आखिर कौन है भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा? जानें क्या है देश की रक्षा की सबसे बड़ी जरूरत

ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान और चीन के बीच गहरी मिलीभगत का खुलासा हुआ था। इसलिए भारत को अपने रक्षा बजट को जीडीपी के कम से कम 2.5% तक बढ़ाने की जरूरत है। रक्षा अनुसंधान और उत्पादन में आत्मनिर्भरता पर पहले से कहीं ज्यादा जोर देना होगा। साथ ही, मानव रहित हवाई प्रणालियों, लंबी दूरी के हथियारों, अंतरिक्ष आधारित प्रणालियों, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और अन्य सैन्य तकनीकों में भारी निवेश की जरूरत होगी। क्योंकि, ये तकनीकें भविष्य के युद्ध में निर्णायक साबित होंगी। मोदी सरकार को अब दो मोर्चों पर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
चीन भारत को दक्षिण एशिया में उलझाए रखने के लिए पाकिस्तान का इस्तेमाल प्रॉक्सी के तौर पर करता रहना चाहता है। अंतरराष्ट्रीय सीमाएं अभी पूरी तरह से परिभाषित नहीं हैं, इसलिए ये चुनौतियां और बढ़ेंगी। इस तरह से आने वाले सालों में चीन भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा बना रहेगा। एक शीर्ष सैन्य अधिकारी ने टीओआई से कहा, 'भारत को एक महाशक्ति (चीन) से निपटना है जो एक सैन्य प्रतिद्वंद्वी (पाकिस्तान) का सक्रिय रूप से समर्थन कर रही है। हमें अपनी पारंपरिक और परमाणु क्षमताओं को मजबूत करना जारी रखना होगा।' इसका मतलब है कि हमें अपनी सेना को और भी ज्यादा शक्तिशाली बनाना होगा, ताकि कोई भी देश हम पर हमला करने की हिम्मत न कर सके।
पाकिस्तान ने अपने रक्षा बजट में 20% की बढ़ोतरी की
7 से 10 मई के बीच हुई लड़ाई में पाकिस्तान ने कई चीनी हथियारों का इस्तेमाल किया। इनमें J-10 फाइटर जेट शामिल थे, जो PL-15 मिसाइल दाग सकते हैं। HQ-9 एयर डिफेंस मिसाइल बैटरियों का भी इस्तेमाल किया गया। इससे पता चलता है कि चीन और पाकिस्तान के बीच कितना गहरा गठजोड़ है। हालात और भी खराब होने वाले हैं, क्योंकि पाकिस्तान चीन से कम से कम 40 J-35A पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ जेट और HQ-19 लंबी दूरी की एयर डिफेंस मिसाइल प्रणाली हासिल करने वाला है। इन सभी कुख्यात इरादों के साथ, पाकिस्तान ने कर्ज में डूबे होने और अर्थव्यवस्था को IMF से मिलने वाले बेलआउट पर निर्भर छोड़ने के बावजूद अपने रक्षा बजट में 20% की बढ़ोतरी की है।