटी एशिया' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इज़राइल का कहना है कि तुर्की को F-35 मिलना पूरे मध्य पूर्व के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। एक इज़राइली अधिकारी ने इस बारे में डोनाल्ड ट्रंप से बात की है। उन्होंने ट्रंप को बताया है कि तुर्की को F-35 देने से न सिर्फ़ इज़राइल कमज़ोर हो सकता है, बल्कि मध्य पूर्व का वायु शक्ति संतुलन भी बिगड़ सकता है।

तुर्की को F-35 क्यों नहीं मिलना चाहिए, इज़राइल ने रखी अपनी बात

इज़राइल का मानना है कि अगर तुर्की को F-35 दिया जाता है, तो रूस को उसकी क्षमता और शक्ति का अंदाज़ा हो जाएगा। रूस का वायु रक्षा तंत्र S-400 काफी मज़बूत माना जाता है। भारत को भी इस पर काफी भरोसा है। तुर्की ने 2017 में रूस के साथ लगभग 2.5 अरब अमेरिकी डॉलर में S-400 का सौदा किया था। अमेरिका और नाटो ने इस पर कई बार आपत्ति जताई थी। इसी वजह से उसे F-35 लड़ाकू विमान कार्यक्रम से बाहर कर दिया गया था, लेकिन अब तुर्की की F-35 को लेकर चाहत जाग उठी है।

अमेरिका और इज़राइल के बीच बहुत अच्छे संबंध हैं। इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हाल ही में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम नोबेल पुरस्कार के लिए भेजा है, लेकिन इस बीच ट्रंप मुश्किल में पड़ते दिख रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इज़राइल नहीं चाहता कि अमेरिका अपना लड़ाकू विमान F-35 तुर्की को बेचे। उसने इस पर अपनी नाराज़गी जताई है।दरअसल, तुर्की ने एक बड़ी योजना बनाई है। वह पाकिस्तान को अपना रूसी वायु रक्षा प्रणाली S-400 बेचने की योजना बना रहा है, लेकिन उसके लिए यह आसान नहीं होगा। तुर्की को S-400 बेचने से पहले रूस की अनुमति लेनी होगी। वह अमेरिका का लड़ाकू विमान F-35 बेचकर उसे हासिल करना चाहता है और इज़राइल इसी बात से नाराज़ है।

इज़राइली अधिकारी ने ट्रंप से क्या बात की

'डिफेंस सिक्योरिटी एशिया' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इज़राइल का कहना है कि तुर्की को F-35 मिलना पूरे मध्य पूर्व के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। एक इज़राइली अधिकारी ने इस बारे में डोनाल्ड ट्रंप से बात की है। उन्होंने ट्रंप को बताया है कि तुर्की को F-35 देने से न सिर्फ़ इज़राइल कमज़ोर हो सकता है, बल्कि मध्य पूर्व का वायु शक्ति संतुलन भी बिगड़ सकता है।

तुर्की को F-35 क्यों नहीं मिलना चाहिए, इज़राइल ने रखी अपनी बात

इज़राइल का मानना है कि अगर तुर्की को F-35 दिया जाता है, तो रूस को उसकी क्षमता और शक्ति का अंदाज़ा हो जाएगा। रूस का वायु रक्षा तंत्र S-400 काफी मज़बूत माना जाता है। भारत को भी इस पर काफी भरोसा है। तुर्की ने 2017 में रूस के साथ लगभग 2.5 अरब अमेरिकी डॉलर में S-400 का सौदा किया था। अमेरिका और नाटो ने इस पर कई बार आपत्ति जताई थी। इसी वजह से उसे F-35 लड़ाकू विमान कार्यक्रम से बाहर कर दिया गया था, लेकिन अब तुर्की की F-35 को लेकर चाहत जाग उठी है।

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