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न आसिम मुनीर मान रहे, न आतंकवाद पर पाकिस्तान के मंसूबे खत्म हो रहे... क्या 'ऑपरेशन सिंदूर-2' का रास्ता बन रहा?

 बांग्लादेश के कोमिला जिले में बलात्कार की एक दिल दहलाने वाली वारदात सामने आई, जिसने झकझोर दिया है. महज 35 हजार टका की उधारी के लिए एक हिंदू महिला को पहले निर्वस्त्र किया गया, फिर उसके साथ बलात्कार करते हुए बर्बरता की सारी हदें पार कर दी गईं. आरोपी फजर अली एक कथित स्थानीय नेता है, जो खुद को खालिदा जिया की बीएनपी यानी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी से जुड़ा बताता है.  Advertisement  इस वारदात का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है. गुस्साए हिंदू समुदाय ने सड़कों पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन किया है. पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें वारदात को अंजाम देने वाला आरोपी और वीडियो शूट करने वाले लोग भी शामिल हैं. पीड़िता के भाई ने खुलासा कि उसके परिवार ने आरोपी फजर अली से 35 हजार टका उधार लिया था. इसे चुकाने की तारीख निकल गई थी.  दरवाजा नहीं खोला, तो आरोपी तोड़कर अंदर घुस गया  सम्बंधित ख़बरें  चीन-PAK की नई चालाकी... सार्क को रिप्लेस करने के लिए नया गुट बनाने की कोशिश में ड्रैगन   बांग्लादेश में हिंदू लड़की से गैंगरेप...BNP नेता आरोपी, देशभर में प्रदर्शन   बांग्लादेश रेप मामले को लेकर फूटा लोगों का गुस्सा, सड़कों पर निकला हुजूम, ढाका यूनिवर्सिटी में भी प्रोटेस्ट   India ने Bangladesh को दिया झटका!   बांग्लादेश में हिंदू लड़की से गैंगरेप, वारदात में BNP नेता भी आरोपी    पैसे नहीं मिलने से नाराज फजर अली गुरुवार रात करीब 11 बजे उनके घर आ धमका. उस वक्त घर में पीड़ित महिला अपनी छोटी बच्ची के साथ अकेली थी. उसके परिवार के लोग घर बाहर गए हुए थे. आरोपी ने घर दरवाजा खटखटाया. दरवाजा महिला ने दरवाजा खोलने से मना कर दिया. लेकिन फजर अली आगबबूला हो गया. उसने दरवाजे को धक्का मारकर तोड़ दिया और घर के अंदर घुस गया. Advertisement आरोपी फजर अली जो इलाके में ड्रग्स और जुए का धंधा करता था. पहले कपड़े फाड़े, फिर बर्बरता, चीख सुन पहुंचे लोग  घर के भीतर घुसते ही आरोपी ने महिला को जबरन निर्वस्त्र किया. फिर उसे अपनी हवस का शिकार बनाया. उसकी चीखों की गूंज जब मोहल्ले तक पहुंची, तो कुछ लोग दौड़ते हुए घर की ओर पहुंचे. मौके पर पहुंचते ही उन्होंने महिला और आरोपी को आपत्तिजनक हालत में देखा. उसी दौरान किसी ने मोबाइल निकालकर वीडियो शूट कर लिया. लेकिन उस वक्त तक सच किसी को नहीं पता था.  भीड़ ने महिला को ही पीटा, फिर खुली हकीकत  शुरुआत में लोगों को लगा कि महिला ही दोषी है. उसे जमकर पीटा गया. लेकिन जब उसने अपनी आपबीती सुनाई, तो भीड़ का गुस्सा आरोपी पर टूट पड़ा. फजर अली को मौके पर ही बुरी तरह पीटा गया. लेकिन वह किसी तरह भाग निकला. वह पहले कोमिला के एक अस्पताल में भर्ती हुआ, फिर वहां से फरार होकर ढाका पहुंचा. लेकिन पुलिस ने उसे ट्रैक कर लिया और ढाका से गिरफ्तार कर लिया.  ड्रग्स-जुए का कारोबारी नेता बनकर धौंस जमाता  स्थानीय लोगों ने बताया कि फजर अली इलाके में ड्रग्स और जुए का धंधा करता था. खुद को खालिदा जिया के नेतृत्व वाली बीएनपी का सदस्य बताता था, लेकिन उसके पास कोई आधिकारिक पद नहीं था. इस वारदात से जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर डालने के मामले में चार और युवकों को पकड़ा गया है. पुलिस इन सभी से पूछताछ कर रही है. इसके साथ ही इस मामले की विस्तृत जांच की जा रही है.

