अब चोरी पर उतरा कंगाल पाकिस्तान, भारत की चीज को अपना बताकर बेचने लगा, DRI ने पकड़ा 1115 टन माल तो खुली पोल

भारत सरकार की सख्त नीतियों के बावजूद पाकिस्तानी सामानों की अवैध एंट्री पर रोक नहीं लग पा रही थी। लेकिन अब राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 'ऑपरेशन दीप मैनिफेस्ट' के तहत पाकिस्तानी मूल के 1,115 मीट्रिक टन सामान जब्त किए हैं। इस सामान की कीमत करीब 9 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इस मामले में एक आयातक फर्म के पार्टनर को भी गिरफ्तार किया गया है।
पाकिस्तान से आयात पर प्रतिबंध क्यों लगाया गया?
दरअसल, मई 2025 में पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान से सीधे या परोक्ष रूप से (किसी तीसरे देश के जरिए) आने वाले सामानों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था। पहले ऐसे सामान पर 200 फीसदी कस्टम ड्यूटी लगाई जा रही थी, लेकिन अब इसके प्रवेश पर रोक है।
कैसे पकड़ी गई यह खेप?
ये सामान दुबई (यूएई) के रास्ते भारत लाया जा रहा था। फिर न्हावा शेवा बंदरगाह पर दो अलग-अलग मामलों में ये कंटेनर पकड़े गए। दस्तावेजों में कहा गया था कि यह यूएई का है, लेकिन डीआरआई की जांच में पता चला कि असली स्रोत पाकिस्तान का कराची पोर्ट था। माल को दुबई में ट्रांसशिप किया गया और पहचान छिपाने के लिए नए कंटेनरों और जहाजों में भारत भेजा गया।
क्या मिला?
इसमें 39 कंटेनर थे, जिनमें सूखे खजूर जैसे खाद्य पदार्थ भरे हुए थे। दस्तावेजों की जांच में पाकिस्तानी संस्थाओं से पैसे के लेन-देन का भी पता चला। पूरा ऑपरेशन पाकिस्तानी और यूएई नागरिकों की मिलीभगत से किया गया।
सरकार की सतर्क नजर
'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान से जुड़े व्यापार चैनलों पर निगरानी पहले ही बढ़ा दी गई थी। इसी कड़ी में ऑपरेशन डीप मैनिफेस्ट चलाया गया। डीआरआई ने डेटा एनालिटिक्स, खुफिया जानकारी और अंतर-एजेंसी समन्वय के जरिए इस बड़े पैमाने पर तस्करी को पकड़ा। इससे भारत की आर्थिक सुरक्षा को खतरा हो सकता था। गुप्त वित्तीय लेन-देन और पाकिस्तान से जुड़े लोगों की भूमिका पर सवाल उठे हैं। यह कार्रवाई भारत सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाती है।