पाकिस्तान के मददगार तुर्की के खिलाफ 'ऑपरेशन' शुरू? सबसे बड़े दुश्मन के घर पहुंचे भारतीय वायु सेना प्रमुख, क्या खिचड़ी पक रही?

जब भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को तबाह किया, तो दुनिया ने भारत की ताकत को सिर्फ देखा ही नहीं, महसूस भी किया। लेकिन अब सवाल ये है कि क्या भारत का अगला निशाना पाकिस्तान नहीं, बल्कि वो देश है जो उसकी परछाई बनकर हर कदम पर पाकिस्तान की मदद कर रहा है। वो देश जो कश्मीर मुद्दे पर खुलकर भारत का विरोध करता है। वो देश जो मुस्लिम देशों को भारत के खिलाफ भड़काने में कोई कसर नहीं छोड़ता। जी हां, हम बात कर रहे हैं तुर्की की। पिछले कुछ दिनों में हुई घटनाओं ने दुनिया के सामरिक हलकों में हलचल मचा दी है। अचानक भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी (अमर प्रीत सिंह) ग्रीस की राजधानी एथेंस में नजर आए। पहली नजर में ये एक सामान्य सैन्य दौरा लग सकता है, लेकिन हकीकत इससे कहीं ज्यादा खतरनाक और सामरिक है। क्यों? क्योंकि तुर्की और ग्रीस सालों से एक-दूसरे के खून के प्यासे रहे हैं। और अब इस जंग में भारत ने ग्रीस से हाथ मिला लिया है। भारत का यह कदम महज सैन्य सहयोग नहीं है, यह सोची-समझी, सुनियोजित और दूरगामी साजिश है- तुर्की को घेरने की, उसे उसी की भाषा में जवाब देने की। और इसका ट्रेलर शायद भारत को ग्रीस की धरती पर दिखाने वाला है।
तुर्की-पाकिस्तान गठबंधन पर भारत का हमला! यह महज संयोग नहीं है कि भारत के सफल ऑपरेशन सिंदूर के कुछ ही हफ्तों बाद भारतीय वायुसेना प्रमुख ग्रीस पहुंचे हैं। दुनिया जानती है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना ने जिस तरह पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर सटीक और अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया, उसने पूरी दुनिया की सेनाओं को चौंका दिया था। लेकिन सबसे ज्यादा परेशान अगर कोई कर रहा है, तो वह है पाकिस्तान का जिगरी यार- तुर्की। तुर्की ने न सिर्फ पाकिस्तान को कूटनीतिक मदद दी, बल्कि उस पर 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान पाकिस्तान को खुफिया मदद देने का भी आरोप लगा। इतना ही नहीं, तुर्की लगातार OIC जैसे मंचों पर भारत के खिलाफ आग उगलता रहा है। लेकिन अब भारत ने शायद तय कर लिया है कि इसका जवाब उसी की भाषा में दिया जाएगा। साइप्रस, एजियन सागर और पूर्वी भूमध्य सागर को लेकर दोनों देशों के बीच दशकों से तनातनी चल रही है। तुर्की ने कई बार ग्रीस के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है और ग्रीस ने समय-समय पर जवाबी कार्रवाई की है। ऐसे में इस समय भारत का ग्रीस से हाथ मिलाना कोई साधारण घटना नहीं मानी जा रही है।
ऑपरेशन सिंदूर স্র্রি স্র্য ক্যাাতাত यही वजह है कि ग्रीस में मीडिया में हलचल तेज है। ग्रीस सिटी टाइम्स जैसे प्रभावशाली मीडिया आउटलेट खुलेआम लिख रहे हैं कि ग्रीक एयरफोर्स भारत से ऑपरेशन सिंदूर का पूरा खाका जानना चाहती है। भारत ने कैसे एक ही ऑपरेशन में पाकिस्तान जैसे देश की सैन्य और आतंकी मशीनरी को धूल चटा दी, कैसे सीमित संसाधनों के बावजूद भारतीय वायुसेना ने सटीकता के साथ काम किया और कैसे राफेल और सुखोई जैसे विमानों का