Samachar Nama
×

भारत के सामने नहीं झुकेगा पाक', आसिम मुनीर ने फिर उगला जहर; कहा- 'पानी हमारे लिए लक्ष्मण रेखा...

हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम समझौते पर पहुंचने के कुछ सप्ताह बाद पाकिस्तान की सेना और नेतृत्व ने आक्रामक तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने भारत के खिलाफ तीखे बयान देते हुए...
asfsdf

हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम समझौते पर पहुंचने के कुछ सप्ताह बाद पाकिस्तान की सेना और नेतृत्व ने आक्रामक तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने भारत के खिलाफ तीखे बयान देते हुए कहा है कि पाकिस्तान दक्षिण एशिया में भारत के वर्चस्व को कभी स्वीकार नहीं करेगा और सिंधु जल संधि पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

पाकिस्तान की ‘रेड लाइन’: सिंधु जल संधि

आसिम मुनीर ने सिंधु जल संधि को पाकिस्तान के लिए 'लक्ष्मण रेखा' करार देते हुए कहा कि इस्लामाबाद पानी से जुड़े मुद्दों पर किसी भी प्रकार का झुकाव नहीं दिखाएगा। उन्होंने कहा, "पानी पाकिस्तान की रेड लाइन है और हम 240 मिलियन नागरिकों के इस मौलिक अधिकार पर किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेंगे।" गौरतलब है कि यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में सिंधु जल संधि को निलंबित करने का निर्णय लिया था। इस हमले में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या कर दी थी।

भारत की कूटनीतिक चाल और पाकिस्तान की प्रतिक्रिया

भारत जानता था कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर ‘विक्टिम कार्ड’ खेलेगा। इसलिए भारत ने दुनिया भर में सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजे ताकि ऑपरेशन सिंदूर और सिंधु जल संधि निलंबन पर अपना पक्ष स्पष्ट किया जा सके। पाकिस्तानी सेना प्रमुख मुनीर ने इस कूटनीति का जवाब देने की कोशिश में एक और मोर्चा खोला। उन्होंने बलूचिस्तान में जारी विद्रोह के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि वहां के विद्रोही भारत द्वारा संचालित प्रॉक्सी एजेंट हैं। मुनीर ने कहा, “बलूचिस्तान में सक्रिय आतंकवादी तत्व विदेशी हितों के लिए काम कर रहे हैं, विशेषकर भारत की ओर से। ये विद्रोही बलूच नहीं हैं, बल्कि पाकिस्तान के खिलाफ साजिश रचने वाले बाहरी तत्व हैं।”

भारत का ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान की हार

22 अप्रैल के आतंकी हमले के बाद भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत बड़ी सैन्य कार्रवाई की। इस ऑपरेशन में भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में 9 आतंकी ठिकानों को एयर स्ट्राइक से तबाह किया। सबसे बड़ी कार्रवाई बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय 'मरकज सुभान अल्लाह मस्जिद' और मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा के हेडक्वार्टर 'मरकज तैयबा' पर हुई, जिसमें कम से कम 100 आतंकियों के मारे जाने की खबर है। भारत की इस आक्रामक कार्रवाई के जवाब में पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारत के सैन्य ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की, लेकिन भारतीय एयर डिफेंस ने उन्हें नाकाम कर दिया। इसके जवाब में भारत ने 11 पाकिस्तानी एयरबेसों पर जोरदार बमबारी की।

पाकिस्तान की संघर्षविराम की गुहार

भारतीय कार्रवाई से बुरी तरह घबराए पाकिस्तान ने 10 मई को संघर्षविराम की अपील की, जिसे भारत ने मान लिया। लेकिन इसके कुछ ही दिनों बाद पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर के बयानों ने साफ कर दिया कि इस्लामाबाद भारत की बढ़ती शक्ति और कूटनीतिक प्रभाव से बेचैन है। मुनीर ने यहां तक कह दिया कि “इस महीने की शुरुआत में भारत के साथ हुए सैन्य संघर्ष में अल्लाह ने पाकिस्तान की मदद की, और यह उनके लिए सौभाग्य की बात है।”

निष्कर्ष

भारत की सैन्य और कूटनीतिक कार्रवाई के बाद पाकिस्तान एक बार फिर खुद को वैश्विक मंच पर अलग-थलग पाता दिख रहा है। एक ओर भारत दुनिया भर में अपने आतंकवाद विरोधी रुख को मजबूती से पेश कर रहा है, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान कट्टर बयानबाजी और भारत पर आरोप लगाने तक सीमित नजर आ रहा है। सिंधु जल संधि को लेकर पाकिस्तानी सेना प्रमुख के बयान को भारत दबाव की रणनीति मान रहा है, लेकिन मौजूदा हालात में यह साफ है कि भारत अब आतंकवाद और सीमा पार हमलों के खिलाफ किसी भी स्तर तक जाने को तैयार है।

Share this story

Tags