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ईरान ने इजरायल के अस्पताल पर मिसाइल से किया हमला, खामेनेई को मिली खुली चेतावनी, भारत ने 110 छात्रों को सुरक्षित निकाल

मध्य पूर्व में ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव ने एक नया मोड़ ले लिया है। ईरान ने इजरायल के सोरोका मेडिकल सेंटर  पर मिसाइल से हमला कर दिया, जिससे अस्पताल में कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हमला एक ऐसे समय में हुआ है जब दोनों देशों के बीच सैन्य टकराव चरम पर है..........
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मध्य पूर्व में ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव ने एक नया मोड़ ले लिया है। ईरान ने इजरायल के सोरोका मेडिकल सेंटर  पर मिसाइल से हमला कर दिया, जिससे अस्पताल में कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हमला एक ऐसे समय में हुआ है जब दोनों देशों के बीच सैन्य टकराव चरम पर है। इजरायल ने इस हमले को "युद्ध अपराध" घोषित करते हुए सीधे ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई को जिम्मेदार ठहराया है।

इजरायली रक्षा मंत्री का तीखा हमला: खामेनेई जिम्मेदार

इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने कहा कि यह हमला न केवल सैन्य संस्थानों पर था, बल्कि आम नागरिकों और अस्पताल जैसी संवेदनशील जगहों पर भी था, जो अंतरराष्ट्रीय युद्ध कानूनों के सीधे उल्लंघन में आता है। उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया में कहा: "कायर ईरानी तानाशाह खामेनेई एक बंकर में छिपा बैठा है और उसने हमारे अस्पतालों और आवासीय इलाकों को निशाना बनाया है। यह सबसे घृणित प्रकार का युद्ध अपराध है। वह इसके लिए पूरी तरह जिम्मेदार है और उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।"

कैट्ज ने यह भी खुलासा किया कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) को तेहरान में जवाबी हमले और तेज करने का आदेश दे दिया है।

प्रधानमंत्री नेतन्याहू की चेतावनी: अब ईरान को चुकानी पड़ेगी कीमत

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस हमले को लेकर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर लिखा: "ईरान के आतंकी तानाशाह खामेनेई के सैनिकों ने हमारे अस्पताल और नागरिकों को निशाना बनाया है। यह हर सीमा की हद पार कर चुका है। ईरान को अब इसकी पूरी कीमत चुकानी पड़ेगी।"

नेतन्याहू की यह प्रतिक्रिया इस बात का संकेत है कि इजरायल अब कूटनीतिक प्रतिक्रिया की बजाय सैन्य जवाब देने के मूड में है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इजरायल द्वारा ईरान की सैन्य और रणनीतिक ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

भारत ने चलाया 'ऑपरेशन सिंधु', 110 छात्र लौटे वतन

इस युद्ध संकट के बीच भारत ने अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए 'ऑपरेशन सिंधु' शुरू किया। इस ऑपरेशन के तहत ईरान के उर्मिया मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे 110 भारतीय छात्रों को सुरक्षित भारत वापस लाया गया है। इनमें से 90 छात्र जम्मू-कश्मीर से हैं। ये सभी छात्र इंडिगो की विशेष उड़ान '6ई 9487' से दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल-3 पर पहुंचे। हवाई अड्डे पर केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने सभी छात्रों का गर्मजोशी से स्वागत किया। वतन लौटे छात्रों ने भारत सरकार, ईरान और आर्मेनिया स्थित भारतीय दूतावासों का आभार जताया और कहा कि संकट की घड़ी में भारत सरकार ने उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित कर उन्हें नई जिंदगी दी है।

निष्कर्ष: युद्ध की आंच में मासूम फंसे

ईरान-इजरायल संघर्ष अब एक बेहद खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुका है, जहां अस्पतालों और आम नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है। यह साफ संकेत है कि यह सिर्फ दो देशों का युद्ध नहीं रह गया, बल्कि इसका असर वैश्विक स्तर पर महसूस किया जा रहा है। भारत जैसे शांतिप्रिय देश के नागरिकों की सुरक्षित वापसी राहत की बात जरूर है, लेकिन आने वाले समय में यह संघर्ष कितना भयावह हो सकता है, इसका अंदाजा अभी से लगने लगा है। दुनिया की निगाहें अब इस पर टिकी हैं कि क्या यह टकराव किसी बड़े युद्ध में तब्दील होगा या कूटनीति इस आग को बुझाने में कामयाब होगी।

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