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मोदी का अफ्रीका-कैरेबियन मिशन! ग्लोबल साउथ को साधने निकले मोदी, रणनीति में छिपा भारत का बड़ा कूटनीतिक संदेश

मोदी का अफ्रीका-कैरेबियन मिशन! ग्लोबल साउथ को साधने निकले मोदी, रणनीति में छिपा भारत का बड़ा कूटनीतिक संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जुलाई की शुरुआत में अफ्रीका और कैरेबियाई देशों के दौरे पर रवाना होंगे। पीएम मोदी घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो और नामीबिया का दौरा करेंगे। पहली नजर में ये 'छोटे' देश लग सकते हैं, क्योंकि इन तीनों देशों की कुल आबादी हरियाणा से भी कम है। लेकिन भारत के लिए इनका सामरिक महत्व बहुत बड़ा है। यही वजह है कि विदेश मंत्रालय ने साफ कहा है कि यह दौरा महज औपचारिकता नहीं, बल्कि भारत के वैश्विक नेतृत्व को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम है। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले भारत दुनिया को यह संदेश दे रहा है कि हम सिर्फ ग्लोबल साउथ की बात नहीं करते, हम इसके लीडर भी हैं।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत अगले साल ब्रिक्स की अध्यक्षता करने जा रहा है। उससे पहले पीएम मोदी का यह दौरा ग्लोबल साउथ की एकता को मजबूत करने वाला माना जा रहा है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक पीएम मोदी इन देशों के नेताओं से न सिर्फ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे, बल्कि भारत की डिजिटल कूटनीति, रक्षा सहयोग, वैक्सीन विकास और महत्वपूर्ण खनिजों की सुरक्षा के लिहाज से भी यह काफी अहम होगा। भारत इन देशों को रक्षा उपकरण मुहैया कराने की भी तैयारी कर रहा है। 

घाना के साथ लिखा जाएगा नया अध्याय

घाना की कुल आबादी 3.38 करोड़ है, लेकिन भारत के नजरिए से यह बेहद अहम देश है। एक ऐसा देश जो हर पल हमारे साथ खड़ा है। पीएम मोदी 3-4 जुलाई को घाना में रहेंगे। वह घाना के प्रधानमंत्री के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और वहां की संसद को संबोधित भी करेंगे। कृषि, वैक्सीन उत्पादन, रक्षा सहयोग और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर पर कई समझौते किए जाएंगे। भारत पहले से ही घाना में स्वास्थ्य, आईटी और शिक्षा परियोजनाओं में निवेश कर रहा है। पीएम मोदी की यह यात्रा इसे और मजबूती देगी।

त्रिनिदाद और टोबैगो और नामीबिया

पीएम मोदी 3-4 जुलाई को त्रिनिदाद और टोबैगो की अपनी पहली यात्रा करेंगे। यहां भारतीय मूल के लोगों की बड़ी आबादी है। यह यात्रा भारत की प्रवासी कूटनीति के लिए एक मजबूत संकेत होगी। व्यापार, शिक्षा और तकनीक के क्षेत्र में सहयोग के नए रास्ते खुल सकते हैं। इसके बाद पीएम मोदी 9 जुलाई को नामीबिया जाएंगे। 27 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली यात्रा होगी। पीएम मोदी वहां संसद को संबोधित करेंगे और रक्षा सुरक्षा, ऊर्जा और खनिज क्षेत्र में साझेदारी पर बात होगी। आपको याद होगा कि नामीबिया पहले ही भारत में चीतों की वापसी में अहम भूमिका निभा चुका है, अब यह रिश्ता और गहरा हो सकता है।

स्पष्ट संदेश- भारत अनुयायी नहीं, नेता है

पीएम मोदी 6-7 जुलाई को ब्राजील में होने वाले 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस बार ब्रिक्स की थीम 'ग्लोबल साउथ का सहयोग' रखी गई है। यह यात्रा भारत की ओर से स्पष्ट संदेश है कि वह पश्चिमी शक्तियों का अनुयायी नहीं बनना चाहता, बल्कि ग्लोबल साउथ का नेता बनना चाहता है। यह नेतृत्व सिर्फ मंचों पर ही नहीं, बल्कि जमीन पर भी दिख रहा है।

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