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क्या सच में खतरें में PM मोदी की कुर्सी, जानें आखिर 10 साल में पहली बार एयरपोर्ट पर ऐसा क्या हुआ?

पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। चाहे वह यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के कंधे पर हाथ रखकर बात करने की तस्वीर हो या फिर शांति का संदेश, दुनिया पीएम मोदी के कीव दौरे को उम्मीद भरी निगाहों से देख रही है। पोलैंड और यूक्रेन के दो...
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पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। चाहे वह यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के कंधे पर हाथ रखकर बात करने की तस्वीर हो या फिर शांति का संदेश, दुनिया पीएम मोदी के कीव दौरे को उम्मीद भरी निगाहों से देख रही है। पोलैंड और यूक्रेन के दो अहम दौरे पूरे करने के बाद जब वह स्वदेश लौटे तो एयरपोर्ट पर बड़ी सादगी के साथ विमान से उतरकर कार में बैठकर पीएम आवास के लिए रवाना होते नजर आए।

गौरतलब है कि इससे पहले जब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश यात्रा से लौटते थे तो उनका स्वागत करने के लिए भाजपा अध्यक्ष, कई केंद्रीय मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता पहुंचते थे। लेकिन अब जब प्रधानमंत्री यूक्रेन और पोलैंड के अपने अहम दौरे से लौटे तो उनका स्वागत करने के लिए न तो भाजपा अध्यक्ष, न ही कोई केंद्रीय मंत्री और न ही भाजपा का कोई वरिष्ठ या कनिष्ठ नेता पहुंचा। ऐसे में यह चर्चा और तेज हो गई है कि क्या भाजपा में रीति-रिवाज बदल गए हैं या फिर पहले जैसा नियम नहीं रहा? लोकसभा चुनाव 2024 में 400 का दंभ भरने वाली पार्टी बहुमत का आंकड़ा पार नहीं कर पाई।

सरकार भले ही बन गई हो, लेकिन मोदी 3.0 का कार्यकाल बैसाखी के सहारे शुरू हुआ है। अपने बल पर 400 और 370 पार करने का दंभ भरने वाली भाजपा 250 का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाई तो प्रशंसकों, समर्थकों और तथाकथित भक्तों के मन में कई सवाल उठने लगे। रही सही कसर पिछले दो हफ्तों में तीन अहम फैसलों के बाद बैकफुट पर जाने की चाल ने इसे और हवा दे दी है। भाजपा की 400 पार की फिल्म लोकसभा चुनाव में फ्लॉप हो गई। 2024 में हम वो देख रहे हैं जो इससे पहले मोदी 1.0 और मोदी 2.0 में नहीं देखा गया। अब एनडीए सरकार एक कदम आगे बढ़ती है तो उसे दो कदम पीछे भी हटना पड़ता है।

12 दिनों में तीन अहम फैसले ऐसे हैं जिन पर सरकार बैकफुट पर नजर आ रही है। मोदी सरकार को अपने फैसले रद्द करने, वापस लेने या ठंडे बस्ते में डालने पड़े हैं। क्या 4 जून से पीएम मोदी की कुर्सी खतरे में है? देश की सियासत इसी एक सवाल के इर्द-गिर्द घूम रही है। मोदी 3.0 को विपक्ष बैसाखी की सरकार कह रहा है। यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार कभी भी मोदी सरकार से समर्थन वापस लेकर उसे गिरा सकते हैं। बीजेपी ने कहा था कि वह 303 पर थी, अब 240 पर है। यह गिनती मोदी 3.0 का पीछा नहीं छोड़ रही है।

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