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को "वैध संघर्ष" बताना पाकिस्तान की कुटिल और षडयंत्रकारी चाल का संकेत है। जम्मू-कश्मीर के लोगों का साथ देने का वादा करते हुए असीम मुनीर ने 17 अप्रैल के पाकिस्तान के रुख को दोहराया है, जब उन्होंने पाकिस्तानियों को हिंदुओं से बेहतर बताया था। मुनीर के इस बयान के बाद पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था।

पाकिस्तान के आर्मी चीफ असीम मुनीर जम्मू-कश्मीर के एजेंडे से हट नहीं पा रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तानी सेना की हार के बाद उनकी हताशा साफ दिखाई दे रही है। इस बार उन्होंने जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकवाद का खुलकर समर्थन किया है। आसिम मुनीर ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को "वैध संघर्ष" करार देते हुए कहा कि उनका देश हमेशा कश्मीर के लोगों के संघर्ष में उनके साथ खड़ा रहेगा।

मुनीर ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा कश्मीर के लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार के संघर्ष में उनके साथ खड़ा रहेगा। उन्होंने कहा, "पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों और कश्मीरी लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप कश्मीर मुद्दे के न्यायोचित समाधान का पुरजोर समर्थन करता है।" मुनीर के इस बयान से साफ है कि पाकिस्तान न सिर्फ आतंकियों का समर्थन करता है, बल्कि उन्हें नैतिक समर्थन भी देता है। ऐसे बयानों के बाद भारत को आतंकी हमलों के रिकॉर्ड को देखते हुए सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है। गौरतलब है कि भारत ने साफ तौर पर कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है, बल्कि इसे रोक दिया गया है।

पाकिस्तान की रणनीति क्या है? कश्मीर पर बार-बार बयानबाजी करना और इसे संयुक्त राष्ट्र में विवाद बताना पाकिस्तान की रणनीति का हिस्सा रहा है। इसका मकसद अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर मुद्दे को जिंदा रखना है। पाकिस्तान का एक तबका मानता है कि ऑपरेशन सिंदूर की वजह से कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण हो गया है। दुनिया में दो परमाणु संपन्न देश होने की वजह से भारत-पाकिस्तान की गतिविधियां दुनिया की निगाह में हैं। पाकिस्तान का मानना ​​है कि इस हालिया संघर्ष ने कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय कवरेज दे दी है और यह मुद्दा एक बार फिर बातचीत की मेज पर आ सकता है। विज्ञापन अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की बयानबाजी ने भी जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को बार-बार चर्चा में ला दिया है। आसिम मुनीर और पाकिस्तान सरकार इन हालातों का फ़ायदा उठाना चाहती है. इसीलिए वे बार-बार कश्मीर पर बयानबाज़ी कर रहे हैं. गौरतलब है कि हाल ही में आसिम मुनीर ने ट्रंप से मुलाक़ात की है.

17 अप्रैल को आसिम मुनीर ने 'ओवरसीज पाकिस्तानी कन्वेंशन 2025' में कहा कि पाकिस्तान के लोगों को अपने देश की कहानी बच्चों को ज़रूर बतानी चाहिए, ताकि वे पाकिस्तान की कहानी न भूलें. हिंदुओं के प्रति अपनी नफरत जाहिर करते हुए उन्होंने कहा, "हमारे पूर्वजों ने सोचा था कि हम जीवन के हर पहलू में हिंदुओं से अलग हैं। हमारा धर्म अलग है, हमारे रीति-रिवाज अलग हैं। हमारी संस्कृति अलग है और हमारी सोच अलग है। हमारी महत्वाकांक्षाएं अलग हैं। यही दो राष्ट्र सिद्धांत की नींव थी।"इस संबोधन में असीम मुनीर ने कश्मीर को पाकिस्तान की गले की नस बताया था। और कहा था कि, "कश्मीर और सरकार पर हमारा रुख बिल्कुल साफ है। हम इसे नहीं भूलेंगे। हम अपने कश्मीरी भाइयों को नहीं छोड़ेंगे।"

