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भारत-पाक तनाव के बीच चीन का रेडनोट ऐप से साइबर साजिश का दांव, गुप्त हथियार से ऑपरेशन को 'ड्रैगन' दे रहा अंजाम

भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के समक्ष एक नया और बेहद गंभीर खतरा उभरकर सामने आया है, जो किसी पारंपरिक हथियार या जमीनी युद्ध से नहीं, बल्कि सूचना और भावनाओं के हथियार से लड़ा जा रहा है। यह खतरा एक चीनी सोशल मीडिया ऐप RedNote के....
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भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के समक्ष एक नया और बेहद गंभीर खतरा उभरकर सामने आया है, जो किसी पारंपरिक हथियार या जमीनी युद्ध से नहीं, बल्कि सूचना और भावनाओं के हथियार से लड़ा जा रहा है। यह खतरा एक चीनी सोशल मीडिया ऐप RedNote के रूप में सामने आया है, जो देखने में आम यूजर-जनरेटेड कंटेंट प्लेटफॉर्म जैसा लगता है, लेकिन इसके पीछे की गतिविधियाँ इसे भारत की डिजिटल संप्रभुता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहद खतरनाक बना देती हैं।

पूर्वोत्तर भारत में बढ़ती गतिविधि

हाल के वर्षों में RedNote की उपस्थिति विशेष रूप से अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नागालैंड और असम जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में तेजी से बढ़ी है। इस ऐप का उपयोग चीन और पाकिस्तान समर्थित एजेंटों द्वारा भारत के खिलाफ एक नए किस्म के "Psychological Warfare" (मनोवैज्ञानिक युद्ध) के लिए किया जा रहा है। यह युद्ध पारंपरिक गोलियों और बमों से नहीं, बल्कि सूचना, झूठी भावनाओं और पहचान आधारित मुद्दों के माध्यम से लड़ा जाता है। इसका उद्देश्य है– लोगों के दिमाग और सोच पर नियंत्रण पाना

RedNote कैसे काम करता है?

RedNote का वास्तविक एजेंडा भारत में झूठे और नकली सैन्य दस्तावेज, विवादित नक्शे, AI द्वारा जनरेट किए गए फर्जी वीडियो, और झूठी खबरें फैलाना है। इसके माध्यम से आम यूजर्स को भ्रमित करने, सरकार और सेना के प्रति अविश्वास पैदा करने, और समाज में दरार डालने की कोशिश की जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह ऐप स्थानीय मुद्दों को जानबूझकर तूल देता है, राज्य बनाम केंद्र की भावना को भड़काता है, और धार्मिक व जातीय तनाव को हवा देने के लिए टारगेटेड कंटेंट बनाता है। इन पोस्टों को इस तरह पेश किया जाता है कि वे एक सामान्य, विश्वसनीय और युवा-उन्मुख नजर आएं।

कंटेंट कैसे वायरल किया जाता है?

RedNote के कंटेंट की पड़ताल से पता चलता है कि इसके पीछे एक सुनियोजित साइबर नेटवर्क काम कर रहा है। इसमें:

  • बॉट्स और फेक प्रोफाइल्स की मदद से भ्रामक पोस्ट को वायरल किया जाता है।

  • स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त), गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) जैसे राष्ट्रीय पर्वों पर भारत विरोधी सामग्री जानबूझकर फैलाई जाती है।

  • चीन समर्थक भावनाएं उभारी जाती हैं, कभी-कभी पैसे कमाने का लालच देकर भी युवाओं को आकर्षित किया जाता है।

राष्ट्रीय सुरक्षा पर गहरा प्रभाव

पूर्वोत्तर भारत भारत की स्ट्रैटेजिक बफर जोन है। यहां की अस्थिरता सीधे देश की अखंडता और सुरक्षा को प्रभावित कर सकती है। RedNote जैसे ऐप्स के माध्यम से:

  • स्थानीय युवाओं को कट्टरपंथ की ओर धकेला जा सकता है।

  • सेना और सुरक्षा बलों के खिलाफ अविश्वास और गुस्सा पैदा किया जा सकता है।

  • राज्य और केंद्र के बीच राजनीतिक विभाजन को हवा दी जा सकती है।

ये सभी कारक मिलकर देश की सामाजिक और क्षेत्रीय एकता को कमजोर करते हैं।

चीन-पाकिस्तान की गठजोड़ रणनीति

इस पूरे अभियान को किसी एक एजेंसी द्वारा नहीं, बल्कि चीन और पाकिस्तान के बीच सामरिक साइबर सहयोग के तहत चलाया जा रहा है। चीनी डेटा एनालिटिक्स फर्म और पाकिस्तानी साइबर एजेंसियाँ मिलकर ऐसी सामग्री तैयार करती हैं और उसे सोशल मीडिया के माध्यम से लक्षित क्षेत्रों तक पहुंचाती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक प्रकार का Hybrid War है, जिसमें तकनीक, सोशल मीडिया और मनोवैज्ञानिक रणनीति को मिलाकर भारत को भीतर से कमजोर करने की साजिश रची जा रही है।

निष्कर्ष

RedNote एक सामान्य ऐप नहीं है—यह भारत के खिलाफ एक डिजिटल युद्ध का खतरनाक हथियार बन चुका है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियों को इस पर सख्त नजर रखने की जरूरत है। साथ ही सोशल मीडिया साक्षरता, फर्जी खबरों की पहचान, और साइबर जागरूकता अभियान के माध्यम से जनता को सतर्क किया जाना समय की मांग है। भारत को अब केवल सीमाओं की सुरक्षा ही नहीं, बल्कि डिजिटल मोर्चे पर भी एकजुट होकर लड़ाई लड़नी होगी।

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