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पाकिस्तान कैसे डुबाएगा आधी दुनिया जब भारत जैसा दिव्यास्त्र बनाने में ही लग जाएंगे 100 साल, सामने आया मुनीर के दावों का सच 

पाकिस्तान कैसे डुबाएगा आधी दुनिया जब भारत जैसा दिव्यास्त्र बनाने में ही लग जाएंगे 100 साल, सामने आया मुनीर के दावों का सच 

पाकिस्तान के फील्ड मार्शल जनरल असीम मुनीर अमेरिका जाकर भारत को धमकी दे रहे हैं। अमेरिका दौरे में मुनीर ने कहा है कि अगर भारत सिंधु नदी पर बांध बनाता है तो हम उस पर 10 मिसाइलों से हमला करके उसे तबाह कर देंगे। मुनीर ने फ्लोरिडा के टैम्पा में एक निजी डिनर में शेखी बघारी थी कि हम एक परमाणु संपन्न राष्ट्र हैं। अगर हमें लगा कि हम डूब रहे हैं, तो हम आधी दुनिया को अपने साथ ले जाएंगे। लेकिन मुनीर शायद भूल गए कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत की महज चार दिन की सैन्य कार्रवाई में पाकिस्तान घुटनों पर आ गया था। उसके एक दर्जन से ज्यादा एयरबेस तबाह कर दिए गए थे। हकीकत यह है कि पाकिस्तान भले ही आधी दुनिया को तबाह करने का दावा करता हो, लेकिन असल में उसके पास अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलें नहीं हैं। जबकि, भारत के पास अग्नि-5 जैसी अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल आईसीबीएम है। बुधवार के बिग टिकट में आइए इसे समझते हैं। ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के दावों की पोल खुली

रक्षा विशेषज्ञ लेफ्टिनेंट कर्नल (सेवानिवृत्त) जेएस सोढ़ी के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर से भारत न केवल सैन्य रूप से मज़बूत हुआ, बल्कि कूटनीतिक रूप से भी बेहद मज़बूत रहा। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद बनी एक मज़बूत नीति के ज़रिए उसने इस्लामाबाद के परमाणु हथियारों के प्रदर्शन को दरकिनार कर दिया। भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने भी मुनीर के बयान पर प्रतिक्रिया दी है और साफ़ कहा है कि हम परमाणु ब्लैकमेलिंग के आगे नहीं झुकेंगे। मुनीर के बयान गैर-ज़िम्मेदाराना हैं।

आइए पहले जानते हैं कि मुनीर ने अमेरिका में असल में क्या कहा था

जनरल मुनीर ने सिंधु नदी विवाद को लेकर नदी पर बने भारतीय बांधों को नष्ट करने की भी कसम खाई थी। उन्होंने ऐलान किया कि हम भारत द्वारा बांध बनाने का इंतज़ार करेंगे, और जब वे ऐसा करेंगे, तो हम उन्हें 10 मिसाइलों से नष्ट कर देंगे। उन्होंने कहा कि सिंधु नदी भारतीयों की पैतृक संपत्ति नहीं है। हमारे पास मिसाइलों की कोई कमी नहीं है, अल-हम्दुलिल्लाह (अल्लाह की कृपा से, हमारे पास मिसाइलों की कोई कमी नहीं है)। मुनीर की यह धमकी अप्रैल में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने के कुछ महीने बाद आई है। मुनीर ने अमेरिका से बलूचिस्तान के विद्रोही संगठन बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी पर प्रतिबंध लगवाया है। इसे आतंकवादी संगठन घोषित किया जा चुका है।

आईसीबीएम प्रकार की मिसाइलें क्या होती हैं?

