पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस हुई नीलाम, वीडियो में जानें आरिफ हबीब ग्रुप ने 4320 करोड़ रुपये में खरीदी पीआईए
पाकिस्तान की सरकारी विमानन कंपनी पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) आखिरकार नीलाम हो गई है। लंबे समय से आर्थिक संकट से जूझ रही पीआईए को देश के प्रमुख कारोबारी समूह आरिफ हबीब ग्रुप ने 4320 करोड़ रुपये में खरीद लिया है। इस सौदे के साथ ही पाकिस्तान सरकार की निजीकरण की दिशा में एक बड़ी प्रक्रिया पूरी हो गई है। खास बात यह है कि सरकार ने एयरलाइन की बिक्री के लिए 3200 करोड़ रुपये का अनुमान लगाया था, लेकिन नीलामी में उम्मीद से 1320 करोड़ रुपये अधिक की बोली लगी।
एयरलाइन की खरीद के लिए ओपन बिडिंग प्रक्रिया आयोजित की गई थी, जिसमें आरिफ हबीब ग्रुप और लकी सीमेंट ग्रुप के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला। दोनों समूहों के बीच अंतिम चरण तक बोली चलती रही। हालांकि, लकी सीमेंट ग्रुप अधिकतम 4288 करोड़ रुपये तक ही बोली लगा सका, जबकि आरिफ हबीब ग्रुप ने 4320 करोड़ रुपये की बोली लगाकर पीआईए को अपने नाम कर लिया।
इस नीलामी प्रक्रिया में कुल तीन दावेदार शामिल थे। इनमें लकी सीमेंट के नेतृत्व वाला एक बिजनेस ग्रुप, आरिफ हबीब कॉरपोरेशन के नेतृत्व वाला समूह और पाकिस्तान की निजी एयरलाइन एयरब्लू शामिल थी। हालांकि, एयरब्लू शुरुआती चरण में ही दौड़ से बाहर हो गई, जबकि अंतिम मुकाबला आरिफ हबीब ग्रुप और लकी सीमेंट ग्रुप के बीच रहा।
गौरतलब है कि पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस पिछले कई वर्षों से भारी घाटे में चल रही थी। बढ़ते कर्ज, संचालन में अनियमितताओं और खराब प्रबंधन के चलते पीआईए की हालत लगातार खराब होती गई। अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध, विमानों की कमी और कर्मचारियों की संख्या ज्यादा होने जैसी समस्याओं ने एयरलाइन की वित्तीय स्थिति को और कमजोर कर दिया था। इन्हीं कारणों से पाकिस्तान सरकार लंबे समय से पीआईए के निजीकरण की कोशिश कर रही थी।
पाक सरकार के लिए यह सौदा आर्थिक दृष्टि से राहत भरा माना जा रहा है। सरकार को न केवल अनुमान से अधिक राशि मिली है, बल्कि पीआईए के घाटे और कर्ज के बोझ से भी काफी हद तक मुक्ति मिलने की उम्मीद है। वहीं, आरिफ हबीब ग्रुप के लिए यह सौदा विमानन क्षेत्र में एक बड़ी एंट्री माना जा रहा है। समूह ने संकेत दिए हैं कि वह पीआईए के संचालन, बेड़े और सेवाओं में सुधार पर विशेष ध्यान देगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि निजी हाथों में जाने के बाद पीआईए के कामकाज में पेशेवर प्रबंधन, लागत नियंत्रण और बेहतर सेवाओं की संभावना बढ़ सकती है। हालांकि, एयरलाइन को दोबारा मुनाफे में लाना नई प्रबंधन टीम के लिए एक बड़ी चुनौती होगी।
पीआईए की नीलामी पाकिस्तान के आर्थिक हालात और निजीकरण नीति के लिहाज से एक अहम कदम मानी जा रही है। अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि आरिफ हबीब ग्रुप के नेतृत्व में पीआईए किस तरह खुद को नए सिरे से खड़ा कर पाती है।