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को "वैध संघर्ष" बताना पाकिस्तान की कुटिल और षडयंत्रकारी चाल का संकेत है। जम्मू-कश्मीर के लोगों का साथ देने का वादा करते हुए असीम मुनीर ने 17 अप्रैल के पाकिस्तान के रुख को दोहराया है, जब उन्होंने पाकिस्तानियों को हिंदुओं से बेहतर बताया था। मुनीर के इस बयान के बाद पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था।पाकिस्तान के आर्मी चीफ असीम मुनीर जम्मू-कश्मीर के एजेंडे से हट नहीं पा रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तानी सेना की हार के बाद उनकी हताशा साफ दिखाई दे रही है। इस बार उन्होंने जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकवाद का खुलकर समर्थन किया है। आसिम मुनीर ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को "वैध संघर्ष" करार देते हुए कहा कि उनका देश हमेशा कश्मीर के लोगों के संघर्ष में उनके साथ खड़ा रहेगा।

गौरतलब है कि इससे पहले 17 अप्रैल को आसिम मुनीर ने कश्मीर, दो राष्ट्र सिद्धांत और हिंदुओं को लेकर घृणित औ भड़काऊ बया दिया था। उनके बयान के 5 दिन बाद ही पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में आतंकियों ने 26 निर्दोष पर्यटकों का धर्म पूछकर उनकी हत्या कर दी थी। 7 मई को भारत ने इस आतंकी हमले के जवाब में अपनी ताकत दिखाई थी।शनिवार को कराची में पाकिस्तान नौसेना अकादमी में पासिंग आउट समारोह को संबोधित करते हुए मुनीर ने कहा, "भार जिसे आतंकवाद कहता है, वह वास्तव में स्वतंत्रता के लिए एक जायज और कानूनी संघर्ष है, जिसे अंतरराष्ट्रीय कानून द्वारा मान्यता प्राप्त है।" ऑपरेशन सिंदूर की ओर इशारा करते हुए उन्होंने दावा किया कि जिन लोगों ने कश्मीरी लोगों की इच्छा को दबाने और संघर्ष को हल करने के बजाय इसे खत्म करने की कोशिश की है, उन्होंने अपने कार्यों के माध्यम से आंदोलन को और अधिक प्रासंगिक बना दिया है।

मुनीर ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा कश्मीर के लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार के संघर्ष में उनके साथ खड़ा रहेगा। उन्होंने कहा, "पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों और कश्मीरी लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप कश्मीर मुद्दे के न्यायोचित समाधान का पुरजोर समर्थन करता है।" मुनीर के इस बयान से साफ है कि पाकिस्तान न सिर्फ आतंकियों का समर्थन करता है, बल्कि उन्हें नैतिक समर्थन भी देता है। ऐसे बयानों के बाद भारत को आतंकी हमलों के रिकॉर्ड को देखते हुए सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है। गौरतलब है कि भारत ने साफ तौर पर कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है, बल्कि इसे रोक दिया गया है। पाकिस्तान की रणनीति क्या है? कश्मीर पर बार-बार बयानबाजी करना और इसे संयुक्त राष्ट्र में विवाद बताना पाकिस्तान की रणनीति का हिस्सा रहा है। इसका मकसद अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर मुद्दे को जिंदा रखना है। पाकिस्तान का एक तबका मानता है कि ऑपरेशन सिंदूर की वजह से कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण हो गया है।

दुनिया में दो परमाणु संपन्न देश होने की वजह से भारत-पाकिस्तान की गतिविधियां दुनिया की निगाह में हैं। पाकिस्तान का मानना ​​है कि इस हालिया संघर्ष ने कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय कवरेज दे दी है और यह मुद्दा एक बार फिर बातचीत की मेज पर आ सकता है। विज्ञापन अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की बयानबाजी ने भी जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को बार-बार चर्चा में ला दिया है। आसिम मुनीर और पाकिस्तान सरकार इन हालातों का फ़ायदा उठाना चाहती है. इसीलिए वे बार-बार कश्मीर पर बयानबाज़ी कर रहे हैं. गौरतलब है कि हाल ही में आसिम मुनीर ने ट्रंप से मुलाक़ात की है.

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