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H1-B वीज़ा लेना अब और भी मुश्किल! ट्रंप के नए आदेश ने बढ़ाई टेंशन, जानिए क्या है नए नियम ?

H1-B वीज़ा लेना अब और भी मुश्किल! ट्रंप के नए आदेश ने बढ़ाई टेंशन, जानिए क्या है नए नियम ?

भारत में अमेरिकी दूतावास ने वीज़ा आवेदकों के लिए एक ज़रूरी सलाह जारी की है। दूतावास ने कहा कि अगर आवेदकों को रीशेड्यूलिंग का नोटिफिकेशन मिला है, तो उन्हें अपनी मूल इंटरव्यू की तारीखों पर दूतावास नहीं आना चाहिए। दूतावास ने चेतावनी दी कि जो आवेदक अपडेटेड अपॉइंटमेंट को नज़रअंदाज़ करके पुरानी तारीख पर आएंगे, उन्हें एंट्री नहीं दी जाएगी। अमेरिकी दूतावास ने अब तारीखें मार्च 2026 तक के लिए टाल दी हैं, जिसका मतलब है कि 3-4 महीने और इंतज़ार करना होगा। दूतावास ने X (पहले ट्विटर) पर लिखा, "अगर आपको ईमेल मिला है कि आपकी वीज़ा अपॉइंटमेंट रीशेड्यूल हो गई है, तो मिशन इंडिया आपकी नई अपॉइंटमेंट तारीख पर आपकी मदद के लिए तैयार है। अगर आप अपनी पहले से तय अपॉइंटमेंट तारीख पर आते हैं, तो आपको दूतावास या कॉन्सुलेट में एंट्री नहीं दी जाएगी।"

आवेदकों के सोशल मीडिया अकाउंट्स की जाँच की जाएगी
अमेरिका ने एक नया नियम लागू किया है कि हर H-1B और H-4 वीज़ा आवेदक के सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स, जिनमें फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, लिंक्डइन और स्नैपचैट शामिल हैं, की अच्छी तरह से जाँच की जाएगी। यह जाँच 15 दिसंबर, 2025 से शुरू होगी। अमेरिकी दूतावास को इस प्रक्रिया के लिए इतना समय चाहिए कि वे दिसंबर में कोई इंटरव्यू नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए, सभी अपॉइंटमेंट टाल दिए गए हैं।

अमेरिकी दूतावास ने चेतावनी जारी की
अमेरिकी दूतावास ने एक कड़ी चेतावनी जारी करते हुए कहा कि अगर आपको ईमेल मिला है कि आपका इंटरव्यू नई तारीख पर रीशेड्यूल हो गया है, तो पुरानी तारीख पर न जाएं। अगर आप पुरानी तारीख पर दूतावास जाते हैं, तो आपको अंदर नहीं जाने दिया जाएगा और वापस भेज दिया जाएगा। जिन लोगों के वीज़ा इंटरव्यू तय हैं, उन्हें तुरंत अपने सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स की प्राइवेसी सेटिंग्स "पब्लिक" करनी होंगी। इसका मतलब है कि कोई भी पोस्ट, फोटो, स्टोरी या कमेंट प्राइवेट नहीं रहना चाहिए। इंटरव्यू आगे बढ़ाने के लिए सब कुछ अमेरिकी अधिकारियों को दिखना चाहिए।

H1-B वीज़ा के लिए आवेदन करने वाले भारतीयों के लिए मुश्किलें बढ़ीं
यह नियम सभी देशों के नागरिकों पर लागू होता है, लेकिन भारत से H-1B वीज़ा आवेदकों की संख्या सबसे ज़्यादा है। हर साल, 70-75% H-1B वीज़ा भारतीयों को दिए जाते हैं, इसलिए भारतीय सबसे ज़्यादा प्रभावित हैं। इससे पहले सितंबर में, ट्रंप प्रशासन ने नया H-1B वीज़ा पाने के लिए $100,000 (लगभग 85 लाख रुपये) की अतिरिक्त फीस लगाई थी। कई देशों के लोगों के ग्रीन कार्ड और नागरिकता के आवेदनों को भी रोक दिया गया था। अब, सोशल मीडिया चेक और कैंसिल इंटरव्यू की वजह से भारतीय IT प्रोफेशनल्स के लिए अमेरिका जाना और भी मुश्किल हो गया है।

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