अगले हफ्ते दिल्ली में चीन-भारत की हाईलेवल मीटिंग, बंद कमरे में वांग यी और डोभाल के बीच कई अहम मुद्दों पर होगी चर्चा
अगले हफ़्ते दिल्ली में बड़ा खेल होने वाला है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी अगले हफ़्ते भारत आ रहे हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल से बातचीत करेंगे। यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में हालात तेज़ी से बदल रहे हैं। ट्रंप चाहते हैं कि भारत रूस से तेल ख़रीदना बंद कर दे। वह पाकिस्तान को अपने खेमे में रखे हुए हैं। ऐसे में चीन और भारत की नज़दीकियाँ उनके माथे पर चिंता की लकीरें ज़रूर लाएँगी।
समय पर नज़र डालिए। अमेरिका और भारत के रिश्ते इस समय खटास के दौर से गुज़र रहे हैं। ट्रंप साफ़ कह चुके हैं कि रूस से तेल न ख़रीदें। लेकिन दिल्ली भी जानती है कि रूसी तेल सस्ता है, भरोसेमंद है और इसी से देश की मशीनरी चल रही है। अब यह रस्साकशी पर्दे के पीछे नहीं, बल्कि खुलेआम हो रही है। दूसरी ओर, पाकिस्तान की हालत देखिए, वह पूरी तरह से वाशिंगटन की गोद में बैठ गया है। हाल ही में अमेरिका और पाकिस्तान के बीच नज़दीकियाँ फिर से बढ़ी हैं, जो भारत के लिए नई सुरक्षा समस्याएँ पैदा कर रही हैं।
ट्रंप को सीधा संदेश
इस बीच, विदेश मंत्री एस. जयशंकर रूस यात्रा की तैयारी कर रहे हैं। इससे कुछ दिन पहले ही डोभाल ने मॉस्को में पुतिन से मुलाकात की थी। यह साफ़ है कि दिल्ली रूस के साथ संबंधों को मज़बूत करने की ज़मीन तैयार कर रही है, चाहे वाशिंगटन इसे कितना भी नापसंद करे। वांग यी की यात्रा अमेरिका और ख़ासकर डोनाल्ड ट्रंप के लिए एक सीधा संदेश है कि हम साथ आ रहे हैं।
लंबे समय बाद भारत आ रहे हैं
वांग यी की यह यात्रा इसलिए ख़ास है क्योंकि वह लंबे समय बाद आ रहे हैं। डोकलाम, लद्दाख और सीमा विवाद के बाद बीजिंग और नई दिल्ली के बीच बातचीत में एक ठंडापन आ गया था। अब चीन यह परखने आया है कि भारत 'नरम' है या 'सख्त'। और हाँ, यह सब ऐसे समय में हो रहा है जब पीएम मोदी जल्द ही शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के मंच पर जाने वाले हैं, जहाँ चीन और रूस दोनों मौजूद रहेंगे। दिल्ली में वांग यी और डोभाल की मुलाक़ात को उसी SCO के 'प्री-गेम' के तौर पर भी देखा जा रहा है।

