थाईलैंड की पीएम पैटोंगटारन शिनावात्रा की कंबोडिया के नेता के साथ फोन पर हुई बातचीत लीक, मचा सियासी बवाल, जानें पूरा मामला

एक फोन कॉल की वजह से सरकार गिर सकती है, खास तौर पर तब जब देश के प्रधानमंत्री ने किसी सीक्रेट फोन कॉल में जो कहा उसकी रिकॉर्डिंग लीक हो जाए। ऐसा ही कुछ थाईलैंड में होता दिख रहा है, जहां प्रधानमंत्री पटोंगतारन शिनावात्रा पर पद छोड़ने का दबाव बढ़ रहा है। कंबोडिया के साथ बढ़ते सीमा विवाद को लेकर पटोंगतारन की कंबोडिया के ताकतवर पूर्व नेता के साथ कॉल की 17 मिनट की रिकॉर्डिंग लीक हो गई है।
38 वर्षीय की पटोंगतारन शिनावात्रा इस पद पर आसीन होने वाली थाईलैंड की दूसरी महिला और सबसे युवा नागरिक हैं। उन्हें पीएम पद पर आए हुए एक साल से भी कम समय हुआ है, लेकिन ऐसा लगता है कि थाईलैंड की जनता उन्हें पद से हटाने के लिए कमर कस रही है। अब आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि आखिर 17 मिनट की कॉल में उन्होंने ऐसा क्या कह दिया कि इतनी फजीहत हो गई।
कॉल पर क्या हुआ?
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच विवादित सीमा को लेकर कई हफ्तों से विवाद चल रहा है। 15 जून को प्रधानमंत्री पटोंगतारन शिनावात्रा ने हुन सेन से बात की, जिन्हें उन्होंने "चाचा" कहा। अपने फोन कॉल में पटोंगतारन को न केवल अनुभवी कंबोडियाई राजनीतिज्ञ के सामने झुकते हुए देखा गया, बल्कि उन्हें एक वरिष्ठ थाई सैन्य कमांडर की आलोचना करते हुए भी सुना गया। उनके फोन कॉल को उनके आलोचकों और सहकर्मियों दोनों ने ही खतरे की घंटी के रूप में देखा। पटोंगतारन एक राजनीतिक नौसिखिया हैं, जिन्होंने प्रधानमंत्री बनने से पहले कोई सरकारी पद नहीं संभाला था।
उन्होंने गुरुवार को सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगी, जिसमें उन्होंने जोर देकर कहा कि उन्हें इस बात का बिल्कुल भी अंदाज़ा नहीं था कि हुन सेन के साथ कॉल रिकॉर्ड की जाएगी। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "यह मेरे निजी फोन से की गई एक निजी कॉल थी।" सरकार गिरने वाली है पटोंगतारन की माफ़ी संसद के निचले सदन में तीसरी सबसे बड़ी रूढ़िवादी भूमजैथाई पार्टी द्वारा कॉल के ऑडियो का हवाला देते हुए सत्तारूढ़ गठबंधन से बाहर निकलने के एक दिन बाद आई है। पटोंगतारन की फू थाई पार्टी के पास अब थाईलैंड की 495 सदस्यीय संसद में केवल मामूली बहुमत है, और कुछ अन्य गठबंधन सहयोगियों के बाहर निकलने से सरकार आसानी से गिर सकती है।
थाईलैंड की मुख्य विपक्षी पार्टी पीपुल्स पार्टी ने गुरुवार को पटोंगतारन में जनता के विश्वास की कमी को रेखांकित किया और सरकार से संसद को भंग करने और नए चुनाव कराने का आह्वान किया। जापान के क्योटो विश्वविद्यालय में थाई शिक्षाविद पाविन चाचावालपोंगपुन ने ऑडियो का हवाला देते हुए कहा, "पटोंगतारन को जो कुछ हुआ उसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।" उन्होंने एक ऑडियो का हवाला दिया जिसमें उन्होंने एक प्रमुख थाई सेना कमांडर को "विपरीत पक्ष" का हिस्सा बताया था। "हो सकता है कि उन्हें सेना पर भरोसा न हो। लेकिन उन्हें विदेशी नेताओं को यह नहीं बताना चाहिए।"