ISI चीफ को पाकिस्तान का NSA बनाने के पीछे जनरल मुनीर का बड़ा प्लान, एक्सपर्ट ने बताया भारत के लिए क्यों है गुड न्यूज, जानें
पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता और सैन्य वर्चस्व के बीच एक और बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी और मशहूर संगीतकार डॉ. सलमान अहमद ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर की अमेरिका यात्रा का खुलकर विरोध किया है। अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी में सीएनएन-न्यूज़18 को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में उन्होंने जनरल मुनीर को “मानसिक रोगी” और “युद्ध अपराधी” तक करार दे दिया।
क्या है पूरा मामला?
जनरल आसिम मुनीर 12 जून को अमेरिका यात्रा पर पहुंच रहे हैं और 14 जून को अमेरिकी सेना की 250वीं वर्षगांठ के कार्यक्रम में शामिल होंगे। इस यात्रा को पाकिस्तान के लिए कूटनीतिक रूप से अहम माना जा रहा है, लेकिन इमरान समर्थक इसे सेना की तानाशाही का अंतरराष्ट्रीय प्रचार मान रहे हैं।
सलमान अहमद ने किया विरोध प्रदर्शन का ऐलान
डॉ. सलमान अहमद ने इंटरव्यू में ऐलान किया कि वे व्हाइट हाउस के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने अमेरिका में रहने वाले पाकिस्तानी प्रवासियों, लोकतंत्र समर्थकों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं से भी इस प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की। उनके शब्दों में: "पाकिस्तान के भीतर और बाहर लोकतंत्र की आवाज उठाने वालों को ISI और जनरल मुनीर की ओर से डराया-धमकाया जा रहा है।"
ISI और सेना पर गंभीर आरोप
सलमान अहमद ने पाकिस्तानी सेना और ख़ुफ़िया एजेंसी ISI पर कई गंभीर आरोप लगाए:
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पाकिस्तानी सेना ने कभी कोई युद्ध नहीं जीता, लेकिन हर चुनाव को चुराया है।
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न्यायपालिका पर दबाव डालकर इमरान खान की गिरफ्तारी को "संवैधानिक तख्तापलट" में बदला।
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ISI और जनरल मुनीर ने हजारों कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को गायब करवाया या मारा।
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लोकतांत्रिक आवाजों को दबाने के लिए दमन और हिंसा का सहारा लिया गया।
अमेरिका से उठे सवाल
सलमान अहमद ने यह भी पूछा: "क्या अमेरिका एक ऐसे व्यक्ति का स्वागत करेगा जिसने अपने देश में लोकतंत्र को कुचल दिया और नागरिकों पर जुल्म ढाए?" उनका दावा है कि जनरल मुनीर ने न केवल पाकिस्तान में राजनीतिक हिंसा को बढ़ावा दिया, बल्कि अफगानिस्तान पर हमला भी करवाया, जिसमें महिलाएं और बच्चे मारे गए।
जनरल मुनीर की अमेरिका में बैठकें
जनरल मुनीर की अमेरिका यात्रा के दौरान वे कई प्रमुख अमेरिकी नेताओं से मिलेंगे, जिनमें तुलसी गब्बार्ड और मार्को रुबियो जैसे नाम शामिल हैं। इस पर सलमान अहमद ने अमेरिका की मोरल पोजीशन पर भी सवाल खड़ा किया। डॉ. सलमान अहमद का बयान केवल एक विरोध नहीं, बल्कि पाकिस्तान के आंतरिक लोकतांत्रिक संकट और सैन्य सत्ता की आलोचना का अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रसार है। इससे यह साफ हो गया है कि इमरान खान बनाम पाकिस्तान की सेना की लड़ाई अब केवल पाकिस्तान तक सीमित नहीं रही, बल्कि अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में भी यह एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। अब देखना ये होगा कि अमेरिका जनरल मुनीर को किस नज़र से देखता है – एक सैन्य नेता के रूप में या लोकतंत्र कुचलने वाले चेहरे के रूप में।

