ताइवान के एक लाख भारतीयों को नौकरी देने पर छिड़ी बड़ी बहस, अब सामने आई बड़ी सचाई

विश्व न्यूज़ डेस्क !!! हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ताइवान भारत से अपनी नजदीकियां बढ़ाना चाहता है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि ताइवान ने भारत से एक लाख लोगों को नौकरी पर रखने की पेशकश की है। यह भी कहा गया कि ये कर्मचारी जल्द ही ताइवान जा रहे हैं. इसे लेकर दोनों देशों के बीच डील करने की बात चल रही थी. इसकी वजह ताइवान में बुजुर्ग आबादी का बढ़ना बताया गया. ये खबर वायरल हो रही थी.
ताइवान सरकार ने इसे फर्जी खबर बताया है और इसका खंडन किया है। ताइवान के श्रम मंत्री सु मिंग-चुन ने इस खबर को झूठा बताया है. उनका कहना है कि दोनों देश इस बारे में बात कर रहे हैं, लेकिन अभी अंतिम फैसला नहीं लिया गया है. मंत्री का कहना है कि उन्हें संदेह है कि अनुचित दहशत पैदा करने के लिए आंकड़ों में हेरफेर किया गया है। बताया जा रहा है कि यह नस्लवाद का मामला है. ताइवान के आम नागरिक इसका विरोध कर रहे हैं.
अंग्रेजी समाचार वेबसाइट एनडीटीवी के ओपिनियन के एक लेख में कहा गया है कि जैसे ही ताइवान के श्रम मंत्रालय ने भारतीय मजदूरों को ताइवान के बाजार में लाने की योजना की घोषणा की, सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया कि क्या ताइवान में महिलाओं को रोजगार दिया जा सकता है। यौन संबंध बनाते समय किसकी सुरक्षा खतरे में होगी भारत सहित अन्य देशों में भी अपराध होते हैं। भारतीय मजदूरों से जुड़ी रूढ़िवादिता भारत और ताइवान के बीच सहयोग की सभी संभावनाओं को विफल कर देती है।
सवाल ये है कि क्या महिला सुरक्षा को लेकर विदेशी मीडिया भारत को बदनाम करने की साजिश रच रहा है? ताइवानी मीडिया का यह भी कहना है कि इस खबर के सामने आने के बाद वहां के लोगों ने सोशल मीडिया पर भारतीयों के खिलाफ नस्लवादी टिप्पणियां करना शुरू कर दिया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ताइवान की जनसंख्या तेजी से घट रही है। वहां की आबादी करीब 2 करोड़ 30 लाख है.