Samachar Nama
×

बांग्लादेश में फिर मोहम्मद यूनुस सरकार के तख्तापलट की आहट! इन प्वाइंट्स में जानिए क्यों चल रही यह चर्चा

बांग्लादेश भी पाकिस्तान की राह पर है। 9 महीने पहले बांग्लादेश में शेख हसीना को सत्ता से हटा दिया गया था और वहां अंतरिम सरकार का गठन किया गया था। मोहम्मद यूनुस को इसका प्रमुख बनाया गया, लेकिन अब मोहम्मद यूनुस और बांग्लादेशी सेना के बीच....
dsafds

बांग्लादेश भी पाकिस्तान की राह पर है। 9 महीने पहले बांग्लादेश में शेख हसीना को सत्ता से हटा दिया गया था और वहां अंतरिम सरकार का गठन किया गया था। मोहम्मद यूनुस को इसका प्रमुख बनाया गया, लेकिन अब मोहम्मद यूनुस और बांग्लादेशी सेना के बीच तनाव बढ़ रहा है। इस प्रकार बांग्लादेश एक बार फिर अराजकता के कगार पर है। बांग्लादेश सेना के प्रमुख जनरल वकार-उज़-ज़मान ने यूनुस सरकार को अवैध घोषित कर दिया है। हताश मोहम्मद यूनुस ने इस्तीफा देने की धमकी दी है, तो सवाल यह है कि क्या इस्लामी कट्टरपंथी सत्ता पर कब्जा कर लेंगे? इस बीच, राजधानी ढाका में हिंसक विरोध प्रदर्शन का एक और दौर शुरू होने की आशंका जताई जा रही है। बांग्लादेश में दो दर्जन से अधिक तख्तापलट हो चुके हैं, मौजूदा हालात के अनुसार यहां तख्तापलट की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

5 अगस्त 2024 को बांग्लादेश में तख्तापलट हो सकता है

5 अगस्त 2024 को बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद शेख हसीना अपनी जान बचाकर भारत आ गईं और अभी भी भारत में रह रही हैं। अब 9 महीने बाद शेख हसीना की जगह बांग्लादेश में अंतरिम सरकार चला रहे मोहम्मद यूनुस का तख्तापलट भी हो गया है। आपको बता दें कि शेख हसीना ने मोहम्मद यूनुस के बारे में बड़ी बात कही थी कि वह ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें लोगों ने कभी प्यार नहीं किया। यूनुस ने गरीबों को ऊंची ब्याज दरों पर छोटे-छोटे ऋण दिये और उस पैसे से कई देशों में विलासितापूर्ण जीवन जिया। वह वक्त हम नहीं पाए चाकी की एऑनस, है एस्थ करना। लेकिन इससे लोगों को कोई फायदा नहीं हुआ, केवल वह अमीर बन गया। बाद में उनमें सत्ता की भूख पैदा हो गई, जो आज बांग्लादेश को जला रही है। इसके अलावा भारत में रह रहीं शेख हसीना एक और बात कहती हैं कि मैं जिंदा हूं, अल्लाह मुझे मौका जरूर देगा। इसीलिए अल्लाह ने मुझे जीवित रखा है। आ रहा हूँ

ढाका प्रदर्शनों का गढ़ बन सकता है

यह कहना मुश्किल है कि शेख हसीना बांग्लादेश पहुंचेंगी या नहीं, लेकिन यह तय है कि बांग्लादेश के मौजूदा हालात बताते हैं कि मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार का समय खत्म हो गया है। बांग्लादेश एक बार फिर अस्थिरता के कगार पर है और आशंका है कि राजधानी ढाका एक बार फिर विरोध प्रदर्शनों का केंद्र बन सकती है। क्योंकि बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार उज ज़मान ने मोहम्मद यूनुस को चेतावनी दी है। बांग्लादेशी जनरल ने दृढ़तापूर्वक कहा है कि बांग्लादेश में दिसंबर 2025 से पहले चुनाव होने चाहिए।

बांग्लादेशी जनरल का मोहम्मद यूनुस को कड़ा संदेश

बांग्लादेशी जनरल ने यह भी कहा कि मोहम्मद यूनुस को सैन्य मामलों में हस्तक्षेप करना बंद कर देना चाहिए तथा प्रस्तावित राखीन कॉरिडोर जैसे प्रमुख मुद्दों पर सेना को जानकारी देते रहना चाहिए, क्योंकि वह निर्वाचित सरकार के नेता नहीं हैं। बड़ी बात यह है कि मोहम्मद यूनुस ने पहले तो सहानुभूति बटोरने के लिए इस्तीफे की पेशकश का नाटक किया, लेकिन अब वह छात्रों के माध्यम से मांग कर रहे हैं कि उन्हें बिना चुनाव लड़े 5 साल तक सत्ता में रहना चाहिए। मोहम्मद यूनुस की ओर से भी सेना से कहा गया है कि शीघ्र चुनाव कराने की उनकी मांग पूरी नहीं की जाएगी।

छात्रों की मदद से सत्ता में बने रहना चाहते हैं मोहम्मद यूनुस

बांग्लादेश में दो दर्जन से अधिक तख्तापलट हो चुके हैं। सेना ने शेख हसीना को हटाने के लिए छात्रों के कंधों पर सवार होकर अपना काम किया, लेकिन अब मोहम्मद यूनुस छात्रों की मदद से सत्ता में बने रहना चाहते हैं। मोहम्मद यूनुस के समर्थक शनिवार को उनके समर्थन में एक रैली आयोजित करेंगे। इस रैली में यूनुस को अगले पांच साल तक सत्ता में बनाए रखने की मांग की जाएगी। यूनुस के समर्थकों ने लोगों से 'यूनुस को अगले पांच साल तक सत्ता में रहने दो' और 'पहले सुधार, चुनाव के बाद' के नारे लगाने की मांग की है।

बांग्लादेश में राजनीतिक समीकरण क्या हैं?

बांग्लादेश की मुख्य राजनीतिक पार्टी बीएनपी यानी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी ने चुनाव की मांग तेज कर दी है। जबकि बांग्लादेश में नेशनल सिटिजन पार्टी यानी एनसीपी से जुड़े छात्र नेता युवाओं और इस्लामी कट्टरपंथियों से सड़कों पर उतरने का आह्वान कर रहे हैं। खास बात यह है कि यूनुस को रखने के मुद्दे पर एनसीपी और बांग्लादेश की सबसे बड़ी इस्लामी राजनीतिक पार्टी जमात-ए-इस्लामी एक साथ हैं। कहा जा रहा है कि यूनुस ने इस्तीफा देकर बांग्लादेश के सेना प्रमुख के खिलाफ आंदोलन भड़काने की कोशिश की है। बांग्लादेश के सेना प्रमुख जल्द से जल्द चुनाव चाहते हैं, ताकि चुनी हुई सरकार को देश की जिम्मेदारी सौंपी जा सके। लेकिन यह बात जमात और हिफाजत-ए-इस्लाम जैसे चरमपंथियों को स्वीकार्य नहीं है, जो मोहम्मद यूनुस को आगे रखकर पीछे से अपना इस्लामी एजेंडा चला रहे हैं।

Share this story

Tags