भारत के इस राज्य पर हमला कर सकता है चाइना, पेंटागन की रिपोर्ट में शॉकिंग दावे ने मचाई खलबली
अमेरिकी रक्षा विभाग, पेंटागन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने ताइवान और भारत के अरुणाचल प्रदेश दोनों को अपने तथाकथित "मुख्य हितों" में शामिल किया है। इस रिपोर्ट ने अरुणाचल प्रदेश को लेकर भारत-चीन संबंधों में मौजूद रणनीतिक तनाव को एक बार फिर वैश्विक मंच पर ला दिया है। विशेषज्ञ इसे सिर्फ़ एक सीमा विवाद नहीं, बल्कि बीजिंग की लंबी अवधि की भू-राजनीतिक योजना का हिस्सा मान रहे हैं। पेंटागन के अनुसार, चीन 2049 तक "राष्ट्रीय पुनरुत्थान" के अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए किसी भी कीमत पर अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय दावों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस रणनीति के तहत, ताइवान, दक्षिण चीन सागर और भारत-चीन सीमा को आपस में जुड़े हुए मोर्चों के रूप में देखा जा रहा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर भारत के साथ हाल ही में तनाव कम करना असल में चीन की लंबी अवधि की रणनीति का हिस्सा है। रक्षा विशेषज्ञ लेफ्टिनेंट कर्नल (रिटायर्ड) जेएस सोढ़ी ने नवभारत टाइम्स से बात करते हुए कहा, "पेंटागन की रिपोर्ट एक बार फिर साबित करती है कि भारत को लेकर चीन की बुनियादी सोच में कोई बदलाव नहीं आया है, बल्कि चीन अरुणाचल प्रदेश को लेकर भविष्य के संघर्ष की तैयारी कर रहा है।" सोढ़ी ने हैरानी जताई कि भारत में इस मुद्दे पर चर्चा नहीं हो रही है।
Pentagon's report to US Congress says it sees India's Arunachal Pradesh as it's 'core interest' pic.twitter.com/O7fVqj0dW6
— Sidhant Sibal (@sidhant) December 24, 2025
क्या चीन 2030 के बाद अरुणाचल प्रदेश पर हमला करेगा?
नवभारत टाइम्स से बात करते हुए जेएस सोढ़ी ने कहा, "राष्ट्रपति बनने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने अनौपचारिक रूप से रूस और चीन के साथ एक तरह का समझौता किया था, जिसके तहत उन्होंने दुनिया को तीन हिस्सों में बांट दिया था। कोई भी एक-दूसरे के क्षेत्र में दखल नहीं देगा।" रक्षा विशेषज्ञ सोढ़ी ने इसे 'G3' व्यवस्था बताया है। सोढ़ी ने कहा, "अगर आप चीन की योजना को देखें, अगर आप इसका गहराई से अध्ययन करें, तो आपको पता चलेगा कि चीन तेजी से भारत के खिलाफ तैयारी कर रहा है। वह अपने क्षेत्र में, अरुणाचल प्रदेश से 30 किलोमीटर दूर दुनिया का सबसे बड़ा बांध बना रहा है, और यह भी चीन की अरुणाचल रणनीति का हिस्सा है।" पेंटागन की आकलन रिपोर्ट में कहा गया है कि "बीजिंग LAC पर स्थिति को नियंत्रित करना चाहता है ताकि नई दिल्ली को वाशिंगटन के करीब जाने से रोका जा सके।"
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि अरुणाचल प्रदेश सिर्फ़ एक भौगोलिक सीमा नहीं है, बल्कि चीन की इंडो-पैसिफिक रणनीति का एक अभिन्न अंग है। लेफ्टिनेंट कर्नल (रिटायर्ड) जेएस सोढ़ी का कहना है कि 2030 के बाद चीन अरुणाचल प्रदेश पर कब्ज़ा करने के लिए हमला कर सकता है। उन्होंने आगे कहा कि चीन 2027 के आखिर तक ताइवान पर हमला करेगा और इसके लिए एक बिल्कुल अलग रणनीति पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि चीन ताइवान पर मिलिट्री हमले से पहले स्पेस वॉर और साइबर वॉर करेगा। वह ताइवान के बैंकिंग सिस्टम, कम्युनिकेशन नेटवर्क और सैटेलाइट नेटवर्क को ब्लॉक कर देगा, जिससे ताइवान में अफरा-तफरी मच जाएगी। ताइवान पूरी तरह से बाहरी दुनिया से कट जाएगा। जब ताइवान पूरी तरह से अंधेरे में डूब जाएगा, तब चीन अपनी सेना को ताइवान पर कब्ज़ा करने के लिए भेजेगा।