विकिपीडिया के अनुसार, अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) एक बैलिस्टिक मिसाइल है जिसकी मारक क्षमता 5,500 किलोमीटर (3,400 मील) से अधिक होती है। इसे मुख्य रूप से परमाणु हथियार ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें पारंपरिक, रासायनिक और जैविक हथियार ले जाने की क्षमता है। हालाँकि, आईसीबीएम को रासायनिक या जैविक हथियारों से लैस नहीं किया गया है।

भारत की अग्नि-5 की गति 29 हज़ार किलोमीटर है
मिशन दिव्यास्त्र के तहत विकसित अग्नि-5 की गति 24 मैक यानी ध्वनि की गति से 24 गुना ज़्यादा है। यानी इसकी गति 29,401 किलोमीटर प्रति घंटा है। यह भारत की पहली और एकमात्र अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने बनाया है। इसकी मारक क्षमता 5,000 किलोमीटर है, जिसे 8,000 किलोमीटर तक बढ़ाया जा सकता है। यह मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल रीएंट्री व्हीकल (MIRV) से लैस है। इसका मतलब है कि यह एक साथ कई दुश्मन ठिकानों को तबाह कर सकती है। इसके लॉन्चिंग सिस्टम में कैनिस्टर तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इससे अग्नि-5 को कहीं भी ले जाना आसान हो जाएगा।

इन देशों के पास हैं ICBM, पाकिस्तान के पास नहीं
बैलिस्टिक मिसाइलों के ज़्यादातर आधुनिक डिज़ाइन टार्गेटिड रीएंट्री व्हीकल (MIRV) को सपोर्ट करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जिससे एक मिसाइल कई वॉरहेड ले जा सकती है। ये सभी एक अलग लक्ष्य पर हमला कर सकते हैं। अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, भारत, ब्रिटेन, इज़राइल और उत्तर कोरिया ही ऐसे देश हैं जिनके पास ICBM हैं। पाकिस्तान के पास ऐसी कोई मिसाइल नहीं है। भारत के पास अग्नि-5 जैसी मिसाइलें हैं, जिनकी मारक क्षमता 5,000 किलोमीटर से ज़्यादा है।

क्या पाकिस्तान के पास लंबी दूरी की मिसाइलें हैं?
रक्षा विशेषज्ञ जेएस सोढ़ी के अनुसार, पाकिस्तान की परमाणु नीति जानबूझकर अस्पष्ट है। उसके पास युद्ध के मैदान में इस्तेमाल के लिए उपयुक्त कम दूरी के सामरिक हथियार हैं। लेकिन, इन हथियारों का इस्तेमाल लंबी दूरी की रणनीतिक लड़ाइयों में नहीं किया जा सकता। मुनीर का 'आधी दुनिया' को डुबोने में सक्षम होने का दावा महज एक धोखा है। यह दावा हकीकत से कोसों दूर है। हकीकत यह है कि पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की रेंज भी सीमित है। उनकी पहुँच काफी हद तक क्षेत्र तक ही सीमित है। पाकिस्तान को एक आईसीबीएम मिसाइल बनाने में 100 साल लगेंगे। अभी उसकी दूसरी मिसाइलों पर सवाल उठते रहते हैं। ऐसे में आईसीबीएम बनाना दूर की कौड़ी है।

भारत के पास पाकिस्तान से ज़्यादा परमाणु हथियार हैं

हाल ही में जारी एक अमेरिकी ख़ुफ़िया रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि इस्लामाबाद अपने हथियारों का भंडार बढ़ाना चाहता है। इससे आने वाले वर्षों में ख़तरा और बढ़ सकता है। वहीं, भारत के पास अनुमानित 172 परमाणु हथियार हैं। इन्हें परीक्षण की गई अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों (ICBM) का समर्थन प्राप्त है। भारत ने 'पहले इस्तेमाल न करने' की नीति घोषित की है। भारत की अग्नि-5 की मारक क्षमता 5,000 किलोमीटर है, जो वास्तव में एक ICBM क्षमता वाली मिसाइल है।

पाकिस्तान के पास एक भी ICBM नहीं है
रक्षा विशेषज्ञ जेएस सोढ़ी का कहना है कि मौजूदा अनुमानों के अनुसार, पाकिस्तान के पास लगभग 170 हथियार हैं। लेकिन, इनमें वास्तव में ICBM क्षमता नहीं है। इनमें सबसे लंबी दूरी की मिसाइल पाकिस्तान की शाहीन-III (हत्फ़-6) है, जिसकी मारक क्षमता 2,750 किलोमीटर है। इसके बाद अबाबील (हत्फ़-8) मिसाइल है, जिसकी मारक क्षमता 2,200 किलोमीटर है। ऐसी स्थिति में यह आईसीबीएम की रेंज में नहीं आता है।

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