बांग्लादेश चुनाव में धांधली की साजिश रच रहे यूनुस? दबाव के बावजूद दिसंबर में क्यों नहीं चाहते इलेक्शन

तख्तापलट के बाद बांग्लादेश में फिलहाल मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार का शासन है। कानून-व्यवस्था की चुनौतियों से जूझ रहे देश में आम चुनाव को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। साथ ही मोहम्मद यूनुस की सरकार की मंशा पर भी सवाल उठने लगे हैं। ह्यूमन राइट्स एंड पीस फॉर बांग्लादेश की अध्यक्ष मंजिल मुर्शिद ने आशंका जताई है कि देश में एक बार फिर चुनाव टल सकते हैं, क्योंकि आयोग की ओर से चुनाव को लेकर कोई घोषणा नहीं की गई है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक मुर्शिद ने एक बयान में कहा है कि 5 अगस्त 2024 के बाद देश में साजिश देखने को मिली है।
सरकार ने लोगों की मांग के मुताबिक स्वतंत्र, निष्पक्ष और सामाजिक रूप से जिम्मेदार चुनाव कराने की दिशा में कोई बड़ा कदम नहीं उठाया है। इस दौरान डॉ. मोहम्मद यूनुस अंतरिम सरकार के तौर पर सत्ता में आए, जबकि संविधान में इसका कोई प्रावधान नहीं है। चुनाव की तारीखों को लेकर सस्पेंस बरकरार मंजिल मुर्शिद ने कहा है कि सरकार के मुख्य सलाहकार लंदन गए थे, जहां उन्होंने बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के पदाधिकारी तारिक रहमान से मुलाकात की। इस बैठक के बाद संयुक्त घोषणा हुई, जिसमें कहा गया कि फरवरी में चुनाव होंगे, लेकिन अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है। चुनाव आयोग की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक कार्यक्रम जारी नहीं किया गया है।
विपक्ष द्वारा चुनाव को प्रभावित करने के आरोप लगाए जा रहे हैं
गौरतलब है कि विपक्ष लगातार आरोप लगाता रहा है कि सरकार चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित कर रही है और निष्पक्ष चुनाव की संभावना पर संदेह है। अगर फरवरी में चुनाव होते भी हैं, तो यह देखना बाकी है कि क्या वे वास्तव में निष्पक्ष और समावेशी होंगे। फिलहाल, सबकी निगाहें चुनाव आयोग पर टिकी हैं।
चुनाव से बदलाव आएगा
मंजिल मुर्शिद ने कहा कि अगर चुनाव होते हैं, तो परिदृश्य में बड़ा बदलाव आएगा। जब कोई पार्टी सत्ता में आती है, तो हमें उम्मीद है कि हमारे लोकतांत्रिक अधिकार स्थापित होंगे। बेशक, कोई भी राजनीतिक दल को काम करने और अपनी गतिविधियों को अंजाम देने के अधिकार से वंचित नहीं कर सकता, क्योंकि राजनीतिक दल मूल रूप से राजनीति और लोकतंत्र की बात करते हैं, भले ही यह सरकार किसी पार्टी की सरकार न हो।
इसके अलावा मुर्शिद ने कहा कि बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना के इस समय भारत से लौटने की संभावना बहुत कम है। उन्होंने कहा कि शेख हसीना का देश छोड़कर भारत जाना अपनी सुरक्षा के लिए सही फैसला था। 'मेरा दिल फट रहा है', बांग्लादेश में हिंदू मंदिर तोड़ा गया, देवी की मूर्ति भी तोड़ी गई; रोती हुई महिला बोली- यहां हजारों मस्जिदें हैं।