किन देशों के ऊपर से होकर गुजर रही हैं इजरायल और ईरान की मिसाइलें? आसमान में दिखेगा ऐसा नजारा

इजराइल और ईरान के बीच पिछले एक हफ्ते से युद्ध चल रहा है। हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। दोनों देशों के बीच मिसाइल और ड्रोन हमले हो रहे हैं। इजराइल ने ईरान के अराक हैवी वाटर रिएक्टर पर भी हमला किया। हमले के बाद किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है। हमले से कुछ घंटे पहले ही इजराइली सेना (आईडीएफ) ने अराक और खोंदब शहरों के लोगों को इलाका खाली करने की चेतावनी दी थी। अब इस युद्ध में हाइपरसोनिक मिसाइलें भी उतर आई हैं। जिससे भयंकर तबाही मची है। ईरान बैलिस्टिक मिसाइलों का भी इस्तेमाल कर रहा है।
इस बीच अमेरिका ने भी ईरान को सरेंडर करने की चेतावनी दी है, हालांकि ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने इनकार कर दिया है। खामेनेई के इनकार के बाद ईरान ने इजराइल पर बड़े हमले किए। जिससे हाइफा और तेल अवीव में काफी नुकसान हुआ। इजराइली रक्षा मंत्री ने कहा कि खामेनेई एक आधुनिक हिटलर हैं। उनके जैसे तानाशाह को जीने का कोई हक नहीं है। वे हमेशा से अपने एजेंटों के जरिए इजराइल को खत्म करना चाहते थे। इस समय इजराइल और ईरान की तरफ से आसमान में मिसाइलों का मेला लगा हुआ है।
ईरान से इजराइल तक मिसाइलों को पहुंचने में कितना समय लगता है?
ईरान ने इस युद्ध में अब तक इजराइल पर करीब 400 मिसाइलें और सैकड़ों ड्रोन दागे हैं। इनमें फत्ताह-1, शाहब-3, गदर और खोर्रमशहर जैसी लंबी-मध्य दूरी की मिसाइलें शामिल हैं। इजराइल में हुए इन हमलों में अब तक 24 लोगों की मौत हो चुकी है। 1,300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। कई मिसाइलें इजराइल के रिहायशी इलाकों में गिरी हैं। जिसकी वजह से इजराइल को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। इजराइल और ईरान दोनों ही पड़ोसी देश नहीं हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर ईरान मैक-5 बैलिस्टिक मिसाइल से हमला करता है तो मिसाइल को इजराइल तक पहुंचने में 12 मिनट का समय लगता है। वहीं, कुछ मिसाइलों को हिट होने में 6 से 7 मिनट का समय लगता है। फत्ताह-1 जैसी सुपरसोनिक मिसाइल 16000-18500 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से महज 6 से 7 मिनट में इजराइल तक पहुंच जाती है। क्रूज मिसाइलों को इजराइल तक पहुंचने में करीब दो घंटे लगते हैं। रोआन को यह दूरी तय करने में नौ घंटे तक का समय लग सकता है।
मिसाइलें किन देशों से होकर गुजरती हैं?
ईरान और इजराइल के बीच की दूरी करीब 1300 से 1500 किलोमीटर है। ऐसे में जब ईरान या इजराइल एक दूसरे पर मिसाइलों और ड्रोन से हमला करते हैं तो उन्हें कई देशों के एयरस्पेस का इस्तेमाल करना पड़ता है। ये देश हैं इराक, सीरिया, जॉर्डन और लेबनान। ईरान की मिसाइलें इन देशों के एयरस्पेस को पार करके ही इजराइल पहुंचती हैं।