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पाक पीएम ने उतारी प्रधानमंत्री मोदी की 'नकल', सैनिकों के दिखे साथ तो झूठ का हुआ पर्दाफाश

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार को पंजाब प्रांत के सियालकोट स्थित एक आर्मी कैंप का दौरा किया और पाकिस्तानी सैनिकों से मुलाकात की। इस दौरे का मकसद सैनिकों का मनोबल बढ़ाना था, लेकिन इसका समय, स्थान और प्रस्तुतिकरण...
पाक पीएम ने उतारी प्रधानमंत्री मोदी की 'नकल', सैनिकों के दिखे साथ तो झूठ का हुआ पर्दाफाश

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार को पंजाब प्रांत के सियालकोट स्थित एक आर्मी कैंप का दौरा किया और पाकिस्तानी सैनिकों से मुलाकात की। इस दौरे का मकसद सैनिकों का मनोबल बढ़ाना था, लेकिन इसका समय, स्थान और प्रस्तुतिकरण ऐसा रहा कि यह कार्यक्रम सोशल मीडिया पर मजाक और आलोचना का विषय बन गया।

दरअसल, शरीफ का यह दौरा उस समय हुआ जब भारत ने 10 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के कई एयरबेसों पर जोरदार हमला कर भारी नुकसान पहुंचाया। भारत की इस कार्रवाई ने पाकिस्तान को रणनीतिक और मनोवैज्ञानिक दोनों मोर्चों पर झटका दिया है। ऐसे में शहबाज शरीफ की सेना के बीच उपस्थिति को एक ‘प्रतिक्रिया स्वरूप नकल’ के रूप में देखा जा रहा है—जिसका उद्देश्य भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदमपुर एयरबेस दौरे के प्रभाव को कमजोर करना था।

पीएम मोदी की रणनीति बनी पाकिस्तान के लिए चुनौती

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 मई को पंजाब के आदमपुर एयरबेस का दौरा किया था, जहाँ उन्होंने एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम, मिग-29 लड़ाकू विमान और हरक्यूलिस जैसे ताकतवर सैन्य संसाधनों की पृष्ठभूमि में भारत की सैन्य ताकत का प्रदर्शन किया।
पीएम मोदी की तस्वीरों और भाषणों ने दुनिया को यह स्पष्ट संदेश दिया कि भारत अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। उन्होंने कहा,
“जब हमारे सैनिक ‘भारत माता की जय’ का नारा लगाते हैं, तो दुश्मन डर से कांप उठता है। दुश्मनों को चेतावनी देता हूं—घर में घुसकर मारेंगे।”

शर्मिंदगी बना शरीफ का दौरा

इसके विपरीत, शहबाज शरीफ का कार्यक्रम सुनसान मैदान में, कुछ दूर खड़े टैंकों और विमान के बीच आयोजित किया गया। पाकिस्तानी पीएमओ द्वारा साझा की गई तस्वीरों में कोई रनवे या एयरबेस की उपस्थिति नहीं दिखी। इससे यह संकेत मिलता है कि पाकिस्तान के एयरबेस को भारतीय हमलों में गंभीर नुकसान हुआ है और वे अब कैमरे के सामने लाने लायक स्थिति में नहीं हैं।

सोशल मीडिया पर लोग इस घटना को लेकर शहबाज शरीफ का मजाक बना रहे हैं। उन्हें "नकलची नेता" कहा जा रहा है जो भारत के कदमों की नकल तो कर रहे हैं, लेकिन प्रभाव नहीं बना पा रहे। ट्विटर और अन्य प्लेटफार्म्स पर यूजर्स ने कहा कि ये भारत की शैली है, जो वीर सैनिकों के सम्मान के लिए अपनाई जाती है—शहबाज उसमें भी फिसड्डी साबित हुए।

अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भारत की कार्रवाई की गूंज

भारत की ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत की गई कार्रवाई की खबरें अमेरिकी अखबारोंद न्यूयॉर्क टाइम्स’ और ‘वॉशिंगटन पोस्ट’ में भी प्रकाशित हुईं। रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत ने पाकिस्तान के कम से कम तीन एयरबेस और दो एयरफील्ड को भारी नुकसान पहुंचाया।

पाकिस्तान ने पहले इस हमले की खबरों को दबाने की कोशिश की और भारतीय विमानों को मार गिराने का झूठा दावा किया। यहां तक कि उन्होंने एक भारतीय जवान को पकड़ने का भी दावा किया, जिसे भारत सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया।

निष्कर्ष

शहबाज शरीफ का यह दौरा जहां पाकिस्तानी सेना के हौसले बढ़ाने का प्रयास था, वहीं यह भारत की रणनीतिक बढ़त और सैन्य ताकत की झलक के सामने फीका और हास्यास्पद बन गया। भारत के ठोस और प्रभावशाली कदमों ने न सिर्फ पाकिस्तान की प्रचार मशीनरी को ध्वस्त किया, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि असली ताकत सिर्फ सैन्य संसाधनों में नहीं, उसके आत्मविश्वासी नेतृत्व और स्पष्ट रणनीति में होती है।

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