इजराइल-ईरान जंग के बीच दुनिया का सबसे महंगा लड़ाकू विमान भारत में उतरा, जानें क्यों उठाया गया ये कदम?

केरल के आसमान में जब एक सुपर सीक्रेट ब्रिटिश फाइटर जेट उतरा तो कई लोग हैरान रह गए। ऐसा हर रोज नहीं होता कि दुनिया का सबसे हाईटेक स्टील्थ फाइटर, जिसकी कीमत 860 करोड़ रुपये है, भारत की धरती पर उतरे और वो भी ऐसे समय में जब मध्य पूर्व में इजरायल और ईरान के बीच युद्ध चल रहा है। पिछले शनिवार को तकनीकी खराबी के चलते ब्रिटिश F-35B फाइटर जेट को केरल के तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर उतारा गया। बताया गया कि उड़ान के दौरान इसके हाइड्रोलिक सिस्टम में खराबी आ गई थी। यह फाइटर जेट ब्रिटिश एयरक्राफ्ट कैरियर HMS प्रिंस ऑफ वेल्स से उड़ान भर रहा था और एक रूटीन मिशन पर था। भारतीय वायुसेना और एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने मिलकर इस हाईटेक विमान की इमरजेंसी लैंडिंग को सफल बनाया।
मध्य पूर्व तनाव और बड़ा मकसद?
जब यह सब हो रहा था, तब मध्य पूर्व में इजरायल और ईरान के बीच तनाव अपने चरम पर था। ऐसे में कयास तेज हो गए कि कहीं यह विमान किसी बड़े मिशन की तैयारी का हिस्सा तो नहीं है? हालांकि, रक्षा विश्लेषक विवेक मिश्रा का मानना है कि यह महज एक तकनीकी खराबी थी, इसे मध्य पूर्व संकट से जोड़ना फिलहाल सही नहीं होगा।
भारत-ब्रिटेन रक्षा संबंधों में एक नया अध्याय?
यह लैंडिंग महज नहीं थी। दरअसल, तिरुवनंतपुरम को पहले से ही ब्रिटिश नौसेना के विमानों के लिए डायवर्जन एयरफील्ड के तौर पर चिह्नित किया गया था। लेकिन इस घटना ने लोगों के बीच सवाल खड़े कर दिए कि क्या यह ब्रिटेन और भारत के बीच सैन्य संबंधों के गहराने का बड़ा संकेत है? इस विमान की मरम्मत किसी छोटे-मोटे गैराज का काम नहीं था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, तकनीशियनों की एक पूरी टीम भारत पहुंची और इस संवेदनशील युद्ध मशीन को संभाला। एयरपोर्ट अधिकारियों ने न सिर्फ ब्रिटिश टीम को ठहराया बल्कि उनके खाने-पीने का भी खास ख्याल रखा।
इंडो-पैसिफिक में ब्रिटेन की मौजूदगी
एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स का ऑपरेशन हाईमास्ट अभी भी जारी है। इस बीच, ब्रिटिश कैरियर स्ट्राइक ग्रुप 40 से ज्यादा देशों के साथ अभ्यास कर रहा है। भारत और ब्रिटेन की नौसेनाएं पहले ही इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में संयुक्त अभ्यास कर चुकी हैं। भारत और ब्रिटेन के बीच हाल ही में एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि व्यापार के बाद अब रक्षा रणनीति की बारी है और यह आपातकालीन लैंडिंग उसी दिशा की एक झलक है।