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ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत का पाकिस्तान को वैश्विक मंचों पर करारा जवाब, लंदन से लेकर दुशांबे तक गूंजा भारत का स्वर

ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान पर की गई सर्जिकल कार्रवाई के बाद अब भारत ने कूटनीतिक मोर्चे पर भी अपने तेवर सख्त कर लिए हैं। आतंकवाद को समर्थन देने और वैश्विक मंचों पर भारत को घेरने की कोशिशों को लेकर अब भारत ने सीधे-सीधे....
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ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान पर की गई सर्जिकल कार्रवाई के बाद अब भारत ने कूटनीतिक मोर्चे पर भी अपने तेवर सख्त कर लिए हैं। आतंकवाद को समर्थन देने और वैश्विक मंचों पर भारत को घेरने की कोशिशों को लेकर अब भारत ने सीधे-सीधे पाकिस्तान को बेनकाब करना शुरू कर दिया है। लंदन से लेकर ताजिकिस्तान के दुशांबे तक भारत की स्पष्ट और सख्त प्रतिक्रिया पाकिस्तान के खिलाफ एक सुनियोजित रणनीति का हिस्सा है।

लंदन में BJP सांसद समिक भट्टाचार्य का तीखा हमला

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद समिक भट्टाचार्य ने लंदन में भारतीय उच्चायोग में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा। भट्टाचार्य ने कहा, “आज भारत किसी के दरवाजे पर कटोरी लेकर नहीं खड़ा है। हम पूरे विश्व में घूम रहे हैं, लेकिन किसी से भीख मांगने के लिए नहीं, बल्कि सच्चाई सामने लाने के लिए।” उन्होंने आगे कहा, “जो हाल आज हमारा हो रहा है, वह कल तुम्हारा भी हो सकता है। पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि आतंकवाद की आग में झुलसते रहोगे तो खून ही बहेगा।”

सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने थिंक टैंक और सांसदों से की मुलाकात

यह कार्यक्रम एक सर्वदलीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल के दौरे का हिस्सा था, जिसका नेतृत्व BJP सांसद रविशंकर प्रसाद कर रहे हैं। इस प्रतिनिधिमंडल में डी. पुरंदेश्वरी, प्रियंका चतुर्वेदी, गुलाम अली खटाना, अमर सिंह, एम. थंबीदुरई, एमजे अकबर और राजदूत पंकज सरन शामिल हैं। ये नेता लंदन में सामुदायिक समूहों, थिंक टैंक, सांसदों और प्रवासी भारतीयों से मुलाकात कर भारत की आतंकवाद के खिलाफ नीति और पाकिस्तान के काले कारनामों को उजागर कर रहे हैं।

पाकिस्तान को ताजिकिस्तान में भी मिला जवाब

भारत ने केवल लंदन में ही नहीं, बल्कि ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में भी पाकिस्तान को स्पष्ट शब्दों में जवाब दिया है। संयुक्त राष्ट्र के ग्लेशियर सम्मेलन के दौरान भारत के पर्यावरण राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने पाकिस्तान पर सिंधु जल संधि के उल्लंघन का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान खुद आतंकवाद के ज़रिए इस संधि को तोड़ रहा है, और अब यह दावा करना बंद कर देना चाहिए कि हमने संधि तोड़ी है।”

सिंह ने पाकिस्तान पर मंच के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा, “हम ऐसे प्रयासों की कड़ी निंदा करते हैं। आज यह निर्विवाद सत्य है कि सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर के बाद परिस्थितियां पूरी तरह बदल चुकी हैं। ऐसे में संधि के दायित्वों का पुनर्मूल्यांकन ज़रूरी हो गया है।”

निष्कर्ष

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत अब केवल सैन्य मोर्चे पर नहीं, बल्कि वैश्विक कूटनीति में भी पूरी सक्रियता के साथ पाकिस्तान को घेरने में जुट गया है। चाहे वह लंदन हो या दुशांबे, भारत ने पाकिस्तान की कथनी और करनी के बीच का अंतर दुनिया को दिखाना शुरू कर दिया है। भारत का यह रुख यह बताता है कि अब वह न सिर्फ आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभा रहा है, बल्कि दुनिया को भी जागरूक करने का बीड़ा उठा चुका है।

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