डब्ल्यूएचओ ने मंगलवार को कहा कि 24 वर्षीय एक व्यक्ति से लिए गए नमूने की पहचान अपेक्षाकृत दुर्लभ सूडान स्ट्रेन के रूप में की गई। एक दशक से अधिक समय में यह पहली बार है कि युगांडा में सूडान स्ट्रेन पाया गया है, जिसमें 2019 में इबोला वायरस के जैरे स्ट्रेन का प्रकोप भी देखा गया था। जैसा कि डब्ल्यूएचओ ने पहले के एक बयान में कहा था कि इबोला के खिलाफ मौजूदा टीके जैरे स्ट्रेन के खिलाफ प्रभावी साबित हुए हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि वे सूडान स्ट्रेन के खिलाफ उतने सफल होंगे या नहीं। इबोला मनुष्यों और अन्य प्राइमेट को प्रभावित करने वाली एक गंभीर, घातक बीमारी है। इसके छह अलग-अलग स्ट्रेन हैं, जिनमें से तीन, बुंदीबुग्यो, सूडान और जैरे, पहले बड़े प्रकोप का कारण बने हैं। पिछले प्रकोपों में सूडान स्ट्रेन की केस मृत्यु दर 41 प्रतिशत से 100 प्रतिशत तक भिन्न है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, सहायक उपचार के शुरुआती रोल-आउट से इबोला से होने वाली मौतों में काफी कमी आई है।
--आईएएनएस
विश्व न्यूज डेस्क !!!
एसकेके