Corona:महामारी के एक साल बाद भी कोरोना कि उत्पत्ती बानी हुई है रहस्य
2019 के अंत में चीन में कोविड-19 के फैलने के बाद से 16.25 करोड़ से अधिक लोगों को अब तक कोरोना का संक्रमण हो चुका है। तब से अब तक इस बीमारी से लगभग 33.75 लाख लोग मारे गए हैं। लेकिन अभी तक भी इस बात पर कोई पुष्टि नहीं हो पाई है की ये बीमारी फैली तो फैली कैसे। दो सिद्धांत अब तक कोरोना को लेकर व्यापक तौर पर सामने आये है, जो की इस बीमारी के उत्पत्ति के बारे मेबात करते हैं। लेकिन कमाल ये है की दोनों ही सिद्धांतों को एक समूह या दूसरे समूह के द्वारा खारिज किया गया है। बीमारी के एक साल से भी अधिक समय बीत जानेके बाद ये लोगो का मानवीय अधिकार भी बन गया है की वे ये बात जाने की उनके साथ जो हुआ वो क्या था।
सभी को ये मालूम है की कोरोना नाम की एक बीमारी है,मगर इसकी उत्पति कैसे हुई और इसके फैलने का कारन क्या रहा ये अब भी संदेह है। SARS-CoV-2 उत्पत्ति का सबसे प्रमुख सिद्धांत प्राकृतिक उत्पत्ति का है। वहीँ दूसरी थ्योरी कहती है की SARS-CoV-2 को वुहान के एक लैब में बनाया गया लेकिन इसे चीन और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा खारिज कर दिया गया।
फरवरी 2020 में द लैंसेट द्वारा एक लेख प्रकाशित होने के बाद कोरोना के प्राकृतिक उत्पत्ति सिद्धांत को वैज्ञानिक तौर पर माना जाने लगा। ये रिपोर्ट चीन द्वारा WHO को कोरोना के बारे में सूचित करफ्ने के दो महीने के भीतर बनाई गयी। लेकिन ख़ास बात ये है की अभी तक भी ऐसा कोई स्पष्ट साक्ष्य सामने नहीं आया है जो ये सिद्ध कर सके की वायरस प्राकर्तिक तौर पर उभरा है।
इसके बाद अगली कड़ी जो वायरस के चीन में बनाये जाने के ओर संकेत करती है वो ये है की चीन ने WHO की टीम को वहां आने से रोकने की हरसंभव कोशिश की। इसके बाद जब वे चीन पहुंचे भी तो उन्हें संबंधित डाटा से वंचित रखा गया।
बहरहाल इन सबके बीच,सबसे ज्यादा बात तो ये यही कही गयी है की कोरोना चमकादड़ो में से निकला है। चीन में इनका सेवन किया जाता है। कहा गया है की horseshoe चमगादड़ कोरोना के वायरस प्राकृतिक भंडार अपने भीतर समाये हुए होते है। ये चमकादड़ दक्षिणी चीन में पाए जाते हैं। वुहान लैब के शोधकर्ताओं ने इन्ही चमकादड़ो पर शोध करने के वास्ते युनान प्रांत का दौरा किया है। ये जगह वुहान से करीब 1,500 किलोमीटर दूर है, जहां से कोविड-19 फैला था।
अब इस से कई बाते सामने आती है। यदि कोरोना की उत्पत्ति का कारण चमकादड़ थे तो फिर इसे यूनान में भी फैलना था,इसके अलावा यदि वायरस की उत्पति चमकादड़ से हुई है तो फिर इसे इंसानो से पहले जानवरो में भी पाया जाना चाहिए था। यही वजह की इस वायरस के उत्पाती के प्राकर्तिक कारणों अभी तक भी कोई पुष्टि नहीं मिल पाई है। महामारी के एकसाल से अधिक बीत जाने पर भी कोरोना के फैलने काकारण है अब भी एक रहस्य बना हुआ है। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में एक रिपोर्ट छपी थी जिसके अनुसार चेन साल 2015 इस वायरस पर काम कर रहा था। साथ ही में रिपोर्ट में ये भी कहा गया था की चीन इस वायरस केजरिये तीसरा विश्व युद्ध शुरू करने की इच्छा रखता था।