अमेरिकी टैरिफ में भारत को मिल सकती है बड़ी राहत, Donald Trump बोले - ' अंतिम दौर में है डील....'
अमेरिका और भारत के बीच व्यापार समझौते को लेकर इस समय चर्चा चल रही है। भारतीय टीम व्यापार वार्ता के लिए वाशिंगटन गई है और टैरिफ समझौते पर चर्चा कर रही है। इसमें अमेरिका भारत से डेयरी और कृषि उत्पादों पर टैरिफ कम करने का अनुरोध कर रहा है, लेकिन भारत राष्ट्रीय हित में अपनी शर्तों पर अड़ा हुआ है। साथ ही, भारत यह भी चाहता है कि अमेरिका अपना टैरिफ 15 से 10 प्रतिशत या उससे कम रखे।
इसी खींचतान के बीच, एक रिपोर्ट टैरिफ को लेकर बड़ा खुलासा कर रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका के साथ प्रस्तावित व्यापार समझौते के तहत भारत को तरजीही टैरिफ सुविधा मिल सकती है, जो संभवतः उसे 1 अगस्त से अन्य देशों पर लगाए जाने वाले भारी पारस्परिक टैरिफ से सुरक्षा प्रदान करेगी।तरजीही टैरिफ का अर्थ है वियतनाम जैसे देशों की तुलना में भारतीय वस्तुओं पर कम टैरिफ लगाना। उदाहरण के लिए, यदि वियतनामी वस्तुओं पर 20 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाता है, तो भारत पर इससे कम टैरिफ लगेगा।
बिजनेस टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक वरिष्ठ अधिकारी ने इन्फॉर्मिस्ट को बताया कि अमेरिकी समझौता पूरी तरह से तरजीही व्यवहार पर आधारित है। विशेष सचिव और मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में भारत का व्यापार प्रतिनिधिमंडल इस समझौते को अंतिम रूप देने के लिए वाशिंगटन में है। यह चर्चा अमेरिका में टैरिफ में बदलाव के बीच हो रही है। डोनाल्ड ट्रंप ने विभिन्न देशों को टैरिफ के बारे में जानकारी देना शुरू कर दिया है। साथ ही, भारत पर 26 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा भी की गई है।
बातचीत अंतिम दौर में
गुरुवार को ट्रंप ने एक बड़ा ऐलान किया, जिसमें उन्होंने कहा कि हम भारत के साथ समझौते के बेहद करीब हैं। उन्होंने कहा कि इस समझौते को लेकर भारत के साथ बातचीत अच्छी चल रही है। सब कुछ ठीक चल रहा है और जल्द ही यह समझौता अंतिम रूप ले लेगा।
भारत-अमेरिका व्यापार समझौता कब होगा?
भारत के उद्योग विशेषज्ञों को उम्मीद है कि 1 अगस्त की समय सीमा से पहले एक प्रारंभिक समझौता हो जाएगा या एक छोटा व्यापार समझौता हो जाएगा, जिससे टैरिफ से होने वाले नुकसान से बचा जा सकेगा। अमेरिका भारत का सबसे बड़ा निर्यात बाजार है, जिसका कुल निर्यात में 15% से अधिक का योगदान है।
वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में भारत ने अमेरिका को 86.51 अरब डॉलर मूल्य का माल निर्यात किया, जिससे 40.82 अरब डॉलर का व्यापार अधिशेष दर्ज किया गया। यदि अमेरिका 26 प्रतिशत पारस्परिक शुल्क लगाता है, तो इससे व्यापार लाभ में उल्लेखनीय कमी आएगी और भारतीय निर्यातकों को भारी नुकसान होगा। तरजीही व्यवहार से भारत को काफी लाभ हो सकता है।

