'भारत नहीं है हमारा सबसे बड़ा दुश्मन...' पाकिस्तान के एक्सपर्ट का चौंकाने वाला बयान, जानें कहां से है असली खतरा?
पाकिस्तान में जलवायु परिवर्तन देश के अस्तित्व के लिए ख़तरा बनता जा रहा है। पाकिस्तान में जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम में बदलाव एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है। पाकिस्तानी विशेषज्ञ इस चुनौती को भारत से भी बड़ा ख़तरा बता रहे हैं। इस्लामाबाद में रहने वाले पत्रकार फ़रहान बुखारी का कहना है कि पाकिस्तान की सेना और सरकार वर्षों से भारत को एक ऐसे ख़तरे के रूप में पेश करती रही है जो उनके देश को तबाह कर सकता है। उनका कहना है कि जलवायु परिवर्तन वास्तव में पाकिस्तान के भविष्य को ख़तरे में डाल सकता है। विशेषज्ञ पाक सरकार को चेतावनी दे रहे हैं। हालाँकि, पाकिस्तान की शाहबाज़ शरीफ़ सरकार और ख़ुद को सर्वशक्तिमान समझने वाली असीम मुनीर की सेना इस मुद्दे पर कोई गंभीर कदम उठाती नहीं दिख रही है।
फ़रहान बुखारी ने पाकिस्तान के वित्त मंत्री औरंगज़ेब की एक हालिया टिप्पणी का ज़िक्र किया है। 6-7 मई को भारत के साथ सैन्य झड़प के दो महीने बाद, पाकिस्तानी वित्त मंत्री ने एक बयान में कहा था कि जलवायु परिवर्तन और जनसंख्या वृद्धि उनके देश के भविष्य के लिए एक 'अस्तित्व का ख़तरा' हैं। उन्होंने जलवायु परिवर्तन को पाकिस्तान के सामने सबसे बड़ी चुनौती माना। उन्होंने संकेत दिया कि पाकिस्तान को जलवायु परिवर्तन को भारत से भी 'बड़ा दुश्मन' समझना चाहिए।
मौसम में बड़े बदलाव
पाकिस्तानी विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन उनके देश में ऐसी समस्याएँ पैदा कर रहा है, जो जीवन को कठिन बना रही हैं। उन्होंने कहा कि देश के एक बड़े हिस्से में कुछ महीने पहले सर्दियों के मौसम में बदलाव देखे गए, जिसका सीधा असर कृषि पर पड़ा। अब लाहौर में मानसून की बारिश पहले आ गई है। ये जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के उदाहरण हैं। इसका असर देश की कृषि और जल पर पड़ रहा है।
यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान में जलवायु परिवर्तन को लेकर ऐसी चेतावनी आई है। इस साल जून में, वर्ष 2024-25 के लिए पाकिस्तान के आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया था कि तेज़ी से हो रहा जलवायु परिवर्तन पाकिस्तान के अस्तित्व के लिए ख़तरा है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि चरम मौसम की घटनाओं की बढ़ती आवृत्ति और तीव्रता, बढ़ते तापमान और अनियमित वर्षा पैटर्न के साथ, पाकिस्तान दुनिया के सबसे ज़्यादा जलवायु-संवेदनशील देशों में से एक बना हुआ है।
सर्वेक्षण में कहा गया है कि पाकिस्तान वैश्विक उत्सर्जन में 1% से भी कम का योगदान देता है, फिर भी जलवायु परिवर्तन से सबसे ज़्यादा प्रभावित शीर्ष 10 देशों में पहले स्थान पर है। यह सूचकांक पाकिस्तान में लगातार होने वाली गंभीर मौसम संबंधी घटनाओं के जोखिम को रेखांकित करता है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि पाकिस्तान लगातार और तीव्र चरम मौसम संबंधी घटनाओं का सामना कर रहा है।

