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गोला-बारूद के बाद Israel-Iran में साइबर वॉर! ईरान में टीवी चैनल हैक कर फैलाई हिंसा, इस्राइली नेताओं को मिलीं जानलेवा धमकियां

गोला-बारूद के बाद Israel-Iran में साइबर वॉर! ईरान में टीवी चैनल हैक कर फैलाई हिंसा, इस्राइली नेताओं को मिलीं जानलेवा धमकियां

इजराइल और ईरान के बीच सीधी जंग शुरू हुए एक सप्ताह हो चुका है। दोनों देश लगातार सातवें दिन भी एक दूसरे पर हमला करते रहे। इजराइल ने गुरुवार सुबह ईरान के अराक परमाणु केंद्र को निशाना बनाने की बात कही तो ईरान ने सीधे इजराइल के प्रमुख शहरों को निशाना बनाया और उसके स्टॉक एक्सचेंज की इमारत को नुकसान पहुंचाया। इसके अलावा बीरशेबा में एक अस्पताल के तबाह होने की भी खबरें हैं। इस संघर्ष को रोकने के लिए दोनों तरफ से कोई प्रयास नहीं हो रहे हैं, उल्टा युद्ध के मैदान से दूर दोनों पक्षों के बीच एक नई जंग सामने आ गई है। यह मनोवैज्ञानिक युद्ध है, जिसका इस्तेमाल दोनों देश एक दूसरे के खिलाफ कर रहे हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि किस तरह से इजराइल और ईरान एक दूसरे पर न सिर्फ जमीन पर सीधे हमला करके बल्कि दूसरे तरीकों से भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं? किस तरह से दोनों देश अपने साइ-ऑप्स यानी मनोवैज्ञानिक युद्ध को अंजाम दे रहे हैं? इसमें कौन आगे है और क्या हासिल हो सकता है? आइए जानते हैं...

ईरान में सूचना युद्ध किस तरह से लड़ रहा है इजराइल?

बुधवार को ईरान में टेलीविजन पर चैनलों के प्रसारण के दौरान अचानक प्रसारण से छेड़छाड़ की गई। इसके बाद लोगों को टीवी पर ऐसी सामग्री दिखाई देने लगी, जिसके ज़रिए लोगों को सर्वोच्च नेता के शासन के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन के लिए उकसाने की कोशिश की गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरानी चैनलों पर 2022 के महिला आंदोलनों से जुड़े कुछ पुराने वीडियो प्रसारित किए गए, जिनमें लोगों को ईरानी शासन के सख्त नियमों के ख़िलाफ़ सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करते देखा जा सकता है. ये विरोध प्रदर्शन ईरान में 'नैतिकता पुलिस' द्वारा सिर न ढकने के कारण हिंसा का शिकार हुई म्हसा अमिनी की मौत के बाद शुरू हुए थे। ईरान के हमशहरी अख़बार ने भी अपने टेलीग्राम चैनल पर टीवी प्रसारण के दौरान हैकिंग के ज़रिए आंदोलन के वीडियो दिखाए जाने की घटना से जुड़ा एक वीडियो शेयर किया।इसमें कहा गया कि हैकर्स ने ईरान के सरकारी टीवी और दूरसंचार को हैक कर लोगों से आंदोलन के लिए सड़कों पर उतरने को कहा इस हैकिंग के बाद जब ईरानी टेलीविज़न चैनलों का नियंत्रण फिर से हासिल हुआ, तो दर्शकों के लिए एक संदेश प्रसारित किया गया- "यहूदी दुश्मनों (इज़राइल) द्वारा साइबर हमलों के कारण सैटेलाइट ट्रांसमिशन बाधित हुआ।"

इजराइल सैन्य अभियानों के लिए ईरान के इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहा है
इस बीच, ईरान ने इजराइल पर मनोवैज्ञानिक युद्ध छेड़ने का आरोप लगाया और उस पर सैन्य अभियानों के लिए आम लोगों के लिए उपलब्ध इंटरनेट का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। ईरान ने देश में आम लोगों द्वारा इंटरनेट के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लगा दिए हैं। ऑनलाइन गतिविधियों पर नज़र रखने वाले ब्रिटेन स्थित समूह नेटब्लॉक्स के अनुसार, ईरानी सरकार ने लगभग पूरे देश में इंटरनेट ब्लैकआउट लागू कर दिया है।

ईरान का आरोप है कि इजराइल ने इंटरनेट का हथियारीकरण करना शुरू कर दिया है और वेब से जुड़ने वाले ईरानी लोगों के मोबाइल और डिवाइस के ज़रिए गुप्त जानकारी इकट्ठा करना जारी रखता है। ईरान ने मेटा के व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम को भी ब्लॉक कर दिया है। इसके साथ ही गूगल और एप्पल के ऐप स्टोर भी बंद कर दिए हैं। ईरान ने लोगों से व्हाट्सएप का बिल्कुल भी इस्तेमाल न करने की अपील की है, क्योंकि इसके ज़रिए ईरान से इजराइल को महत्वपूर्ण डेटा भेजा जा रहा है। हालांकि, व्हाट्सएप ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है।

ईरान के वित्तीय संस्थान निशाने पर, बढ़ सकता है आंतरिक तनाव

इजराइल से जुड़े हैकर्स के एक समूह ने दावा किया है कि उसने ईरान के सरकारी बैंक - 'बैंक सेपाह' पर साइबर हमला किया है। समूह ने कहा है कि उसने बैंक को हैक करके उसका डेटा उड़ा दिया है। 'गोंजेशके दरांडे' यानी 'हंटिंग बर्ड' नाम के इस समूह का दावा है कि उसने ऐसा इसलिए किया क्योंकि बैंक ने ईरानी सेना की मदद के लिए फंड दिया था। इस वजह से बैंक की वेबसाइट लंबे समय तक बंद रही। बैंक पहुंचे लोग भी अपने खातों से पैसे नहीं निकाल पाए। एक साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ ने कहा कि बैंकों पर इस तरह के साइबर हमलों के कारण ईरानी लोग इस संघर्ष के दौरान खुद को असहाय महसूस कर सकते हैं और बैंकों पर उनका भरोसा भी टूट सकता है। इसका सीधा असर सरकार पर उनके भरोसे पर भी पड़ने की संभावना है।

इजराइल से जुड़े इसी हैकर समूह ने बुधवार को क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज कंपनी- नोबिटेक्स पर भी साइबर हमला करने की बात कही है। गोंजेशके दरांडे का कहना है कि नोबिटेक्स के जरिए ईरानी शासन पूरी दुनिया में चरमपंथ फैलाता है। यह क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज प्रतिबंधों की स्थिति में ईरानी शासन का एक अहम हथियार था। इस हैकर समूह ने दावा किया है कि उसने क्रिप्टो एक्सचेंज के लाखों डॉलर जब्त कर लिए हैं।

इजराइल के खिलाफ किस तरह से मनोवैज्ञानिक युद्ध लड़ा जा रहा है?

इस बीच दावा किया जा रहा है कि ईरान इजरायल में राजनीति से जुड़े कई लोगों को फोन के जरिए धमका रहा है। इजरायल के चैनल 12 की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ नेताओं ने शिकायत की है कि उन्हें फोन पर हिब्रू (इजराइल की भाषा) में धमकी दी गई, जिसमें कहा गया कि ईरान मिसाइल हमलों से पूरे इजरायल को तबाह कर देगा।

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