क्या यही इंसाफ है? पाकिस्तान में सरेआम महिला को निर्वस्त्र करने वाले 'दुशासन' की PAK में कम हुई सजा, बदल डाला कानून
हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान अक्सर किसी न किसी वजह से सुर्खियों में रहता है। नेताओं की शेखीबाज़ी या उनके बेतुके बयान अक्सर चर्चा का विषय बने रहते हैं। हाल ही में, पाकिस्तान को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि उसने महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों की सज़ा कम कर दी है। जी हाँ, पाकिस्तान की सीनेट ने एक नया विधेयक पारित किया है, जिसके तहत अब अगर कोई किसी महिला का अपहरण करता है और फिर सार्वजनिक रूप से उसके कपड़े उतारता है, तो अपराधी की सज़ा कम कर दी गई है।
सीनेट ने कानून में क्या बदलाव किए?
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तानी सीनेट ने कानून में बदलाव के इस विधेयक को भारी बहुमत से पारित कर दिया है। अब कानून के मुताबिक, अगर कोई किसी महिला पर हमला करता है या सार्वजनिक रूप से उसके कपड़े उतारकर उसका अपमान करता है, तो पुलिस उसे बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकेगी। यह अपराध गैर-जमानती और गैर-समझौता योग्य माना जाएगा। अपराधी को आजीवन कारावास, जुर्माना और संपत्ति ज़ब्त करने की सज़ा दी जाएगी।
कुछ सीनेटरों ने किया विरोध
हालांकि, कुछ सीनेटरों ने इसका कड़ा विरोध किया। इस विधेयक पर बहस के दौरान सांसद अली ज़फ़र ने कहा कि महिलाओं के कपड़े उतारने पर मौत की सज़ा बनी रहनी चाहिए। इसके अलावा, सांसद समीना मुमताज़ ने कहा, 'हम महिलाओं को कमज़ोर बना रहे हैं और सज़ा में यह कमी विदेशों को खुश करने के लिए की जा रही है।'
कानून मंत्री ने दिया अनोखा तर्क
वहीं, कानून मंत्री सीनेटर आज़म नज़ीर तरार ने कहा, 'ऐसा क्यों माना जाता है कि कड़ी सज़ा से अपराध रुक जाते हैं? हमारे देश में 100 अपराधों के लिए मौत की सज़ा है, फिर भी अपराध कम नहीं हो रहे हैं। यूरोप में मौत की सज़ा नहीं है और वहाँ अपराध कम हैं।' उन्होंने यह भी कहा कि कभी-कभी मामूली झगड़ों में महिला के कपड़े उतारने का झूठा मामला बनाकर दूसरे व्यक्ति को मौत की सज़ा दिलाने की कोशिश की जाती है। इस्लाम (शरिया) के अनुसार, केवल 4 विशेष अपराधों के लिए ही मौत की सज़ा होनी चाहिए।

