बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना को भारी नुकसान, BLA-BLF-BRG ने मिलकर किए घातक हमले, 15 सैनिक ढेर

पाकिस्तान के हिंसा-प्रवण प्रांत बलूचिस्तान में अलगाववादी गतिविधियों की आग लगातार भड़कती जा रही है। हाल ही में बलूच लड़ाकू संगठनों और पाकिस्तानी सेना के बीच हुई भीषण झड़पों में सेना को गंभीर नुकसान उठाना पड़ा है। बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) के मुताबिक, 22 से 25 जून के बीच कम से कम 15 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं, जबकि बलूच संगठनों के तीन लड़ाके भी शहीद हुए हैं। बलूचिस्तान के क्वेटा, कलात, सयाजी, लिंगासी और ग्वादर जैसे इलाकों में पाकिस्तानी सेना के ठिकानों को एक के बाद एक निशाना बनाया गया।
BLA ने किया खुलासा: कलात में घात, 6 सैनिक मारे
BLA के प्रवक्ता जियान्द बलूच द्वारा जारी बयान के अनुसार,
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22 जून को कलात के कोहक इलाके में BLA के लड़ाकों ने पाकिस्तानी सेना के काफिले पर IED हमला किया।
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हमले के तुरंत बाद जमीन से हमला कर सैनिकों को घेर लिया गया।
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इस झड़प में छह सैनिक मौके पर ही ढेर हो गए, कई अन्य घायल हुए।
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इस ऑपरेशन में BLA का एक जांबाज़ लड़ाका नोरोज शहीद हो गया।
क्वेटा में सीधी भिड़ंत, दघारी में मची तबाही
उसी दिन यानी 22 जून को ही बलूच लिबरेशन आर्मी के गश्ती दस्ते की पाकिस्तानी सेना से क्वेटा के दघारी क्षेत्र में आमने-सामने भिड़ंत हुई।
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इस लड़ाई में भी कई पाकिस्तानी जवानों के मारे जाने और घायल होने की खबर है।
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BLA ने इस मुठभेड़ में अपने एक और लड़ाके जमशेद के शहीद होने की पुष्टि की है।
20 जून को लिंगासी में झड़प
इनसे ठीक दो दिन पहले 20 जून को लिंगासी इलाके में भी BLA के दस्तों ने पाकिस्तानी सैनिकों से मोर्चा लिया था।
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यह लड़ाई भी घातक रही और पाक सेना को भारी नुकसान पहुंचा।
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एक बलूच फाइटर इस मुठभेड़ में शहीद हुआ।
दूसरे संगठन भी आए आगे: BLF और BRG का संयुक्त हमला
BLA के अलावा दो अन्य बलूच अलगाववादी संगठनों ने भी सैन्य हमलों की जिम्मेदारी ली है:
बलूच लिबरेशन फ्रंट (BLF):
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25 जून को ग्वादर, अवारन और केच जिलों में सैन्य ठिकानों पर हमलों की जिम्मेदारी ली।
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इन हमलों का विवरण फिलहाल सीमित है, लेकिन पाकिस्तानी सेना को भारी नुकसान पहुंचने की बात कही गई है।
BRG के प्रवक्ता दोस्तैन बलूच ने बताया कि 25 जून को कच्छी और नसीराबाद जिलों में पाक सेना के वाहनों को IED धमाकों से उड़ाया गया।
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इन हमलों में 5 सैनिकों के मारे जाने और कई अन्य के घायल होने की जानकारी दी गई।
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BRG ने पाक सेना को "कब्जे वाली सेना" करार देते हुए बताया कि यह कार्रवाई बलूच क्षेत्र की आजादी के संघर्ष का हिस्सा है।
रणनीति और बढ़ती क्षमताएं
बलूच संगठनों की इस तरह की सुनियोजित, बहु-स्थलीय और समन्वित कार्रवाई इस बात की ओर इशारा करती है कि अब उनका संगठनात्मक ढांचा और सामरिक कौशल पहले से कहीं अधिक मजबूत हो चुका है।
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ये हमले केवल फिजिकल डैमेज तक सीमित नहीं, बल्कि साइकोलॉजिकल दबाव भी बनाते हैं।
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पाकिस्तानी सेना के लिए यह स्थिति बेहद चिंताजनक है क्योंकि इससे सैनिकों का मनोबल गिर सकता है।
🇵🇰 पाकिस्तान की स्थिति और रणनीतिक चुनौती
पाकिस्तान पहले ही आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक संकटों से जूझ रहा है। बलूचिस्तान में इस तरह के लगातार बढ़ते हमले न केवल उसकी आंतरिक सुरक्षा को चुनौती दे रहे हैं, बल्कि उसकी क्षेत्रीय अखंडता और स्थायित्व पर भी सवाल खड़ा कर रहे हैं। बलूच संगठनों की मांग पूर्ण आजादी की है और वे पाकिस्तान सरकार को औपनिवेशिक शासक के रूप में प्रस्तुत करते हैं।
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पाक सरकार अब तक इन आंदोलनों को दबाने के लिए सैन्य कार्रवाई का सहारा लेती रही है, लेकिन अब यह रणनीति विफल होती नजर आ रही है।