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भारत की चर्चा हर जगह लेकिन क्या आप जानते है चीन में कितने लोग बेरोजगार ? आंकड़े जान फटी रह जायेंगी आंखें 

भारत की चर्चा हर जगह लेकिन क्या आप जानते है चीन में कितने लोग बेरोजगार ? आंकड़े जान फटी रह जायेंगी आंखें 

भारत में बेरोज़गारी को लेकर काफ़ी चर्चा होती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पड़ोसी देश चीन में भी यह एक गंभीर मुद्दा बन गया है? आइए ताज़ा आंकड़ों और तथ्यों से समझते हैं कि वहाँ कितने लोग नौकरी की तलाश में भटक रहे हैं।चीन में बढ़ती बेरोज़गारी एक बड़ी समस्या बन गई है। बढ़ती बेरोज़गारी के बीच ऐसी कंपनियों की संख्या बढ़ गई है। जो दिखावे के लिए लोगों को नौकरी के ऑफर दे रही हैं। विश्व बैंक के अनुसार, वर्ष 2023 में चीन में बेरोज़गारी दर भारत से ज़्यादा होगी, चीन में बेरोज़गारी 4.7 प्रतिशत है जबकि भारत में 4.2 प्रतिशत।

इस साल युवाओं में बेरोज़गारी दर बढ़कर 21 प्रतिशत से ज़्यादा हो गई थी, जिसके बाद चीन सरकार ने इस बढ़ती बेरोज़गारी को छिपाने के लिए बेरोज़गारी दर के आंकड़े जारी करना बंद कर दिया। चीन में सरकारी नौकरियों के लिए वैसे ही होड़ मची है जैसे भारत में लोग सरकारी नौकरियों के पीछे भागते हैं।आपको बता दें कि पिछले कुछ सालों से चीन की अर्थव्यवस्था कई चुनौतियों का सामना कर रही है। कोविड-19 महामारी और वैश्विक माँग में कमी ने देश की आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित किया है। इसका सबसे बड़ा असर देखने को मिला है।

एक आंकड़े के अनुसार, चीन में 16 से 24 वर्ष की आयु के शहरी युवाओं में बेरोजगारी दर 2023 में 21.3% के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुँच गई। हालाँकि, हाल के आंकड़ों में सुधार हुआ है, जून 2024 में बेरोजगारी दर 17 प्रतिशत और वर्तमान में लगभग 14 प्रतिशत है। फिर भी, यह आंकड़ा दर्शाता है कि पाँच में से एक युवा रोजगार की तलाश में है।लेकिन माँग के अनुपात में नौकरियों की संख्या नहीं बढ़ रही है। चीनी सरकार ने बेरोजगारी के आंकड़ों को लेकर पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं। 2023 में, सरकार ने कुछ समय के लिए युवा बेरोजगारी के आंकड़े जारी करना बंद कर दिया। विशेषज्ञों का मानना है कि वास्तविक बेरोजगारी दर आधिकारिक आंकड़ों से कहीं अधिक हो सकती है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति और भी खराब है।

इसका एक बड़ा कारण रिकॉर्ड संख्या में कॉलेज स्नातकों का नौकरी बाजार में प्रवेश है। 2023 में 1.16 करोड़ छात्रों ने स्नातक किया और 2025 में भी यह संख्या बढ़ रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष स्नातकों की संख्या 1 करोड़ 22 लाख तक पहुँचने की उम्मीद है। यह अब तक का सबसे बड़ा आँकड़ा है।

चीन में युवाओं को उनके कौशल के अनुसार नौकरी नहीं मिल रही है। जिन युवाओं को उनके कौशल के अनुसार नौकरी नहीं मिलती, वे घर पर नहीं बैठना चाहते, इसलिए वे नौकरी छूटने का नाटक करके खुद को व्यस्त रखते हैं। चीन में 'काम करने का नाटक' का चलन बहुत लोकप्रिय हो रहा है। इसमें लोग नकली दफ्तरों में काम करने जाते हैं। पूरा दिन वहीं बिताते हैं और कंपनी को खुद ही भुगतान भी करते हैं।

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