SCO समिट में राजनाथ सिंह ने किया 'ऑपरेशन सिंदूर' का जिक्र, बोलें-आतंकवाद के एपिसेंटर अब सेफ नहीं

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आतंकवाद और उसे समर्थन देने वाले देशों पर सीधा और सख्त हमला बोला है। अपने संबोधन में उन्होंने आतंकवाद को शून्य सहनशीलता के साथ जवाब देने की भारत की नीति को दोहराया और ऐसे देशों की कड़ी आलोचना की जो आतंकियों को आश्रय देते हैं और सीमा पार आतंकवाद को नीति का औजार मानते हैं। राजनाथ सिंह ने साफ शब्दों में कहा, "जो देश आतंकवाद को प्रायोजित करते हैं और अपने संकीर्ण स्वार्थ के लिए उसका उपयोग करते हैं, उन्हें इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।" उन्होंने SCO जैसे बहुपक्षीय मंचों से ऐसे दोहरे मापदंडों को बेनकाब करने और उनके खिलाफ खड़े होने का आह्वान किया।
"आतंक के केंद्र अब सुरक्षित नहीं"
रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत की नीति स्पष्ट है – आतंकवाद से लड़ने का अधिकार भारत सुरक्षित रखता है। उन्होंने कहा, "हमने यह साबित कर दिया है कि आतंक के केंद्र अब सुरक्षित नहीं हैं। हम उन्हें निशाना बनाने से नहीं हिचकिचाएंगे।" यह बयान ऐसे समय आया है जब 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) द्वारा निर्दोष पर्यटकों पर हमला किया गया था। TRF, जिसे लश्कर-ए-तैयबा से जोड़ा जाता है, ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। हमला धार्मिक पहचान के आधार पर किया गया और यह भारत की आंतरिक सुरक्षा के खिलाफ एक बड़ा हमला माना गया।
"तकनीक और ड्रोन से बढ़ता खतरा"
राजनाथ सिंह ने आतंकवाद में तकनीक के इस्तेमाल पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि आतंकवादी ड्रोन और आधुनिक तकनीकों का प्रयोग कर अब हथियार और ड्रग्स की सीमा पार तस्करी कर रहे हैं। ऐसे में पारंपरिक सीमाएं अब पर्याप्त नहीं रह गई हैं। उन्होंने कहा कि भारत ऐसे खतरों से निपटने के लिए SCO देशों से सामूहिक सहयोग की अपेक्षा करता है।
"कट्टरपंथ के खिलाफ मिलकर लड़ें"
रक्षा मंत्री ने युवाओं में फैलते कट्टरपंथ पर भी चिंता जताई और SCO के RATS (Regional Anti-Terrorist Structure) तंत्र की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत की अध्यक्षता में जारी संयुक्त वक्तव्य इस दिशा में हमारी साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
वैश्विक सहयोग का किया समर्थन
राजनाथ सिंह ने वैश्विक संदर्भ में कहा कि अब कोई भी देश अकेले खतरों से नहीं निपट सकता। उन्होंने कहा कि "सुधारित बहुपक्षवाद" ही भविष्य का रास्ता है और सभी देशों को एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने भारत की प्राचीन अवधारणा 'सर्वे भवन्तु सुखिनः' का हवाला देते हुए कहा कि वैश्विक शांति और समृद्धि के लिए यह सोच आवश्यक है। SCO के मंच से राजनाथ सिंह का यह स्पष्ट संदेश न केवल पाकिस्तान को चेतावनी है बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की आतंकवाद के खिलाफ मजबूत और निर्णायक नीति की झलक भी है। भारत अब सिर्फ बचाव में नहीं, बल्कि आतंक के स्रोतों पर भी प्रहार करने की नीति पर स्पष्ट रूप से आगे बढ़ रहा है।