बहुत-बहुत शुक्रिया... ट्रंप ने खाड़ी में अमेरिकी बेस पर ईरान के मिसाइल अटैक की उड़ाई खिल्ली, जानें कैसी रुकी 12 दिन की जंग ,

एक तरफ ईरान और एक तरफ इजराइल-अमेरिका... आखिरकार इनके बीच 12 दिन से चल रहा युद्ध खत्म हो गया है। इनके बीच युद्ध विराम समझौता हो गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार (अमेरिकी समयानुसार) को कहा कि दोनों देशों के बीच संघर्ष को खत्म करने के प्रयास में इजराइल और ईरान के बीच "पूर्ण और व्यापक" युद्ध विराम लागू किया जाएगा। ट्रंप ने सुझाव दिया कि इजराइल और ईरान के पास किसी भी चल रहे मिशन को पूरा करने के लिए कुछ समय होगा, जिसके बाद चरणबद्ध प्रक्रिया में युद्ध विराम शुरू होगा। भारतीय समयानुसार सुबह 9.30 बजे युद्ध विराम होगा।
यहां सवाल यह है कि जब युद्ध हर गुजरते दिन के साथ और खतरनाक होता जा रहा था, जब ईरान पर खुद अमेरिका ने हमला किया था, तब अचानक युद्ध विराम पर सहमति कैसे बन गई। आखिर किस देश ने इसके पीछे बिचौलिए की भूमिका निभाई, जिसने ईरान से जाकर बात की, जिसने उसे युद्ध रोकने के लिए राजी किया।
कतर के प्रधानमंत्री ने निभाई अहम भूमिका युद्ध विराम वार्ता की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी ने इजरायल के साथ संघर्ष में अमेरिका द्वारा प्रस्तावित युद्ध विराम के लिए ईरान की मंजूरी हासिल कर ली है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री अल थानी ने सबसे पहले ईरानी अधिकारियों को फोन किया और युद्ध विराम के लिए ईरानी सरकार की सहमति प्राप्त की। इस बातचीत से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कतर के अमीर से बात की।
इस कॉल में ट्रंप ने उन्हें बताया कि इजरायल ने युद्ध विराम प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है और अब तेहरान को समझौते के लिए राजी करने की बारी कतर की है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार ट्रंप ने कतर से मदद मांगी। युद्ध विराम कैसे होगा? ट्रंप के अनुसार, पहले ईरान युद्ध विराम की पहल करेगा, उसके बाद इजरायल करेगा। इससे अगले 24 घंटों के भीतर जंग पूरी तरह खत्म हो जाएगी। उन्होंने दोनों देशों से युद्ध विराम के दौरान "शांतिपूर्ण और सम्मानजनक" बने रहने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा, "आधिकारिक तौर पर, ईरान युद्ध विराम की पहल करेगा और 12 घंटे बाद, इज़राइल युद्ध विराम की पहल करेगा और 24वें घंटे में, दुनिया 12-दिवसीय युद्ध के आधिकारिक अंत को सलाम करेगी। प्रत्येक युद्ध विराम के दौरान, दूसरा पक्ष शांतिपूर्ण और सम्मानजनक रहेगा।"
12 दिन की जंग- क्या कुछ हुआ?
युद्ध 13 जून को शुरू हुआ जब इज़राइल ने ईरानी सैन्य और परमाणु सुविधाओं पर बड़े पैमाने पर हवाई हमला किया। उन्होंने इसे "ऑपरेशन राइजिंग लायन" नाम दिया। जवाबी कार्रवाई में, ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने बड़े पैमाने पर ड्रोन और मिसाइल अभियान शुरू किया, जिसे 'ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3' कहा गया, जिसमें इज़राइली लड़ाकू जेट ईंधन उत्पादन सुविधाओं और ऊर्जा आपूर्ति केंद्रों को निशाना बनाया गया।
लेकिन तनाव तब बढ़ गया जब अमेरिका ने रविवार की सुबह "ऑपरेशन मिडनाइट हैमर" शुरू किया, जिसमें तीन प्रमुख ईरानी परमाणु सुविधाओं पर सटीक हवाई हमले किए गए। जवाब में, ईरान ने कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य प्रतिष्ठानों पर कई मिसाइलें दागीं, जिनमें कतर स्थित अल उदीद एयर बेस भी शामिल था - जो इस क्षेत्र में सबसे बड़ा अमेरिकी सैन्य अड्डा है।