चीन ने ग्वादर एयरपोर्ट में ख़र्चे अरबों, लेकिन क्यों नहीं आया एक भी यात्री-ग्लॉबली पाकिस्तान का महंगा ‘रहस्यमयी’ टर्मिनल
पाकिस्तान के ग्वादर एयरपोर्ट के शुरू होने से रहस्य खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। तटीय शहर ग्वादर में यह एयरपोर्ट बीते साल अक्टूबर में बनकर तैयार हो गया था। यह पाकिस्तान का सबसे महंगा एयरपोर्ट है। चीन की फंडिंग से 240 मिलियन डॉलर में बना यह हवाई अड्डा नौ महीने से पूरी तरह तैयार है लेकिन व्यावसायिक रूप से बंद है। बिना यात्रियों और बिना विमानों के सूना पड़ा पाकिस्तान का यह सबसे नया हवाई अड्डा एक रहस्य सा बन गया है।ग्वादर एयरपोर्ट के उद्घाटन के मौके पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा था कि इससे बलूचिस्तान और पाकिस्तान को आर्थिक फायदा होगा। हालांकि इन दावों के उलट यह सिर्फ धूल फांक रहा है। बलूचिस्तान प्रांत के अशांत इलाके में यह एयरपोर्ट चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) का हिस्सा है। यह प्रोजेक्ट चीन के पश्चिमी शिनजियांग प्रांत को अरब सागर के जरिए पाकिस्तान से जोड़ेगा।
चीन के नियंत्रण में एयरपोर्ट
अंतर्राष्ट्रीय संबंध विशेषज्ञ अजीम खालिद कहते हैं कि यह हवाई अड्डा पाकिस्तान या ग्वादर के लिए नहीं है। इसे चीन ने अपने लिए बनाया है, ताकि वे अपने नागरिकों की ग्वादर और बलूचिस्तान तक सुरक्षित पहुंच सुनिश्चित कर सके। उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान में दशकों से चल रहे विद्रोह को चीनी निवेश ने बढ़ा दिया है। अलगाववादी यहां लगातार चीनी कामगारों को निशाना बना रहे हैं। इससे चीन की सरकार की चिंता बढ़ी हुई है।ग्वादर के 76 वर्षीय निवासी खुदा बख्श हाशिम ने कहा, 'पहले हमसे कोई भी यह नहीं पूछता था कि हम कहां जा रहे हैं, क्या कर रहे हैं। आज हमें अपनी पहचान साबित करने के लिए कहा जाता है। हम यहां के निवासी हैं और बाहर से आए लोग हमसे पूछते हैं कि अपनी पहचान बताए। पाकिस्तान की सरकार और सेना चीनियों के साथ मिलकर स्थानीय लोगों का शोषण कर रही है।'
बलूचिस्तान का पाकिस्तान से संपर्क सीमित
बलूचिस्तान का पाकिस्तान के दूसरे हिस्सों से संपर्क सीमित रहा है। ग्वादर से कराची के लिए हफ्ते में सिर्फ तीन बार केवल एक कर्मशियल फ्लाइट है। यहां से क्वेटा या इस्लामाबाद के लिए कोई सीधी उड़ान नहीं है। ऐसे में ग्वादर के नए एयरपोर्ट से उड़ान लिए कोई बड़ी भीड़ होगी, ये उम्मीद करना मुश्किल है। हालांकि ये नया एयरपोर्ट बिल्कुल ही सूनसान है।बलूचिस्तान अवामी पार्टी के स्थानीय नेता अब्दुल गफूर का कहना है कि ग्वादर के नए एयरपोर्ट में क्या हो रही है, किसी को नहीं पता है। हवाई अड्डे पर किसी भी स्थानीय निवासी को नौकरी नहीं मिली है। स्थानीय। लोगों का कहना है कि ग्वादर के एयरपोर्ट से लेकर तक पर चीन ने अपना कब्जा जमा लिया है और स्थानीय लोगों को यहां नहीं जाने दिया जा रहा है।