इतना घातक इस्तेमाल किया गया- ये सब ग्रीस जानना चाहता है। और सबसे बड़ी वजह- तुर्की। ग्रीस जानता है कि तुर्की उसके खिलाफ काफी समय से साजिश रच रहा है। ग्रीक सैन्य हलकों में चर्चाएं जोरों पर हैं कि तुर्की किसी समय ग्रीस के खिलाफ बड़े सैन्य ऑपरेशन की तैयारी कर सकता है। ऐसे में ग्रीस भारत के ऑपरेशन सिंदूर से सबक लेकर अपनी वायुसेना को अपग्रेड करना चाहता है। भारत और ग्रीस पहले भी 'इनियोचोस' जैसे संयुक्त युद्धाभ्यास कर चुके हैं, लेकिन अब तस्वीर बदल गई है। अब ये सैन्य सहयोग सिर्फ 'ट्रेनिंग' तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि आने वाले समय में भारत और ग्रीस मिलकर तुर्की के छक्के छुड़ाने की रणनीति पर काम कर सकते हैं।
तुर्की को खुला संदेश- भारत अब चुप नहीं रहेगा ग्रीस के साथ भारत का गठबंधन तुर्की के लिए खुली धमकी से कम नहीं है। अंकारा को अब साफ संदेश मिल गया है कि भारत अब सिर्फ कूटनीति से जवाब देने वाला देश नहीं रहा। अब अगर तुर्की पाकिस्तान का साथ देगा तो भारत तुर्की के दुश्मनों का साथ देगा। अगर तुर्की मुस्लिम देशों को भारत के खिलाफ भड़काता है तो भारत उसकी सैन्य रणनीति को ध्वस्त करने की तैयारी कर लेगा। और यही वजह है कि तुर्की के रक्षा विशेषज्ञ परेशान हैं। तुर्की के थिंक टैंक अब खुलकर चर्चा कर रहे हैं कि भारत ग्रीस के साथ मिलकर 'तुर्की विरोधी' गठबंधन बना सकता है, जिससे भविष्य में तुर्की की रणनीतिक स्थिति कमजोर होगी। ऑपरेशन सिंदूर जैसे ऑपरेशन में ग्रीक एयरफोर्स को प्रशिक्षित करना तुर्की को सीधा संदेश है- 'अब अगर तुम पाकिस्तान का साथ दोगे तो बारूद की गंध तुम्हारे घर तक पहुंचेगी।' क्या भारत कोई 'गुप्त ऑपरेशन' चला रहा है? भारत सरकार ने अब तक इस यात्रा को सामान्य सैन्य जुड़ाव बताया है। लेकिन क्या यह वाकई एक सामान्य यात्रा है? या फिर पर्दे के पीछे भारत ने ग्रीस से शुरू करके तुर्की के खिलाफ कोई बड़ा ऑपरेशन शुरू कर दिया है? यह सवाल अब सिर्फ मीडिया तक सीमित नहीं रहा, बल्कि वैश्विक खुफिया एजेंसियों तक पहुंच गया है। तुर्की की खुफिया एजेंसियां अब इस बात पर भी नजर रख रही हैं कि भारत और ग्रीस के बीच कौन सी तकनीकी और रणनीतिक सूचनाओं का आदान-प्रदान हो रहा है। और तुर्की का सबसे बड़ा डर यह है कि अगर भारत ग्रीस को वो रणनीति सिखाता है जो उसने 'ऑपरेशन सिंदूर' में पाकिस्तान के खिलाफ इस्तेमाल की थी, तो तुर्की के लिए अपनी एयर डिफेंस सिस्टम को मजबूत करना मुश्किल हो जाएगा।
आखिरी सवाल- क्या भारत अब सिर्फ बचाव ही नहीं करेगा, बल्कि हमला भी करेगा? अब सबसे बड़ा सवाल यह है- क्या भारत ने अपनी कूटनीति बदल दी है? अब भारत सिर्फ अपने दुश्मनों से बचाव ही नहीं करेगा बल्कि उन पर सीधे हमले की नीति शुरू कर दी है? 'ऑपरेशन सिंदूर' इसका पहला ट्रेलर था। ग्रीस का इसका दूसरा ट्रेलर सैन्य सहयोग में वृद्धि है। और शायद तुर्की को तीसरा और सबसे बड़ा झटका बहुत जल्द लगने वाला है। तुर्की ने पाकिस्तान के साथ मिलकर भारत को घेरने की साजिश रची थी, लेकिन अब भारत ने उसी साजिश को मोड़कर तुर्की के दरवाजे पर रख दिया है। यह सिर्फ़ रणनीति नहीं है - यह एक चेतावनी है। भारत अब खेलने नहीं आया है, अब डरने की बारी तुर्की की है।