Samachar Nama
×

भारत के ‘आकाश’ मिसाइल सिस्टम की वैश्विक उड़ान, ब्राजील से होने जा रही डील बना सकती है डिफेंस एक्सपोर्ट का नया रिकॉर्ड

भारत के ‘आकाश’ मिसाइल सिस्टम की वैश्विक उड़ान, ब्राजील से होने जा रही डील बना सकती है डिफेंस एक्सपोर्ट का नया रिकॉर्ड

भारत की स्वदेशी 'आकाश' वायु रक्षा प्रणाली ने अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बना ली है। ब्राजील ने आधिकारिक तौर पर इस प्रणाली में गहरी दिलचस्पी दिखाई है और इसके अधिग्रहण तथा स्थानीय विनिर्माण के लिए भारत के साथ बातचीत शुरू कर दी है। ब्राजील द्वारा यह कदम चीनी 'स्काई ड्रैगन' के मुकाबले भारत की 'आकाश' प्रणाली को तरजीह दिए जाने के बाद उठाया गया है, जो भारत की रक्षा निर्यात नीति तथा 'मेक इन इंडिया' पहल के लिए एक बड़ी सफलता है।

विदेश मंत्रालय में सचिव पी. कुमारन ने पुष्टि की है कि ब्राजील न केवल इस प्रणाली को खरीदने में दिलचस्पी रखता है, बल्कि भारत के साथ मिलकर इसका उत्पादन भी करना चाहता है। बताया जा रहा है कि जुलाई 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्राजील यात्रा के दौरान इस पर उच्च स्तरीय चर्चा होगी। वह ब्राजील की द्विपक्षीय यात्रा पर रहेंगे और साथ ही 5 से 8 जुलाई तक रियो डी जेनेरियो में होने वाले 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भी भाग लेंगे।

भारत-ब्राजील रक्षा साझेदारी में दिखे नए आयाम

इससे पहले ब्राजील के सैन्य उच्चाधिकारियों के एक दल ने भारत में 'आकाश' वायु रक्षा प्रणाली का लाइव प्रदर्शन देखा था और उसके बाद इसे चीनी विकल्प पर तरजीह दी गई थी। यह पहली बार नहीं है कि भारत की रक्षा तकनीक को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिली हो। इससे पहले आर्मेनिया को आकाश प्रणाली के सफल निर्यात के बाद भारत का आत्मविश्वास और बढ़ा है।

औद्योगिक सहयोग भी मजबूत हो रहा है

ब्राजील में पहले से सक्रिय एमकेयू और एसएमपीपी जैसी भारतीय कंपनियां बुलेटप्रूफ जैकेट और अन्य सुरक्षा उपकरण सप्लाई कर रही हैं। वहीं, ब्राजील की दो बड़ी कंपनियां- टॉरस आर्मस और सीबीसी अब भारत में अपना निवेश और हथियार निर्माण बढ़ा रही हैं। यानी ये कंपनियां भारत में और कारखाने लगाएंगी और यहां हथियार बनाएंगी।

एम्ब्रेयर ने भारत में नई सहायक कंपनी खोली

ब्राजील की विमान निर्माता कंपनी एम्ब्रेयर ने भारत में एक नई इकाई स्थापित की है। इससे हवाई क्षेत्र में सहयोग की नई संभावनाएं खुल गई हैं।

कूटनीति के साथ प्रौद्योगिकी का तालमेल
भारत और ब्राजील जी-20 उपग्रह मिशन में भी साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इसमें जलवायु और पर्यावरण की निगरानी पर ध्यान दिया जाएगा। दोनों देशों की यह रणनीतिक साझेदारी अब सिर्फ रक्षा उपकरणों तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि अंतरिक्ष और संधारणीय प्रौद्योगिकी तक फैल गई है।

Share this story

Tags