जिस बात का पाकिस्तानियों को डर था मुनीर ने आधी रात वही किया, बस में बच्चों को भरकर मचा दी तबाही, जानें पूरा मामला
पाकिस्तान के फील्ड मार्शल आसिम मुनीर के जलिया वाला मामले का डीएनए टेस्ट होगा। मुनीर का हिंदू विरोधी चरित्र पूरी दुनिया देख चुकी है। लेकिन आज आप मुनीर का पठान विरोधी चरित्र देखेंगे। आज आप जानेंगे कि जनरल मुनीर की सेना ने पाकिस्तान में पठानों पर गोलियां क्यों चलाईं? आज आप अपनी आँखों से देखेंगे कि मुनीर की कायर सेना ने पठानों के बच्चों पर अत्याचार क्यों किए? आखिर फील्ड मार्शल मुनीर पठानों के लिए पाकिस्तान के जनरल डायर क्यों बन गए? इसे समझने के लिए आपको हमारी यह खास रिपोर्ट ध्यान से पढ़नी चाहिए।
हथियारबंद पाकिस्तानी सैनिक, सामने निहत्थे प्रदर्शनकारी और अचानक गोलियों की आवाज गूंजने लगती है। 3 मिनट का यह वीडियो पाकिस्तान में आतंक का दूसरा नाम बन गया है। इससे पहले पाकिस्तानी जनता ने आज़ादी चाहने वाले विद्रोहियों के खिलाफ सैन्य अभियान देखे थे। लेकिन पाकिस्तानी सेना ने अपने अधिकारों की मांग कर रहे पाकिस्तानियों पर सीधे गोलियां चलाईं मानो वे इंसान नहीं, बल्कि जानवर हों।
आसिम मुनीर बने जनरल 'डायर'?
अब यह समझना ज़रूरी है कि इन निहत्थे लोगों ने ऐसा कौन सा गुनाह किया था कि पाकिस्तानी सेना ने सीधे अपनी बंदूकों का मुँह खोल दिया। रविवार को पाकिस्तानी सेना ने खैबर पख्तूनख्वा के गुज इलाके में मोर्टार दागे। पाकिस्तानी सेना ने दावा किया कि गुज में तहरीक-ए-तालिबान के आतंकवादियों पर गोलीबारी की गई। लेकिन असल में जिस जगह हमला हुआ वह एक रिहायशी इलाका था और गोलीबारी में एक तीन साल की बच्ची की मौत हो गई। स्थानीय पश्तून समुदाय एक बच्ची की मौत के विरोध में प्रदर्शन करने निकला था, लेकिन जवाब में पाकिस्तानी सेना ने इंसाफ की बजाय गोलियां चला दीं।
पाकिस्तानी सेना की यह कार्रवाई हत्या और बर्बरता से भरी थी। उनका वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें देखा जा सकता है कि प्रदर्शनकारी एक पाकिस्तानी सेना की चौकी के सामने नारे लगा रहे थे। पहली चौकी के गेट के पीछे से गोलियों की आवाज सुनाई देती है, जो प्रदर्शनकारियों को डराने के लिए हवाई फायरिंग जैसी लगती है।
पाकिस्तानी सेना की इस कार्रवाई से प्रदर्शनकारी भड़क जाते हैं। कुछ युवक पाकिस्तानी सेना की चौकी के दरवाजे पर पत्थर फेंकते हैं। तभी अचानक पाकिस्तानी सैनिक दरवाजे से बाहर आते हैं और भीड़ पर सीधी गोलीबारी शुरू कर देते हैं। इस तरह गोलियाँ चलते देख लोग जवानों की गोलीबारी से बचने के लिए भागने लगते हैं। वीडियो में साफ़ दिख रहा है कि प्रदर्शनकारियों में शामिल बच्चे गोलीबारी से बचने के लिए ज़मीन पर लेटे हुए थे। कुछ लोग दीवार फांदकर गोलियों से बचने की कोशिश करते दिखे तो कुछ पाकिस्तानी सेना की चौकी से दूर भागने की कोशिश करते दिखे।
पाकिस्तानी सेना ने नरसंहार किया
जिनकी किस्मत अच्छी थी, वे पाकिस्तानी सेना से बच निकले, लेकिन बदकिस्मती से इस गोलीबारी में 7 लोग मारे गए। पाकिस्तानी सेना के कहने पर मीडिया ने तस्वीरों को सेंसर कर दिया। लेकिन पाकिस्तान के कुछ स्वतंत्र पत्रकार पूछ रहे हैं कि प्रदर्शनकारियों, जिनके हाथों में डंडे भी नहीं थे, ने ऐसा क्या ख़तरा पैदा कर दिया कि जवानों ने सीधे एके-47 से गोलियाँ चला दीं?
