कंगाल पाकिस्तान सरकार चूस रही आवाम का खून, एक किलो चीनी की कीमत 190 रुपये के पार, महंगाई ने छीनी गरीब अवाम के मुंह से मिठाई

दशकों से आईएमएफ के कर्ज पर चल रहे पाकिस्तान में महंगाई इस समय सातवें आसमान पर है। खाने-पीने की चीजों ने लोगों की कमर तोड़ दी है। 50 रुपये किलो बिकने वाली चीनी इस समय पाकिस्तान में 190 रुपये किलो बिक रही है। लोगों की चाय से मिठास गायब हो गई है। देश में लगातार बिगड़ते हालात से पीएम शहबाज शरीफ के हाथ-पांव भी फूल गए हैं। यही वजह है कि अब उन्होंने चीनी आयात करने का आदेश जारी कर दिया है। हालांकि, ऐसा करने के लिए पाकिस्तान को अपने विदेशी मुद्रा भंडार को खर्च करना होगा, जो पहले से ही तेजी से खत्म हो रहा है।
एक छोटी सी गलती की वजह से चीनी के दाम बढ़ गए
शहबाज सरकार ने गुरुवार को 750,000 मीट्रिक टन चीनी आयात करने का आदेश जारी किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में पाकिस्तान ने सबसे पहले चीनी के निर्यात की अनुमति दी थी। चीनी मिल मालिकों ने अच्छी कीमत पाने के चक्कर में अपने उत्पादों को जल्दी-जल्दी विदेश में बेच दिया। जिसकी वजह से पाकिस्तान में इसकी कीमत घट गई और कीमतें बढ़ गईं। अब पाकिस्तान सरकार को घरेलू कीमतों को नियंत्रित करने के लिए विदेशों से चीनी खरीदनी पड़ रही है। इस समय पाकिस्तान सरकार की जनता कड़ी मशक्कत कर रही है। सरकार की चिंता के चलते ही चीनी निर्यात की अनुमति पहले ही दे दी गई थी। विशेषज्ञों ने सरकार को इस बारे में पहले ही आगाह कर दिया था।
लोगों का खून चूस रही पाकिस्तान सरकार
चीनी की बढ़ती कीमतों को देखते हुए पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री मोहम्मद इशाक डार ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। जिसके बाद 250,000 मीट्रिक टन कच्ची चीनी के आयात की नीति को मंजूरी के लिए कैबिनेट के समक्ष पेश करने का फैसला किया गया। साथ ही 500,000 मीट्रिक टन रिफाइंड चीनी के आयात को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी। निर्यात के बाद घरेलू चीनी की कीमतें रिकॉर्ड 190 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गईं, जो निर्यात शुरू होने से पहले की दर से 50 रुपये अधिक है। लोगों ने इस समय अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।