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आधुनिक युद्ध के सुपर हथियार: जब हॉवित्जर तोप नहीं, स्मार्ट आर्टिलरी सिस्टम बन गई

आज के हाई-टेक युद्ध क्षेत्र में परंपरागत हथियारों की जगह स्मार्ट, ऑटोमेटिक और डिजिटल आर्टिलरी सिस्टम ने ले ली है। खासतौर पर हॉवित्जर (Howitzers) अब सिर्फ भारी तोप नहीं रह गई हैं, बल्कि यह मल्टी-रोल, सटीकता से वार करने वाली मशीनें बन चुकी है.......
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आज के हाई-टेक युद्ध क्षेत्र में परंपरागत हथियारों की जगह स्मार्ट, ऑटोमेटिक और डिजिटल आर्टिलरी सिस्टम ने ले ली है। खासतौर पर हॉवित्जर (Howitzers) अब सिर्फ भारी तोप नहीं रह गई हैं, बल्कि यह मल्टी-रोल, सटीकता से वार करने वाली मशीनें बन चुकी हैं, जो दुश्मन की पोजीशन को दूर से ही तबाह कर सकती हैं। इनमें कंप्यूटर आधारित फायर कंट्रोल, ऑटोमैटिक लोडिंग, जीपीएस नेविगेशन और तेज तैनाती की अद्भुत क्षमताएं होती हैं।

आइए जानते हैं दुनिया की कुछ सबसे आधुनिक और घातक हॉवित्जर आर्टिलरी सिस्टम्स के बारे में—

1. रूस की 2S35 Koalitsiya-SV: सुपरफास्ट आर्टिलरी प्लेटफॉर्म

रूस की 2S35 कोआलिट्सिया-एसवी पहली बार 2015 में विजय दिवस परेड के दौरान दुनिया के सामने आई। इसे JSC ब्यूरवेस्टनिक द्वारा विकसित किया गया है। इसका मुख्य आकर्षण है इसका स्वचालित लोडिंग सिस्टम, जो इसकी फायरिंग स्पीड को अत्यधिक बढ़ाता है।

  • कैलिबर: 152 मिमी

  • रेंज: 70 किमी

  • गति: 60 किमी/घंटा

  • फीचर: हाई ऑटोमेशन, डिजिटल फायर कंट्रोल, लंबी दूरी तक सटीक हमला

यह प्रणाली रूसी सेना की भविष्य की रणनीति में एक महत्वपूर्ण स्तंभ बन चुकी है।

2. Panzerhaubitze 2000 (जर्मनी): यूरोप की मारक ताकत

जर्मनी द्वारा विकसित Panzerhaubitze 2000 (PzH 2000) को दुनिया की सबसे शक्तिशाली हॉवित्जर में गिना जाता है। यह एक सेल्फ-प्रोपेल्ड आर्टिलरी सिस्टम है, जो डिजिटल नेविगेशन और ऑटोमैटिक फायरिंग के लिए प्रसिद्ध है।

  • कैलिबर: 155 मिमी / L52

  • रेंज: 56 किमी

  • फायर रेट: 8–10 राउंड प्रति मिनट

  • विशेषता: मल्टी राउंड सिमलटेनियस इम्पैक्ट (MRSI) क्षमता

यह सिस्टम यूरोप में NATO सेनाओं का मुख्य हथियार बन चुका है।

3. K9 Thunder (दक्षिण कोरिया): एशिया की अग्निशक्ति

K9 Thunder दक्षिण कोरिया की शानदार तकनीक का उदाहरण है। इसे तुर्किए में भी 'T-155 फिर्टिना' के नाम से निर्मित किया जाता है। यह अत्यधिक गतिशील और फुर्तीला है।

  • कैलिबर: 155 मिमी

  • रेंज: 41 किमी

  • फायर रेट: 6 राउंड/मिनट

  • उपयोगकर्ता देश: दक्षिण कोरिया, तुर्किए, ऑस्ट्रेलिया, पोलैंड, फिनलैंड

K9 ने कोरियाई युद्धनीति को बदलकर उसे रफ्तार और सटीकता दोनों दी है।

4. Archer FH77BW (स्वीडन): व्हील-बेस्ड वॉर मशीन

स्वीडन की Archer हॉवित्जर को इसके व्हील-बेस प्लेटफॉर्म और ऑटोमैटिक लोडिंग सिस्टम के लिए जाना जाता है। इसे मात्र 30 सेकंड में तैनात किया जा सकता है और यह तुरंत लोकेशन बदल सकती है।

  • कैलिबर: 155 मिमी

  • रेंज: 50 किमी

  • मिशन: सटीक फायरिंग, हाई मोबिलिटी, मल्टी-टारगेट अटैक

यह समुद्री और स्थलीय ऑपरेशन दोनों में सफल है।

5. CAESAR Mk II (फ्रांस): मोबाइल फायर पावर

CAESAR फ्रांस की कंपनी Nexter द्वारा विकसित हॉवित्जर है, जिसे तेजी से किसी भी युद्ध क्षेत्र में तैनात किया जा सकता है। यह ट्रक-माउंटेड सिस्टम बेहद हल्का, लचीला और सटीक है।

  • कैलिबर: 155 मिमी

  • रेंज: 42–50 किमी

  • फायर रेट: 6 राउंड/मिनट

  • मोबिलिटी: 6×6 या 8×8 व्हील प्लेटफॉर्म

यह अफगानिस्तान, माली और लेबनान जैसे मिशनों में अपना असर दिखा चुकी है।

6. AHS Krab (पोलैंड): पूर्व-पश्चिम तकनीक का मेल

AHS Krab पोलैंड की एक मजबूत हॉवित्जर है, जो K9 चेसिस और ब्रिटिश AS-90M बुर्ज पर आधारित है। इसे NATO स्टैंडर्ड के अनुसार विकसित किया गया है।

  • कैलिबर: 155 मिमी

  • रेंज: 40 किमी

  • फायर रेट: 6 राउंड/मिनट

  • फीचर: बुर्ज में मशीनगन, स्मोक ग्रेनेड लॉन्चर

इसका प्रदर्शन यूक्रेन युद्ध के दौरान भी देखा गया, जहां इसे फ्रंटलाइन पर इस्तेमाल किया गया।

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