पाकिस्तानी पत्रकार फ़ख़र यूसुफ़ज़ई ने कहा, 'पाकिस्तानी सेना की इस हरकत से न सिर्फ़ पाकिस्तानी अंदर तक डर गए हैं। बल्कि, यह भी बता दिया गया है कि आसिम मुनीर वो जनरल हैं, जो अपनी महत्वाकांक्षा पूरी करने के लिए किसी भी हद को पार कर सकते हैं। मुनीर ने पाकिस्तानी सेना का इस्तेमाल करके पश्तून आबादी की आवाज़ दबाने की कोशिश की है।' लेकिन मुनीर और उसकी कायर सेना यह भूल गई थी कि तहरीक-ए-तालिबान जैसे गुट पश्तूनों की आज़ादी के लिए खड़े हैं।
टीटीपी की धमकी
तीरा घाटी में नागरिकों पर गोलीबारी के कुछ घंटों बाद, तहरीक-ए-तालिबान ने पाकिस्तानी सरकार और सेना को चेतावनी जारी की। अपने बयान में, टीटीपी ने कहा है कि तीरा घाटी में निहत्थे लोगों पर हमला पश्तून पहचान पर हमला है। टीटीपी ने यह भी धमकी दी है कि पाकिस्तानी सेना को इस कृत्य की कीमत चुकानी पड़ेगी। टीटीपी के सभी अफरीदी कमांडरों ने पाक सेना से दूरी बनाने का ऐलान किया है। टीटीपी ने यह भी दावा किया है कि तीरा घाटी के अफरीदियों से तिमाही कर नहीं वसूला जाएगा।
तथाकथित आतंकवादियों के एक समूह ने छोटे बच्चों की मौत पर कर माफ करने का ऐलान किया है। लेकिन जब मुनीर की सेना ने गोलीबारी शुरू की, तो उन्हें न तो बुज़ुर्ग दिखाई दिए और न ही छोटे बच्चे, जिन्होंने अभी तक पूरी ज़िंदगी नहीं देखी थी। यह बात पाकिस्तानी सेना की मानसिकता बताने के लिए काफ़ी है।
मुनीर की सेना पर भारी टीटीपी!
ताकत के मद में अंधे मुनीर को टीटीपी के बयान से भले ही डर लग गया हो। लेकिन आंकड़े बताते हैं कि आज का टीटीपी पाकिस्तानी सेना पर इक्कीस ही साबित हुआ है। अकेले 2025 में ही टीटीपी ने पाकिस्तानी सेना और पुलिस पर कुल 292 हमले किए हैं। इन हमलों में पाकिस्तान के 233 सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं और खैबर पख्तूनख्वा के कुछ इलाकों में पाकिस्तानी सेना का नियंत्रण पूरी तरह खत्म हो गया है। तिराह घाटी में निहत्थे पश्तूनों पर हमले के जवाब में, टीटीपी के आतंकवादियों ने उत्तरी वजीरिस्तान में एक पाकिस्तानी सैन्य अड्डे पर भी हमला किया। इसका वीडियो भी टीटीपी ने जारी किया। वीडियो में साफ दिख रहा है कि मुट्ठी भर आतंकवादियों ने हमला कर बेस पोस्ट और सैन्य वाहनों को नष्ट कर दिया। टीटीपी के हाथों लगातार मिल रही हार से मुनीर और उसके सैनिक बौखला गए हैं और इसी बौखलाहट को वे निहत्थे पश्तूनों को निशाना बनाकर निकाल रहे हैं।

