आखिर क्यों पाकिस्तान का पक्ष लेता है तुर्किए? जानिए खलीफा एर्दोगन की क्या है मंशा, भारत के साथ युद्धविराम पर कही ये बात

पाकिस्तान के कट्टर मित्र तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने एक बार फिर इस्लामाबाद के प्रति अपना समर्थन दोहराया है। भारत के साथ युद्ध विराम का स्वागत करते हुए खलीफा एर्दोगान ने अच्छे और बुरे समय में पाकिस्तान के प्रति तुर्की के समर्थन की बात कही है। एक बयान में एर्दोआन ने कहा, "मुझे खुशी है कि पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव युद्धविराम के साथ समाप्त हो गया है।" इसके साथ ही उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच जल विवाद के समाधान की उम्मीद भी जताई है। पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि निलंबित कर दी थी। इस संधि के तहत पाकिस्तान को भारत से तीन नदियों का पानी मिलता है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक संदेश में एर्दोआन ने लिखा, 'मुझे उम्मीद है कि युद्धविराम से प्रदान किया गया शांति का माहौल अन्य सभी समस्याओं, विशेष रूप से जल मुद्दे को हल करने में मदद करेगा। इंशाअल्लाह, तुर्की की तरह हम भी बुरे वक्त में पाकिस्तान के भाइयों की तरह अपने लोगों के साथ खड़े रहेंगे।'
एर्दोगान ने क्या कहा?
एर्दोआन ने एक बयान में कहा, 'मैं पाकिस्तान और भारत के बीच संघर्ष विराम के साथ तनाव के समाधान पर अपनी संतुष्टि व्यक्त करना चाहता हूं।' उन्होंने कहा कि तुर्की ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के जघन्य कृत्यों और पाकिस्तान को निशाना बनाकर किए गए मिसाइल हमलों पर बहुत स्पष्ट रुख अपनाया है।
शहबाज़ को धन्यवाद
एर्दोआन के संदेश के बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज ने उनके समर्थन के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। शहबाज ने लिखा, "मैं अपने प्रिय भाई, राष्ट्रपति रेसेप तय्यप एर्दोआन द्वारा पाकिस्तान के प्रति समर्थन और अटूट एकजुटता की प्रबल अभिव्यक्ति से बहुत प्रभावित हुआ हूं।" पाकिस्तान को तुर्की के साथ अपने दीर्घकालिक, समय-परीक्षित और स्थायी भाईचारे वाले संबंधों पर गर्व है, जो प्रत्येक नई चुनौती के साथ और मजबूत होते गए हैं। मैं दक्षिण एशिया में शांति को बढ़ावा देने में राष्ट्रपति (एर्दोगान) की रचनात्मक भूमिका और ठोस प्रयासों के लिए विशेष रूप से आभारी हूं।'