ईरान की धरती के नीचे छिपा न्यूक्लियर प्लांट को बंकर-फोड़ बम कैसे करेगा निस्त-नाबूत ? 6 चरणों में जानिए मिशन की तकनीक

ईरान और इजरायल के बीच युद्ध में अमेरिका कभी भी उतर सकता है। कई विशेषज्ञ इसे लगभग तय मान रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि ट्रंप ने ईरान पर हमला करने की इजरायल की योजना को मंजूरी दे दी है (Iran Israel War) लेकिन अभी तक अंतिम आदेश नहीं दिया है। अमेरिका के युद्ध में उतरने के पीछे सबसे बड़ी वजह तेहरान के दक्षिण में पहाड़ी इलाके में छिपा फोर्डो परमाणु संवर्धन संयंत्र माना जा रहा है, जो ईरान के परमाणु बम हासिल करने के सपने के लिए सबसे अहम है।
अमेरिका का शक्तिशाली बंकर-फोड़ने वाला बम पहाड़ियों के अंदर गहराई में दबे इस परमाणु संयंत्र को नष्ट करने में सक्षम एकमात्र हथियार है। इस बम का नाम GBU-57 है। इजरायल चाहकर भी इस संयंत्र को नुकसान नहीं पहुंचा पाया है और अब उसकी नजर अमेरिका पर है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नजरिए से देखा जाए तो इस बंकर-फोड़ने वाले बम को ईरान और परमाणु बम के बीच ब्रह्मास्त्र के तौर पर देखा जा रहा है।तो आइए आपको बताते हैं कि यह बम 6 चरणों में इतनी सटीकता और प्रभाव के साथ भूमिगत लक्ष्य को कैसे नष्ट करता है।
13,607 किलोग्राम का बम, जो जमीन के अंदर 61 मीटर तक घुसकर विस्फोट करने में सक्षम है
ईरान का फोर्डो प्लांट इतना भूमिगत है कि इजरायली सेना के लिए इसे नष्ट करना असंभव साबित हो रहा है। फोर्डो साइट को जमीन से 80-90 मीटर नीचे माना जाता है। बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, माना जाता है कि इजरायल के पास बंकर-फोड़ने वाले हथियार भी हैं, लेकिन वे केवल 10 मीटर (33 फीट) से कम की गहराई तक ही काम कर सकते हैं। दूसरी ओर, अमेरिका के पास GBU-57 बम है जो यह काम करने में सक्षम हो सकता है।
GBU-57 बम का वजन 13,607 किलोग्राम है और यह विस्फोट होने से पहले जमीन में 200 फीट (61 मीटर) तक घुसने में सक्षम है। 6.6 मीटर लंबे GBU-57 बम में एक खास फ्यूज भी है। बंकर को नष्ट करने के लिए ऐसे विस्फोटक की जरूरत होती है जो जमीन पर गिरते ही तुरंत विस्फोट न करे। बम का फ्यूज सक्रिय हो जाता है और बम जमीन में करीब 61 मीटर तक घुसने के बाद ही विस्फोट करता है।
बम 6 चरणों में काम करता है
पहला चरण - बम को लक्ष्य से करीब 12 किलोमीटर ऊपर B-2 स्टील्थ फाइटर जेट से गिराया जाता है। सिर्फ़ यही फाइटर जेट GBU-57 बम को तैनात करने (लक्ष्य पर गिराने) में सक्षम है। यह स्टील्थ फाइटर जेट है, यानी रडार इसे पकड़ नहीं सकता। हर B-2 फाइटर जेट अपने साथ दो GBU-57 बम ले जा सकता है।
दूसरा चरण - इस बम में कोई इंजन नहीं होता, लेकिन जब इसे आसमान में 12 किलोमीटर की ऊंचाई से गिराया जाता है, और इसका अपना वजन 13,607 किलोग्राम होता है, तो यह बहुत तेज़ गति से नीचे आता है।
तीसरा चरण - यह बम सैटेलाइट गाइडेंस से लैस है। यानी इसे अमेरिका में बैठे-बैठे ईरान में किसी भी लक्ष्य पर हवा में घुमाया जा सकता है। इसमें लगे पंखों का इस्तेमाल करके इसे हवा में घुमाया जाता है और लक्ष्य के ठीक ऊपर गिराया जाता है।
चौथा चरण- इस चरण के लिए आपको यह समझना होगा कि अगर किसी चीज का वजन बहुत ज्यादा है और वह तेज गति से चल रही है, तो उसकी गतिज ऊर्जा बहुत ज्यादा होती है और किसी सतह से टकराने पर उसका प्रभाव भी उतना ही ज्यादा होता है। अब भारी वजन और तेज गति इस बम को बंकर के ऊपर जमीन पर गिरते ही उच्च गतिज ऊर्जा प्रदान करती है।
पांचवां चरण- बंकर के ऊपर जमीन पर तेज ऊर्जा से टकराने पर बम जमीन के 61 किलोमीटर अंदर तक पहुंच जाता है।
छठा चरण- इस चरण में पहुंचने पर बम का फ्यूज फट जाता है और उसमें मौजूद 2,400 KG विस्फोटक फट जाता है।
यहां यह ध्यान रखना चाहिए कि GBU-57 बम जमीन के अंदर 61 किलोमीटर तक घुसने में सक्षम है और ईरान का फोर्डो परमाणु संवर्धन संयंत्र जमीन के अंदर 80-90 किलोमीटर दूर स्थित है। अमेरिकी सेना के पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल और रैंड कॉरपोरेशन के रक्षा शोधकर्ता मार्क श्वार्ट्ज का कहना है कि फोर्डो संयंत्र को नष्ट करने के लिए संभवतः कई बमों की आवश्यकता होगी।