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अमेरिका ने दिया सऊदी को सुरक्षा कवच, बना इजरायल जितना ताकतवर

सऊदी अरब ने एक ऐसा इजरायली हथियार हासिल किया है जो उसकी हवाई रक्षा क्षमताओं को बढ़ाएगा। इस हथियार का नाम टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (THAAD) है। सऊदी अरब ने गुरुवार को आधिकारिक तौर पर अपनी पहली THAAD मिसाइल.....
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सऊदी अरब ने एक ऐसा इजरायली हथियार हासिल किया है जो उसकी हवाई रक्षा क्षमताओं को बढ़ाएगा। इस हथियार का नाम टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (THAAD) है। सऊदी अरब ने गुरुवार को आधिकारिक तौर पर अपनी पहली THAAD मिसाइल सिस्टम बैटरी तैनात कर दी है।

इस घोषणा के साथ ही पश्चिम एशिया में मिसाइल रक्षा का एक नया अध्याय शुरू हो गया है। सऊदी अरब ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल में THAAD बैटरी को लेकर डील की थी। यह डील 15 अरब डॉलर की थी, जिसमें छह अतिरिक्त THAAD बैटरी, 44 लॉन्चर और 360 इंटरसेप्टर शामिल हैं। इस मिसाइल सिस्टम को अमेरिकी रक्षा कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने विकसित किया है। यह कंपनी फिलहाल दोनों देशों के बीच तकनीक हस्तांतरण और घरेलू निर्माण में अहम भूमिका निभा रही है। जेद्दा से आई एक तस्वीर में देखा गया कि सऊदी सैनिकों ने टेस्टिंग और फील्ड ट्रेनिंग के बाद THAAD सिस्टम को पूरी तरह चालू कर दिया है।

ये मिसाइलें 'हिट-टू-किल' तकनीक से दुश्मन की बैलिस्टिक मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर देती हैं। इसे 'सऊदी विजन 2030' में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जिसके जरिए देश अपनी रक्षा जरूरतों को खुद पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। THAAD सिस्टम का रडार 2,000 किलोमीटर दूर तक दुश्मन की हरकतों पर नज़र रख सकता है। यह 200 किलोमीटर की रेंज और 150 किलोमीटर की ऊंचाई से आने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने में सक्षम है। यानी दुश्मन की मिसाइलें लॉन्च होते ही ज़मीन तक नहीं पहुँच पातीं और हवा में ही नष्ट हो जाती हैं।

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