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ईरान को मुश्किल में डालकर पाकिस्तान ने फिर निभाई दोहरी नीति ? खुल गया ट्रंप की आसिम मुनीर में दिलचस्पी का राज़ 

ईरान को मुश्किल में डालकर पाकिस्तान ने फिर निभाई दोहरी नीति ? खुल गया ट्रंप की आसिम मुनीर में दिलचस्पी का राज़ 

जब इजरायल ने ईरान पर हमला किया तो पाकिस्तान ने बहुत अहंकार दिखाया। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने तो जोश में आकर यहां तक ​​कह दिया कि "इजराइल ने ईरान, यमन और फिलिस्तीन को निशाना बनाया है। अगर मुस्लिम देश अब एकजुट नहीं हुए तो सबका यही हश्र होगा।"ख्वाजा आसिफ ने पाकिस्तान की संसद नेशनल असेंबली में "ईरान के साथ खड़े होने" की कसम खाई और ईरान पर हमलों के बाद इजरायल के खिलाफ मुस्लिम एकता का आह्वान किया। नेशनल असेंबली में बोलते हुए पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि मुस्लिम देशों को अब इजरायल के खिलाफ एकता दिखाने की पहल शुरू कर देनी चाहिए। उन्होंने कहा, "इजराइल ने ईरान, यमन और फिलिस्तीन को निशाना बनाया है। अगर मुस्लिम देश अब एकजुट नहीं हुए तो सबका यही हश्र होगा।"

उन्होंने इजरायल के साथ राजनयिक संबंध रखने वाले मुस्लिम देशों से तुरंत संबंध खत्म करने का आग्रह किया और कहा कि इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) को एक संयुक्त रणनीति बनाने के लिए मिलना चाहिए। आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान के ईरान के साथ गहरे संबंध हैं और इस्लामाबाद इस मुश्किल वक्त में तेहरान के साथ खड़ा है। रक्षा मंत्री ने कहा, "हम ईरान के साथ खड़े हैं और उनके हितों की रक्षा के लिए हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर उनका समर्थन करेंगे।" ईरान ने पाकिस्तान के इस बयान को बहुत ज़्यादा तूल दे दिया। आईआरजीसी कमांडर और ईरान की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सदस्य जनरल मोहसेन रेजाई ने ईरानी सरकारी टेलीविज़न पर कहा, "पाकिस्तान ने हमें बताया है कि अगर इसराइल ईरान पर परमाणु बम का इस्तेमाल करता है, तो पाकिस्तान भी इसराइल पर परमाणु बम से हमला करेगा।" ईरान का सार्वजनिक रूप से यह कहना कि पाकिस्तान ने उसे विशेष परिस्थितियों में परमाणु बम का इस्तेमाल करने का आश्वासन दिया है, एक बड़ी बात है।

यह पाकिस्तान के परमाणु सिद्धांत में एक महत्वपूर्ण बदलाव था। जहाँ पाकिस्तान एक दूसरे के देशों की रक्षा के लिए अपने परमाणु बम का इस्तेमाल करने के लिए तैयार था। जैसे ही यह बयान अंतरराष्ट्रीय मीडिया में आया, इस्लामाबाद इस बयान से पीछे हट गया। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने ईरान के दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया। ख्वाजा आसिफ ने कहा कि इस्लामाबाद ने इसराइल के खिलाफ़ परमाणु हमले की बात नहीं की है। पाकिस्तान ने स्पष्ट किया कि उसका ऐसा कोई इरादा नहीं है। पाकिस्तान ने ईरान के प्रति समर्थन ज़रूर जताया है और इसराइल की हरकतों की निंदा की है। 

लेकिन पाकिस्तान परमाणु हमले की बात से पीछे हट गया। अब पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने भी ईरानी जनरल के बयान पर सफाई दी है। इशाक डार ने संसद को बताया कि, "सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक ईरानी जनरल यह कहते हुए दिखाया गया है कि अगर इजरायल ईरान पर परमाणु हथियारों से हमला करता है, तो पाकिस्तान भी इजरायल पर परमाणु हथियारों से हमला करेगा।" उन्होंने कहा कि यह गैरजिम्मेदाराना और झूठी खबर है।

विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान की परमाणु नीति 1998 से नहीं बदली है। उन्होंने ईरानी जनरल के बयान को खारिज करते हुए कहा कि हमारी तरफ से ऐसा कोई बयान नहीं दिया गया है, यह मनगढ़ंत है। उस समय भी हमने कहा था कि यह पाकिस्तान की घोषित नीति है। यह आत्मरक्षा के उद्देश्य से है। इशाक डार ने यह भी कहा कि, "इजराइल पाकिस्तान की तरफ आंख उठाकर भी नहीं देख सकता।

यूरोपियन लीडरशिप नेटवर्क के डॉ. ऋषि पॉल ने कहा कि परमाणु शक्ति होने के बावजूद पाकिस्तान सतर्क है क्योंकि वह ईरान के साथ सीधे सैन्य टकराव या इजराइल-अमेरिका के खिलाफ कार्रवाई से बचना चाहता है। यह खास तौर पर तब महत्वपूर्ण है जब पाकिस्तान आर्थिक संकट से जूझ रहा है और उसे पश्चिमी देशों से वित्तीय सहायता की जरूरत है।

ट्रंप की मेहमाननवाजी का लुत्फ उठा रहे हैं असीम मुनीर
गौरतलब है कि परमाणु हमले से जुड़े हल्के बयान पाकिस्तान की तरफ से तब आ रहे हैं जब पाकिस्तान में सत्ता का सबसे बड़ा केंद्र अमेरिका में ट्रंप की मेहमाननवाजी का लुत्फ उठा रहा है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत हुए असीम मुनीर इस समय एक सप्ताह के दौरे पर अमेरिका में हैं। वे अमेरिकी सीनेटरों से चर्चा कर रहे हैं और पाकिस्तान के पक्ष में वकालत करने वाले थिंक टैंक से मिल रहे हैं।ऑपरेशन सिंदूर के बाद से ही पाकिस्तान के प्रति अमेरिकी नीति नरम हो गई है यह एक द्विपक्षीय वार्ता थी और इसमें व्यापार पर कोई चर्चा नहीं हुई।

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