Samachar Nama
×

सीमा पर फिर मंडराया आतंक का साया! पाकिस्तान की शह पर बन रहे नए लॉन्चिंग पैड, भारत की सुरक्षा एजेंसियां सतर्क

सीमा पर फिर मंडराया आतंक का साया! पाकिस्तान की शह पर बन रहे नए लॉन्चिंग पैड, भारत की सुरक्षा एजेंसियां सतर्क

पहलगाम हमले के बाद मुंह की खाने के बाद भी पाकिस्तान अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहा है। पाकिस्तान एक बार फिर भारत के खिलाफ बड़ी साजिश रच रहा है। सूत्रों से जानकारी मिली है कि पाकिस्तान में ऑपरेशन सिंदूर के तहत नष्ट किए गए आतंकी लॉन्चिंग पैड और ट्रेनिंग सेंटर को अब फिर से बनाया जा रहा है। यह गतिविधि खास तौर पर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) के घने जंगलों और दुर्गम इलाकों में देखने को मिल रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI, पाकिस्तानी सेना और सरकार इन आतंकी गतिविधियों को सीधे तौर पर समर्थन दे रही है। हाल ही में बहावलपुर में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में इन कैंपों को फिर से स्थापित करने का फैसला लिया गया। इस बैठक में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन और टीआरएफ जैसे आतंकी संगठनों के टॉप कमांडरों के साथ-साथ पाकिस्तानी सेना और ISI के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। 

हाईटेक ट्रेनिंग कैंपों की तैयारी
खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, इस बार आतंकी कैंपों को हाईटेक तकनीकों से लैस किया जा रहा है, ताकि भारत की निगरानी एजेंसियों के लिए उन तक पहुंचना मुश्किल हो जाए। इन कैंपों की सुरक्षा की जिम्मेदारी पाकिस्तानी सेना के विशेष सुरक्षा गार्डों को सौंपी गई है, जो ड्रोन, थर्मल सेंसर, नाइट विजन कैमरे जैसे आधुनिक तकनीकी उपकरणों की मदद से इन इलाकों पर नजर रखेंगे।

ज्यादा कैंप, कम आतंकी की रणनीति
रिपोर्ट में बताया गया है कि इस बार आतंकी संगठनों ने अपनी रणनीति बदली है। अब एक ही कैंप में 200 से ज्यादा आतंकियों को नहीं रखा जाएगा। इसकी जगह कई छोटे-छोटे कैंप बनाए जा रहे हैं, ताकि भारतीय एजेंसियों के लिए उन्हें ट्रैक करना मुश्किल हो जाए। ट्रेनिंग पूरी होते ही आतंकियों को तुरंत सीमा की ओर भेज दिया जाएगा।

भारत ने भी बढ़ाई सतर्कता
इस इनपुट के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने एलओसी (नियंत्रण रेखा) के पास की गतिविधियों पर निगरानी और तेज कर दी है। सेना और खुफिया एजेंसियों ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है और पीओके में फिर से स्थापित किए जा रहे इन ठिकानों की सैटेलाइट इमेजरी और ग्राउंड इंटेलिजेंस के जरिए निगरानी बढ़ा दी गई है। सूत्र बताते हैं कि कुछ दिन पहले बहावलपुर में एक अहम बैठक हुई थी, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े 200 से ज्यादा आतंकी और उनके कमांडर शामिल हुए थे। इसके अलावा इस बैठक में लश्कर-ए-तैयबा के कई आतंकी और कमांडर भी मौजूद थे। इस बैठक में आईएसआई से जुड़े कई अधिकारी भी मौजूद थे। बैठक में लॉन्चिंग पैड की बहाली के साथ ही नए लॉन्चिंग पैड और फंडिंग पर भी चर्चा हुई।

पाक सरकार और सेना का पूरा सहयोग
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार और सेना इस योजना का पूरा समर्थन कर रही है, जिसमें वित्तीय सहायता भी शामिल है। विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक से पाकिस्तान को मिलने वाली बड़ी रकम का एक बड़ा हिस्सा इस साजिश के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। खुफिया एजेंसियों को पता चला है कि सरकार के आदेश पर मरकज की बहाली के नाम पर आतंकी कैंपों को भारी फंडिंग मिल रही है। 

तबाह हो चुके लॉन्च पैड फिर से हो रहे तैयार
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के कई आतंकी लॉन्च पैड नष्ट किए थे, जिनमें लूनी, पुटवाल, भैरोनाथ, पीपी ढांढर, टीपू, मुमताज कॉम्प्लेक्स, जमील, सैधवाली, उमरांवाली बंकर, चपरार फॉरवर्ड, छोटा चक पोस्ट, अफजल शहीद पोस्ट और जंगलोरा पोस्ट शामिल थे। लेकिन अब इन सभी जगहों पर नए तरीके से इन्हें फिर से तैयार करने की कवायद शुरू हो गई है।

पीओके के दुर्गम इलाकों में बनाए जा रहे लॉन्च पैड
खुफिया सूत्रों का कहना है कि पीओके के जंगलों और दुर्गम इलाकों में नए लॉन्च पैड बनाए जा रहे हैं, जिन पर भारतीय सुरक्षा एजेंसियां ​​नजर नहीं रख सकती हैं। सूत्रों के अनुसार, केल, सरदी, दुधनियाल, अथमुकाम, जुरा, लीपा, पचीबन, फॉरवर्ड कहुटा, कोटली, खुईरट्टा, मंधार, निकेल, चमनकोट और जानकोट जैसे क्षेत्रों में पहले से मौजूद लांचिंग पैडों के अलावा, इन क्षेत्रों में नए लांचिंग पैड बनाने की योजना चल रही है।

Share this story

Tags