Samachar Nama
×

माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को दिया अब तक का सबसे बड़ा झटका, समेटा पड़ोसी देश से कारोबार, जानिए क्या है इसके पीछे कारण

दिग्गज टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान से अपना कामकाज समेट लिया है। माइक्रोसॉफ्ट ने 7 मार्च 2000 को पाकिस्तान में कामकाज शुरू किया था और 3 जुलाई 2025 को अपना कामकाज पूरी तरह बंद कर दिया था। महज 25 साल में कंपनी का पाकिस्तान.....
gdfsgf

दिग्गज टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान से अपना कामकाज समेट लिया है। माइक्रोसॉफ्ट ने 7 मार्च 2000 को पाकिस्तान में कामकाज शुरू किया था और 3 जुलाई 2025 को अपना कामकाज पूरी तरह बंद कर दिया था। महज 25 साल में कंपनी का पाकिस्तान से मोहभंग हो गया है। हालांकि, इस अहम फैसले पर माइक्रोसॉफ्ट की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। कंपनी के पूर्व कर्मचारी जवाद रहमान ने माइक्रोसॉफ्ट के पाकिस्तान से वापस लौटने की जानकारी दी है। रहमान 2000 से 2007 तक कंपनी से जुड़े रहे और पाकिस्तान में माइक्रोसॉफ्ट की स्थापना में अहम भूमिका निभाई।

विशेषज्ञों का कहना है कि राजनीतिक अस्थिरता और आर्थिक अनिश्चितता को देखते हुए माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान छोड़ना उचित समझा है। पाकिस्तान में बार-बार सरकार बदलने, लगातार बिगड़ती कानून-व्यवस्था, अस्थिर मुद्रा, ऊंची कर दरें और जटिल व्यापार नीतियों ने बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए पाकिस्तान में कामकाज करना मुश्किल बना दिया है। माइक्रोसॉफ्ट भी इन चुनौतियों से अछूती नहीं है। कंपनी के लिए अपने तकनीकी उपकरण और मुनाफे को पाकिस्तान लाना मुश्किल हो गया। पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है

आर्थिक मोर्चे पर यह बुरी तरह से संकट में है। वित्त वर्ष 2024 में पाकिस्तान का निर्यात करीब 38.9 बिलियन डॉलर रहा, जबकि आयात 63.3 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जिससे व्यापार घाटा 24.4 बिलियन डॉलर हो गया। इसके अलावा, जून 2025 तक सेंट्रल बैंक ऑफ पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 11.5 बिलियन डॉलर रह गया है, जिससे कंपनियों के लिए जरूरी हार्डवेयर आयात करना मुश्किल हो गया है।

भारत के साथ व्यापारिक संबंध भी प्रभावित हुए हैं। 2018 में भारत-पाकिस्तान द्विपक्षीय व्यापार 3 बिलियन डॉलर था, जो 2024 तक घटकर सिर्फ 1.2 बिलियन डॉलर रह गया है। दवाइयों और रसायनों जैसे जरूरी सामान अब तीसरे देशों के जरिए भेजे जा रहे हैं, जिससे लागत और देरी दोनों बढ़ रही है।

और कंपनियां पाकिस्तान छोड़ भी सकती हैं

विश्लेषकों का कहना है कि अगर पाकिस्तान की राजनीतिक और आर्थिक स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो माइक्रोसॉफ्ट के पाकिस्तान छोड़ने के बाद और भी बहुराष्ट्रीय कंपनियां पाकिस्तान को अलविदा कह सकती हैं। यह वह समय है जब पाकिस्तान को आत्मनिरीक्षण करना होगा और ऐसी नीतियां बनानी होंगी जो देश को वैश्विक निवेश और नवाचार के लिए एक सुरक्षित और आकर्षक गंतव्य बना सकें।

Share this story

Tags